मकर संक्रांति का त्योहार नजदीक है। जनवरी की शुरुआत होते ही इस त्योहार के स्वागत की तैयारियां शुरू कर देते हैं। बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश के ज्यादातर घरों में सुबह के नाश्ते या दोपहर के भोजन में दही चिवड़ा खाना शुरू कर देते हैं। यह पेट भरने वाला और स्वादिष्ट भोजन दिन की शुरुआत करने के लिए आवश्यक ऊर्जा भी देता है। यही वजह है कि दही चिवड़ा को सालों भर खाया जाता है। अच्छी बात यह है कि ज्यादातर घरों में दही चिवड़ा को गुड़ के साथ खाया जाता है। दही चिवड़ा और गुड़ का कॉम्बिनेशन फिजिकल और मेंटल हेल्थ दोनों को मजबूती (dahi chiwda gud benefits) देते हैं।
वसंत के आगमन और नई फसल की कटाई शुरू होने के स्वागत में देशभर में किसी न किसी रूप में मकरसंक्रांति मनाई जाती है। मकर राशि में सूर्य का प्रवेश 14 जनवरी को रात 2.42 बजे हो रहा है। सूर्योदय काल को महत्व दिए जाने के कारण 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जायेगी।
दलिया (Porridge) जैसा दिखने वाला यह मिश्रण चीनी और गुड़ के साथ खाया जाता है। गुड़ के साथ खाने पर आयरन और फोलेट प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। यह हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के सामान्य स्तर को बनाए रखकर एनीमिया से बचने में मदद करता है। गुड़ के साथ दही खाने से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। थकी हुई नसों को भी आराम मिल सकता है।
यह आहार वजन घटाने वाला है। अगर आपको पीलिया या दस्त हो रहा है, तो दही चिवड़ा गुड़ के साथ अनार और पुदीना भी शामिल कर सकती हैं। अगर इसमें पका हुआ केला मिला दिया जाए, तो यह काफी भारी डिनर बन सकता है। यह आपके पेट के लिए फायदेमंद है और बोवेल मूवमेंट में भी मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार, गुड़ के मिश्रण वाला दही पेट के लिए फायदेमंद है।गुड़ के साथ कुछ चम्मच दही का सेवन आपके यूरिनरी ब्लेडर को शांत करने में भी मदद कर सकता है। अगर आप अक्सर कब्ज, अपच या एसिडिटी की समस्या से जूझ रही हैं, तो गुड़ के साथ एक कटोरी दही इन सभी समस्याओं से निजात दिला सकता है।
गुड़ में चीनी की मात्रा सफेद चीनी के बराबर होती है। मधुमेह रोगियों को इसके सेवन से बचना चाहिए। मधुमेह रोगियों के लिए चीनी वाला दही या गुड़ के साथ दही भी ब्लड शुगर लेवल बढ़ा सकता है। जो लोग शुगर के प्रति संवेदनशील हैं, उनके लिए गुड़ का सेवन एलर्जी का कारण बन सकता है। गुड़ के अधिक सेवन से शरीर का वजन भी बढ़ सकता है। दही चिवड़ा का सेवन मधुमेह रोगी नमक के साथ कर सकते हैं।
1.यह मस्तिष्क की ग्लूकोज आपूर्ति में सुधार करता है। यह ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है और पूरे दिन हाइड्रेटेड रखता है।
2. यह इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम को सही करता है।
3. पुलाव या तले हुए चावल जैसे खाद्य पदार्थों की तुलना में इसमें बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है।
4. दही के प्रोबायोटिक्स, हेल्दी फैट और दही और गुड़ में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
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कस्टमाइज़ करें5. यह लंबे समय तक पेट भरा हुआ रखने के अलावा, पाचन तंत्र को भी मजबूती देता है।
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