शरीर पर तेल की मालिश करना उन सबसे प्राचीन प्राकृतिक पद्धतियों में से एक है, जो दवाओं के इस्तेमाल से पहले लोग किया करते थे। मेरी मम्मी आज भी नियमित तेल की मालिश की सलाह देती हैं। खासतौर से मानसून में वे शरीर को चुस्त-दुरूस्त करने के लिए नारियल के तेल से बॉडी मसाज करने की सलाह देती हैं। आयुर्वेद में शरीर के दर्द को कम करने के लिए बॉडी मसाज (Body massage) का उपयोग किया जाता है। तो मानसून में क्या है बॉडी मसाज की जरूरत और नारियल तेल कैसे इसमें मदद कर सकता है, आइए जानने की कोशिश करते हैं।
मां कहती है कि मानसून में नहाने से एक घंटे पहले नारियल तेल से शरीर और पैरों की मालिश करनी चाहिए। इससे न सिर्फ इंफेक्शन दूर हो जाता है, बल्कि शरीर के हर एक अंग को दर्द से राहत मिल जाती है।
नहाने से एक घंटे पहले इसलिए मालिश करनी चाहिए, ताकि तेल स्किन में अच्छी तरह एब्जॉर्ब हो जाए। मेरी मम्मी अकसर थकान के बाद हुए कमर दर्द और पीठ दर्द से राहत पाने के लिए नारियल तेल की मालिश पर भरोसा करती हैं। वे बताती हैं कि ग्रामीण इलाकों में आज भी प्रसव के बाद होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए तेल की मालिश की जाती है।
यह न सिर्फ मांसपेशियों को आराम देती है, बल्कि किसी भी प्रकार के संक्रमण से भी त्वचा को मुक्त रखती है। आयुर्वेद के अनुसार, मालिश ब्लड सर्कुलेशन को सही करता है, सेल्स को रिजुवेनेट करता है और शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
मानसून में शरीर के एनर्जी लेवल को मेंटेन करने के लिए बॉडी मसाज एक नेचुरल तरीका है। नारियल तेल स्किन इंफेक्शन को दूर करता है और शरीर की मांसपेशियों के लचीलेपन को बेहतर बनाता है। यह बाॅडी को रिलैक्स भी करता है। लिगामेंट और मसल्स को बूस्ट कर शरीर के दर्द से भी राहत दिलाता है। पर ध्यान रहे कि बॉडी मसाज हमेशा बिस्तर या चटाई पर पेट के बल लेट कर ही करवानी चाहिए।
मानसून में नमी अधिक होती है, इससे आपकी स्किन अधिक चिकनी हो जाती है। इससे बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है। नारियल का तेल एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। यह स्किन पोर्स को बैक्टीरिया से मुक्त करता है और गहराई से स्किन को साफ करने में मदद करता है। यदि पानी में भीग जाने के कारण बॉडी पेन हो रहा है, तो इसमें भी नारियल तेल की मालिश से राहत मिल सकती है। इसके लिए शुद्ध और अनरिफाइंड वर्जिन नारियल तेल अधिक फायदेमंद होता है।
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कस्टमाइज़ करेंइसमें मौजूद लिनोलिक एसिड हाइड्रेटर का काम करता है।
कोकोनट ऑयल से मसाज करने पर न केवल तेल स्किन में अच्छी तरह अब्जॉर्ब हो जाता है, बल्कि स्किन पोर्स खुल जाने के कारण नहाने के समय शरीर की अच्छी तरह से सफाई भी हो जाती है।
कोकोनट ऑयल की स्किन को सॉफ्ट और स्मूद बनाने की क्वालिटी स्किन बैरियर फंक्शन को रिपेयर करती है। यह ड्राई और ईची स्किन से भी राहत दिलाता है।
मानसून में सबसे ज्यादा नुकसान बालों का होता है। हवा में बढ़ी हुई नमी स्कैल्प को प्रभावित करती है। इससे खुजली, सूखापन, रूसी और उलझे बाल हो जाते हैं। पसीने और प्राकृतिक तेलों की कमी के कारण बालों की जड़ कमजोर हो जाती हैं, जिससे बाल बहुत झड़ने लगते हैं।
सप्ताह में 2 दिन सोने से पहले स्कैल्प और बालों की नारियल तेल से मसाज करें। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और फैटी एसिड स्कैल्प सेल्स को न्यूट्रीशन देते हैं और सेलुलर मरम्मत को बढ़ावा देते हैं।
यह रूसी और ड्राईनेस को खत्म करता है। यह बालों को पोषण देकर बालों की मजबूती को बढ़ाता है। इससे बालों का टूटना कम हो जाता है। इसके नियमित उपयोग से बालों की ग्रोथ बढ़िया हो जाती है।
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