Basa Fish Benefits : अगर आप भी है मछली खाने के शौकीन हैं, तो जानिए एक ऐसी फिश के बारे में जो पोषक तत्वों का भंडार है

मछली खाने के अपने फायदे है, मछली की कई वैराइटी होती है और सभी के अपने फायदे होते है। चलिए आज जानते है आज बासा फिश के बारे में।
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बासा मछली, जिसे पंगासियस के नाम से भी जाना जाता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
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पोम्फ्रेट से रोहू तक, कैटला से हिल्सा तक, भेटकी फ़िलेट से बासा फ़िलेट तक, बोनलेस ट्यूना से सीर स्टेक तक, कई स्वास्थ्य लाभों के साथ मछलियों की अलग अलग किस्मे मौजूद है। मछली में अनसैट्युरेटिड फैट और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है जो हमारे दिल के लिए फायदेमंद होता है। आपको भी इनमें से कोई मछली पसंद होगी। आज आपको इनमें से एक मछली बासा फिश के फायदों के बारे में बताते है।

बचपन में मेरी मां मुझे मछली बालों के लंबा होने और आंखों की रोशनी तेज होने के लिए खिलाया करती थी। मछली में खुब सारा प्रोटीन भी होता है जिससे हड्डियों का विकास अच्छे से होता है। मेरी मां मछली को फ्राइ और कढ़ी दोनो तरह से बनाया करती थी। मछली की कढ़ी को चावल और रोटी दोनों के साथ खाया जा सकता है।

सबसे पहले जानते है बासा फिश के बारे में

बासा मछली, जिसे पंगासियस के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण पूर्व एशिया में मूल रूप से पाई जाती है। वियतनाम, थाईलैंड और कंबोडिया जैसे देशों में अक्सर इसकी खेती नदियों और मछली तालाबों में की जाती है। बासा हल्के स्वाद, सफेद मांस और कम दाम होने के कारण दुनिया भर में खाई जाती है।

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बासा मछली वेट लॉस डाइट पर रहने वाले लोगों के लिए आदर्श है। चित्र : शटरस्टॉक

इसका उपयोग अक्सर विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है जैसे ग्रिल किया जा सकता है, तला जा सकता है, बेक किया जा सकता है, या सूप और स्ट्यू में इस्तेमाल किया जा सकता है। बासा स्वाद और बनावट में कॉड या हैडॉक जैसी अन्य सफेद मछलियों के जैसी ही होती है लेकिन इसका स्वाद अलग होता है।

इस बारे में अधिक जानकारी दी डॉ. राजेश्वरी पांडा ने, डॉ. राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में, पोषण और आहार विज्ञान विभाग में एचओडी है।

अब जानते है बासा मछली के फायदे

इसमें बहुत कम कार्बोहाइड्रेट होते हैं

बासा मछली वेट लॉस डाइट पर रहने वाले लोगों के लिए आदर्श है। इस मछली में बहुत कम कार्ब्स होते हैं, जो वजन कम करने और वजन घटाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, कार्ब्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से आपको सुस्ती महसूस होती है, जबकि बासा फिश आपको ऐसा महसूस नहीं कराएगा, क्योंकि इनमें बहुत कम कार्बोहाइड्रेट होते हैं।

प्रोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है

अगर आप प्रोटीन का सेवन अच्छी मात्रा में करना चाहते है और शाकाहारी नहीं है तो बासा मछली आपके लिए उपयुक्त है। 100 ग्राम बासा मछली में 13 ग्राम प्रोटीन होता है जो प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और एंजाइमों के अच्छे से काम करने में मदद करता है। जो क्षतिग्रस्त शरीर के ऊतकों की मरम्मत करते हैं। मुख्य रूप से बासा मछली में शरीर के लिए जरूरी सभी अमीनो एसिड होते हैं।

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मांस और मछली का सेवन आपके वजन को स्वस्थ्य तरीके से बढ़ा सकता है। चित्र शटरस्टॉक.

हृदय रोग के खतरे को कम करता है

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग सबसे अधिक मछली खाते हैं उनमें हृदय रोग का खतरा भी कम होता है। ये फायदा ज्यादातर ऑयली फिश से मिलता है क्योंकि उसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड उच्च मात्रा में होता है। लेकिन सच ये है कि बिना तेल वाली लीन मछली खाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है – जिससे हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।

मांसपेशियों और कोशिका वृद्धि

प्रोटीन शरीर को अमीनो एसिड, कोशिकाओं के निर्माण और शरीर के अन्य सभी ऊतकों और फाइबर प्रदान करता है। बासा मछली प्रोटीन होता है, जो शरीर को सभी नौ आवश्यक अमीनो एसिड प्रदान करती है। आपके शरीर की मरम्मत करनी हो, मांसपेशियों का विकास करना हो, प्रोटीन की आपूर्ति करना जरूरी है।

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