खाने पीने की गलत आदतें हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाने का काम करती है। इसके चलते बहुत से लोग अलग अलग बीमारियों का शिकार होने लगते हैं। ऐसी ही एक समस्या है यूरिक एसिड। शरीर में इसका स्तर बढ़ने से शरीर में दर्द, सूजन, बुखार चढ़ना और यूरिन पास करने में जलन महसूस होने लगती है। यूरिक एसिड सफेद रंग का एक ऐसा तत्व है, जो ब्लड और यूरिन में मौजूद होता है। इसका स्तर बढ़ने से शरीर में छोटे पत्थर बनने लगते हैं। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव जोड़ों पर पड़ता है। इससे गाउट यानि गठिया (Arthritis) का असहनीय दर्द होने लगता है। बहुत से ऐसे घरेलू उपाय है, जिनकी मदद से आप इस समस्या को सुलझा सकत हैं। जानते हैं वो घरेलू नुस्खे जिनकी मदद से यूरिक एसिड (Uric acid) का स्तर कम होने लगता है।
इस बारे में fast&Up की हेल्थ एक्सपर्ट नेहा कावा का कहना है कि शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए खानपान का विशेष ध्यान रखें। खानपान में होल व्हीट से लेकर लो फैट डेयरी प्रोडक्टस का सेवन करें। अत्यधिक तना भुना और मीठा खाने से बचें। इसके अलावा प्यूरिन को डाइट का हिस्सा न बनाएं।
प्यूरिन रिच फूड्स के सेवन से बचें।
यूरिक एसिड बढ़ाने वाली दवाओं को न खाएं
अल्कोहल और स्वीटनर्स को करें अवॉइस
कॉफी और चाय को ज्यादा न पीएं
मोटापा घटाने का प्रयास करें
डाइट में फाइबर रिच फूड और विटामिन सी को करें शामिल
इस बारे में बातचीत करते हुए छाया परिक्षक एवं नाड़ी विशेषज्ञ, भोपाल वैद्य चंद्रशेखर ने कई घरेलू इलाज बताएं। उनके मुताबिक बढ़े हुए यूरिक एसिड को हम कई जड़ी बूटियों की मदद से कम कर सकते हैं। उनके मुताबिक मकोए, पत्थरचट्टा और गोखरू यूरिक एसिड को कम करने में बेहद लाभकारी सिद्ध होते हैं। इनके नियमित सेवन से इस समस्या को हल किया जा सकता है। जानते हैं, इन्हें इस्तेमाल करने का तरीका।
शरीर में अंगों में सूजन, गठिया और यूरिक एसिड बढ़ने के समय मकोए का सेवन बेहद ज़रूरी है। इस पौधे पर हरे रंग के फल लगते है, जो पकने के बाद पीले और नारंगी हो जाते हैं। इसकी पत्तियों का रस निकालकर पीने से बढ़ा हुआ यूरिक एसिड कम होने लगता है। वहीं इस पर लगने वाले फल की सब्जी बनाकर खाने से भी फायदा मिलता है।
चट्टान में से निकलने वाले इस पौधे को पत्थरचट्टा व पुनरनवा कहा जाता है। आयुर्वेद के हिसाब से ये पौधा कई समस्याओं को दूर करने में कागर है। इसकी पत्तियों को उबालकर पानी पी सकते हैं। इसके अलावा इनकी पत्तियों को पकाकर खाने से भी यूरिक एसिड कम होने लगता है। पत्थरचट्टा को मैजिक लीफ भी कहा जाता है।
गोखरू का फल शरीर को कई प्रकार के फायदे पहंचाता है। गोखरू के फल ताजे़ या फिर 1 साल तक पुराने इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इन्हें कुचलकर पानी में डालें और फिर एक से दो दिन में पी लें। तीन दिन से अधिक इस पानी का प्रयोग न करें। इसके सेवन से यूरिक एसिड की समस्या दूर होने लगती है।
यूरिक एसिड को कम करने के लिए अलसी के बीज का सेवन बेहद फायदेमंद रहता है। इसके लिए खाना खाने के आधे घण्टे बाद अलसी के बीजों को चबाकर खाएं। इससे बढ़ा हुआ यूरिक एसिड सामान्य होने लगता है।
यूरिक एसिड को कम करने के लिए रोज़ाना खाली पेट सेब के सिरके का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। इसे पीने से पी एच का स्तर बढ़ने लगता है और ब्लड फ्लो भी नियमित होने लगता है। अगर आप डायबिटीक है, तो इसका सेवन आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। एंटी ऑक्सीडेंटस और एंटी इंफ्लामेंटरी गुणों से भरपूर यूरिक एसिड शरीर में मौजूद टॉकसिन्स को दूर करता है।
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