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यहां हैं किचन के 7 मसाले जो स्वाद बढ़ाने के साथ रोगों से बचाव भी करते हैं

भारतीय रसोई में भोजन बनाते वक्त कई तरह के मसालों का प्रयोग किया जाता है। ये मसाले न सिर्फ स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि सेहत को भी दुरुस्त रखते हैं।
किचन में मौजूद मसाले वेटलॉस में सहायक होते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 20 Oct 2023, 09:36 am IST
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आज के दौर में हम हर छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा का सहारा लेते हैं। जबकि हमारे घर की रसोई में ऐसे बहुत से मसाले हैं, जो हमें छोटी-मोटी बीमारियों जैसे सर्दी, जुकाम और खांसी से राहत देते हैं। इनके अलावा कुछ खतरनाक रोगों से भी हमारा बचाव करते हैं। ये खास मसाले रसोई के स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन में स्वाद का तड़का भी लगाते हैं। इसलिए ये मसाले हमारी रसोई को सेहत का खजाना बनाते हैं। कौन-कौन से मसाले रसोई काे सेहत का खजाना ( spices health benefits ) बनाते हैं, इसके बारे में वेदास क्योर के फाउंडर और डायरेक्टर डॉ. विकास चावला हमें बता रहे हैं।

 यहां हैं वे 7 मसाले जिनके प्रयोग से कई रोगों से हमारा बचाव होता है

डॉ. विकास चावला बताते हैं, ‘रसोई में हम अलग-अलग भोजन के लिए अलग-अलग मसाले का प्रयोग करते हैं। दालचीनी, हल्दी, काली मिर्च, अदरक, मेथी, लौंग, जीरा जैसे कई और मसाले हैं, जो पौष्टिकता से भरपूर हैं। आयुर्वेद के अनुसार इनका उपयोग करने से हम कई प्रकार के संक्रमण से बचे रहते हैं।’

 1.हल्दी (Turmeric)

हल्दी भारतीय रसोई में पाया जाने वाला एक आम मसाला है। यह वात और कफ दोषों को दूर करने में मदद करती है। इसमें पाया जाने वाला करक्यूमिन नामक तत्व एलर्जी, गठिया, हृदय रोग, अल्जाइमर और मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक होता है। इसमे कैंसररोधी गुण होते हैं, जो कैंसर से बचाव करते हैं।

कैसे करें प्रयोग

दूध में मिलाकर इसका सेवन करने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बूस्ट होती है। चुटकी भर हल्दी को एक गिलास दूध में डालें। फिर इसे अच्छी तरह उबाल लें। गुनगुना होने पर इसके सेवन से शरीर के दर्द में काफी राहत मिलती है। यह सर्दी-जुकाम में बहुत लाभदायक है।

 2 अदरक (Ginger)

यह भी एक सुलभ और गुणकारी मसाला है। इसका उपयोग हम भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए करते हैं। अदरक वाली चाय वैसे भी भारतीय जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसका सेवन स्वाद के साथ-साथ हमारी सेहत को भी बढ़ाता है। ये शरीर को डिटॉक्सीफाई करने का भी काम करती है।

कैसे करें प्रयोग

इन्फ्लुएंजा से पीड़ित लोग 6 मिली अदरक के रस में 6 ग्राम शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार सेवन करें, तो इन्फ्लुएंजा से राहत मिलती है। निमोनिया में भी ये राहत देती है।निमोनिया में अदरक के 5 मिली रस में 1 या 2 वर्ष पुराना घी और कपूर मिलाकर गर्म करके छाती पर हल्की मालिश करने से राहत मिलती है।

 3 मेथी(Fenugreek)

मेथी प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाली मेथी साग और मसाले के रूप में इस्तेमाल की जाती है। इसमें हिपेटो-प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। यह लीवर के लिए फायदेमंद होता है।

कैसे करें प्रयोग

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1-2 ग्राम मेथी दाना (बीज) के चूर्ण का सेवन न्यूरो (तंत्रिका-तंत्र) से जुड़ी समस्याओं में लाभकारी होता है। इससे शरीर में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। 

  1. दालचीनी

दालचीनी में बहुत सारे औषधीय गुण हैं। यह जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटीफंगल है, जो हमें बहुत से संक्रमण से बचाता है। यह एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है। इसमें पॉलीफेनोल्स और प्रोएंथोसायनिडिन पाये जाते हैं। इसका सेवन दांत व चर्म रोग, सिर दर्द, पाचनतंत्र से जुड़े विकारों से राहत दिलाता है। 

आयुष मंत्रालय द्वारा दालचीनी को हर्बल काढ़े के मुख्य घटक के रूप में सुझाया गया है। दालचीनी की चाय भी लाभकारी होती है। इसके अनुचित सेवन से सिर दर्द की समस्या हो सकती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को इसका उपयोग करने से बचना चाहिए।

दालचीनी का प्रयोग रोगों को दूर करने में मदद करता है | चित्र : शटरस्टॉक

कैसे करें प्रयोग

इसका उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए। 

 5 लौंग (Clove)

इसे अच्छा प्रतिरोधक माना जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं। जो प्रतिरोधक क्षमता का निर्माण करते हैं। लौंग खांसी और गले की तकलीफ को कम करती है।

कैसे करें प्रयोग

इसका सेवन गर्म पानी के साथ या चाय में डालकर कर सकते हैं। खांसी से राहत के लिए 3-4 नग लौंग को आग पर भूनकर पीस लें । इसमें शहद मिलाकर चाटने से खांसी से जल्द आराम मिलता है।

 6 काली मिर्च (Black Pepper)

इसमें एंटीऑक्सीडेंट, रोगाणुरोधी और गैस्ट्रो से सुरक्षा देने वाले गुण होते हैं। इसका आयुर्वेद के अनुसार सेवन करना श्वसन संक्रमण से तुरंत राहत देता है।  यह सर्दी और खांसी को ठीक कर गले को भी सुरक्षा प्रदान करती है। दैनिक आहार में शामिल करने से भी शरीर को आंतरिक मजबूती मिलती है।

कैसे करें प्रयोग

दमा और खांसी से आराम के लिए 2 ग्राम काली मिर्च के चूर्ण को 200 मिली गाय के दूध में पकाकर पीने से फायदा होता है। काली मिर्च पेट के कीड़े का कारगर उपचार करने में सहायक है। इसके लिए 2-3 ग्राम काली मिर्च चूर्ण को 1 कप छाछ के साथ सुबह खाली पेट लेने से पेट के कीड़े निकल जाते हैं।

 7 जीरा (Cumin)

यह एक प्रमुख लोकप्रिय मसाला है। इसका उपयोग भारतीय पकवान व व्यंजनों में अक्सर किया जाता है। इसमें ‘एपिजेनिन’ और ‘ल्यूटोलिन’ नामक तत्व होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट का कार्य करते हैं। यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक तत्वों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है जीरा। चित्र : शटरस्टॉक

कैसे करें प्रयोग

एसिडिटी होने पर धनिया और जीरा के 120 ग्राम पेस्ट को 750 ग्राम घी में पका लें। रोज 10-15 ग्राम की मात्रा में इसके सेवन से एसिडिटी ठीक होती है। यह पुराने कफ, पित्त की बीमारी और भूख की कमी भी दुरुस्त करता है।

यह भी ध्यान रखें  

किसी भी समस्या का स्वयं उपचार न करें। अपने चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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