चिरायता एक ऐसा हर्ब है, जो करेले से भी अधिक कड़वे स्वाद वाला होता है। पर यह शहद से भी अधिक गुणकारी है। गांवों में आज भी गर्मी के दिनों में फोड़ा-फुंसी होने पर चिरायता पीने को दिया जाता है। इसके पत्ते का लेप घाव को ठीक करने के उपयोग में लाया जाता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि चिरायता संपूर्ण शरीर के लिए लाभकारी है। चिरायता के गुणों को जानने के लिए हमने बात की आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. केशव चौहान से।
डॉ. केशव कहते हैं, ‘ चिरायता त्रिदोषों यानी वात, पित्त, चिरायता कफ को संतुलित करता है। यह ठंडी प्रकृति वाला होता है। इसलिए गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इसका उपयोग कई दवाइयों को तैयार करने में किया जाता है। चिरायता पाउडर या पेस्ट लगाने से सूजन कम हो जाती है।
ठंडे गुण के कारण इससे रक्तस्राव को रोकने में मदद मिलती है। यह हीलिंग भी तेज़ी से करता है। यह पाचन तंत्र से संबंधित विभिन्न समस्याओं जैसे- गैस्ट्राइटिस, अपच, पेट में गैस का जमा होना, डायरिया, सूजन, इरिटेटिंग बोवेल सिंड्रोम और पेट दर्द में मददगार हो सकता है। इसमें रेचक गुण भी होते हैं, जो कब्ज दूर करने में मददगार होते हैं।’
चिरायता सूखी जड़ी बूटी या पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। सूखे हर्ब को रात भर पानी में भिगोकर रखा जाता है। सुबह इसके पानी का सेवन किया जाता है। जब रोजाना इसका सेवन किया जाता है, तो यह जड़ी बूटी शरीर से विषाक्त पदार्थों (Toxins) से छुटकारा दिलाकर लीवर को सुरक्षा प्रदान कर सकता है। यह नई लिवर कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद कर सकता है। एंटी बैक्टीरियल चिरायता शरीर से राउंडवॉर्म और टैप वॉर्म को खत्म कर देता है।
ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए चिरायता का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। हर्ब का कड़वा स्वाद ब्लड शुगर डिजीज में बहुत फायदेमंद होता है। यह पैनक्रेयाज की कोशिकाओं में इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है। इस प्रकार यह स्वाभाविक रूप से ब्लड शुगर लेवल को कम करता है।
चिरायता शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। यह शरीर से सभी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है। इस प्रकार यह शरीर को साफ और तरोताजा रखता है। इसे सभी आयु वर्ग के लोग यहां तक कि बच्चे भी ले सकते हैं।
स्किन पर किसी भी प्रकार की खुजली, फोड़े-फुंसी, घाव है या अन्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित हैं, तो चिरायता इन सभी दोषों को दूर करने में मदद करेगा। चिरायता का पानी अगली सुबह पीने से स्किन की समस्या दूर होती है।
यह लिवर डिटॉक्सिफायर है। लिवर की समस्याओं जैसे सिरोसिस, फैटी लिवर और अन्य बीमारियों के लिए चिरायता अच्छा होता है। यह लीवर की कोशिकाओं को रिचार्ज करता है और कामकाज को बढ़ावा देता है।
कब्ज, अपच, एसिडिटी जैसी किसी भी तरह के पाचन विकार से पीड़ित हैं, तो चिरायता का सेवन करना चाहिए। यदि क्रोनिक डिजीज है, तो इसे चिकित्सक के परामर्श के अनुसार लिया जा सकता है।
अधिक मात्रा में या बिना चिकित्सक के परामर्श के लेने पर चिरायता ब्लड शुगर को कम कर देता है। इसलिए इसकी सही मात्रा का सेवन जरूरी है।
यह गर्भवती महिला को हानि पहुंचा सकता है। इसलिए डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही इसे लेना चाहिए।
कुछ लोगों को कड़वे स्वाद के कारण उल्टी होने लगती है।
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली मांओं (Lactating Mother) को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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