मम्‍मी कहती हैं फि‍ट रहना है तो सुबह जल्‍दी उठो, अब मेडिकल साइंस भी यही कह रहा है

मुझे बरसों तक अपनी मम्‍मी से देर रात तक जागने और सुबह देर तक सोने के कारण डांट पड़ती रही है। और अब फि‍नलैंड की यूनिवर्सिटी कह रही है कि सुबह जल्‍दी उठना है सेहत भरी आदत
मम्‍मी कहती हैं सुबह जल्‍दी उठने वाले लोग ज्‍यादा एक्टिव रहते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
मम्‍मी कहती हैं सुबह जल्‍दी उठने वाले लोग ज्‍यादा एक्टिव रहते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
योगिता यादव Published: 16 Aug 2020, 10:00 am IST
  • 100

क्‍या आप देर तक मोबाइल पर सोशल मीडिया स्‍क्रॉल करती रहती हैं? आप हां कहें या न, हम जानते हैं कि इस समय 90 फीसदी से ज्‍यादा लोग यही करते रहते हैं। बदले हुए लाइफस्‍टाइल ने लोगों को इतना नहीं बदला था, जितना कोविड-19 ने बदल दिया। अब लोग रात देर तक जागते हैं और सुबह देर तक सोते हैं। पर मम्‍मी से मुझे हमेशा इस बात पर डांट पड़ी है।

मैं अकसर ऐसी रिसर्च ढूंढती रहती हूं, जिनमें यह साबित हो सके कि रात देर तक जागना भी फायदेमंद होता है और सुबह देर से उठने वाले लोग ज्‍यादा इंटेलीजेंट और स्‍मार्ट होते हैं। दुर्भाग्‍यवश मुझे अब तक ऐसी कोई रिसर्च नहीं मिल पाई है। अगर आपको मिले तो प्‍लीज मुझे जरूर बताइएगा।

वर्क फ्रॉम होम का हैक्टिक वीक बिताने के बाद मैं सोच ही रही थी कि आज देर तक सोती रहूंगी। पर मम्‍मी की वही पुरानी आदत – कि सुबह जल्‍दी उठो, सुबह जल्‍दी उठने से माइंड फ्रेश रहता है, गार्डन में जाओ, थोड़ा हरे पेड़-पौधों को निहारो, योग और व्‍यायाम करो।

सुबह जल्‍दी उठना क्‍या सचमुच जरूरी है? चित्र: शटरस्‍टॉक

ओह् भगवान! मम्‍मा को कौन समझाए। तो इस बार मैंने सोचा कि मैं कुछ ऐसा ढूंढती हूं जिससे पता चल सके कि वीकेंड पर देर तक सोने के कितने फायदे होते हैं। और ढूंढते-ढूंढते मुझे फि‍नलैंड यूनिवर्सिटी की यह रिसर्च मिली। यह रिसर्च तो बिल्‍कुल मम्‍मी की हां में हां मिलाने वाली थी। जिसने डाटा के साथ बताया कि सुबह जल्‍दी उठकर हम अपनी सेहत के लिए कितने मददगार हो सकते हैं। सबसे बड़ी बात कि इससे वेट लॉस में भी मदद मिलती है।

सुबह जल्‍दी उठना होता है फायदेमंद

फिनलैंड स्थित आउलू यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में बिल्‍कुल मेरी मम्‍मी वाली नसीहत दी गई है। इसके शोधकर्ताओं के मुताबिक सूरज की पहली किरण के साथ बिस्तर छोड़ देने वाले लोग दिन भर ज्यादा तरोताजा और तनावमुक्त महसूस करते हैं। इससे वे शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय तो रह ही पाते हैं, साथ ही उनमें स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल का उत्पादन भी घटता है।

ब्‍लड शुगर और कोलेस्‍ट्रॉल रहता है कंट्रोल

दोनों ही चीजें वजन के साथ ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखने के लिए अहम मानी जाती हैं। सुबह जल्दी उठने वाले लोगों को काम में मन लगाने में भी आसानी होती है। इससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है और प्रमोशन व वेतनवृद्धि की गुंजाइश बढ़ जाती है।

अगर वेटलॉस करना है तो सुबह जल्‍दी उठने की आदत डालें। चित्र: शटरस्‍टॉक

पॉल हिग्स के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने सुबह जल्दी और देरी से उठने वाले लोगों की शारीरिक गतिविधियां आंकी। इस दौरान जल्दी बिस्तर छोड़ने वाले प्रतिभागी ज्यादा सक्रिय नजर आए। पुरुषों की सेहत पर इसका आधे घंटे की चहलकदमी जितना फायदा दिखा।

वर्कआउट जितना फायदा देता है सुबह जल्‍दी उठना

महिलाओं को 20 मिनट की कसरत जितना फायदा मिला। उधर, देर से जगने वालों में आलस्य का भाव ज्यादा दिखा। इस कारण उनमें मोटापे, टाइप-2 डायबिटीज का खतरा भी अधिक दर्ज किया गया।

इस अध्ययन के नतीजे तो ‘स्कैंडिनेवियन जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स’ के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं। पर आपने क्‍या सोचा गर्ल्‍स!

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें
  • 100
लेखक के बारे में

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

अगला लेख