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मिल्क की बजाए आजकल मेरी मम्मी हो गईं हैं बटरमिल्क की फैन, क्या आप जानती हैं इसके फायदे?

मेरी मम्मी इन दिनों हर रोज़ छाछ पीने की सलाह देती हैं। उनका मानना है कि ये शरीर को हाइड्रेट करने के अलावा कई गंभीर बीमारियों से भी बचा सकती है।
Updated On: 25 Apr 2022, 02:56 pm IST
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oatmeal aur Buttermilk ke fayde.
हेल्दी छाछ को तैयार करने के लिए इस विधि को अपनाएं। चित्र शटर स्टॉक

गर्मी से राहत पाने के लिए लोग तरह तरह के तरीके अपनाते हैं। इस मौसम में लोग अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान देते हैं। खानपान के लिहाज से देखा जाए तो ज्यादातर लोग गर्मी के मौसम (Summer season) में पानी के साथ पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व युक्त हल्के आहार को वरीयता दी जाती है। ये न सिर्फ आपको हाइड्रेटेड (Hydrated) रखते हैं, बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से भी बचाते हैं। ऐसा ही एक सुपरफूड है छाछ (Chhach)। जिस पर मेरी मम्मी का अटूट विश्वास है। वे मानती हैं कि गर्मियों में हर रोज़ छाछ पी जा सकती है और यह दही से भी ज्यादा फायदेमंद (Buttermilk benefits) है।

दूध से बेहतर है छाछ

इन दिनों मेरी मम्मी मिल्क की बजाए बटरमिल्क यानी छाछ की फैन हो गईं हैं। पहले जैसे वे दूध पीने की पैरवी किया करती थीं, उसी तरह आजकल वे छाछ की पैरवी करती हैं। और हर दिन एक बड़ा गिलास भरकर छाछ मेरे लिए तैयार कर देती हैं। हालांकि काले नमक और भुने जीरे के साथ इसका सेवन करना लाजवाब होता है, पर क्या वाकई ये सेहत के लिए भी फायदेमंद है?

chhach dahi se bhi zyada behtar hai
छाछ दही से भी ज्यादा बेहतर है। चित्र: शटरस्टॉक

यह जानने के लिए मैंने कुछ चीजों को सर्च करना शुरू किया। और मैं हैरान था, क्योंकि छाछ दही और दूध से भी ज्यादा फायदेमंद है। जानना चाहती हैं कैसे? तो बस इसे पढ़ती रहिए।

जानिए क्या है छाछ

ज्यादातर लोग ये समझते हैं कि दही में पानी मिलाने पर छाछ तैयार हो जाती है। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। दरअसल छाछ तब बनती है जब दही से मक्खन को पूरी तरह अलग कर दिया जाता है। धीरे-धीरे मक्खन बाहर निकालने के बाद जो लिक्विड बचता है, वही असल छाछ है। इस छाछ में जीरा, काली मिर्च समेत अन्य मसाले मिलाकर पीने से इसकी औषधीय गुणवत्ता बढ़ जाती है।

पोषक तत्वों का खजाना है छाछ (Buttermilk nutritional value)

गर्मी के मौसम छाछ का इस्तेमाल खूब किया जाता है। एक छोटे से छाछ के पैकेट में ढेर सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (US Department of Agriculture) के फूड डाटा सेंट्रल (food data central) के मुताबिक, 245 मिलीलीटर छाछ के पाउच में 8 ग्राम प्रोटीन, 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3 ग्राम वसा व पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, सोडियम, राइबोफ्लेविन, विटामिन B12 और पेंटोथेनिक एसिड मौजूद होता है। इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर कट्रोल समेत हड्डी और ओरल स्वास्थ्य की सेहत के साथ-साथ शरीर को कई लाभ होते है।

अन्य डेयरी उत्पादों की तुलना में इसे आसानी से पचा जाती है छाछ

छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड, प्राकृतिक स्रोतो से मिले लैक्टोज शुगर को पचाने में सहायक होता है। बहुत से लोग उपयुक्त एंजाइम (लैक्टिक एसिड) न होने के कारण लैक्टोज शुगर को नहीं पचा पाते हैं। दुनिया भर में करीब 65% लोग शैशवावस्था (infancy) के बाद संबंधित एंजाइम की गैरमौजूदगी के चलते लैक्टोज शुगर को पचा नहीं पाते (lactose intolerance) हैं।

buttermilk apko hydrate rakhta hai
छाछ आपको हाइड्रेट रखने में मदद करती है। चित्र: शटरस्टॉक

लैक्टोज को पूरी तरह से पचाने में असमर्थ लोगों को छाछ पीने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद बैक्टीरिया से लैक्टोज शुगर टूट जाता है। और छाछ का शरीर पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी नहीं पड़ता है।

हड्डियों की मजबूती में सहायक

छाछ, कैल्शियम और फास्फोरस का एक अच्छा स्रोत है। इन्हीं पोषक तत्वों की मौजूदगी के कारण हमारे शरीर की हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं। जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसे तमाम हड्डी रोगों को रोकने में करागर साबित होती हैं।

कम करती है मसूड़ों की सूजन

छाछ मसूड़ों के सूजन को कम करने में सहायक होता है। जिसके चलते ओरल स्वास्थ्य ठीक बना रहता है। इन सब के आलावा छाछ का नियमित सेवन करने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है।

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
मिथिलेश कुमार पटेल
मिथिलेश कुमार पटेल

भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली से पत्रकारिता में डिप्लोमा कर चुके मिथिलेश कुमार सेहत, विज्ञान और तकनीक पर लिखने का अभ्यास कर रहे हैं।

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