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जैसा खाओगे अन्न-वैसा होगा मन, विज्ञान भी करता है इस भारतीय कहावत की पुष्टि 

कम तेल-मसालों का ताज़ा और पौष्टिक आहार न केवल आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक तौर पर भी मजबूत बनाए रखता है। 
Updated On: 20 Oct 2023, 09:09 am IST
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dimag ke liye food
जैसा आहार हम खाते हैं, वैसा ही हमारा मेंटल हेल्थ होता है। चित्र:शटरस्टॉक

खराब लाइफस्टाइल के कारण ही इन दिनों ज्यादातर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं। दौड़भाग के कारण हम न सिर्फ ब्रेकफास्ट स्किप करते हैं, बल्कि लंच, डिनर में भी जैसे-तैसे कुछ भी खा लेते हैं। डिब्बाबंद भोजन और जंक फूड ने तो समस्या और भी बढ़ा दी है। प्राचीन समय में भारत में यह कहा जाता था कि जैसा अन्न वैसा मन। अन्न अर्थात भोजन और मन यानी मानसिक स्वास्थ्य। हम जिस तरह का आहार लेंगे, वैसे ही हमारे विचार होंगे और हमारा दिमाग भी उसी तरह से काम करेगा। अब यह पश्चिमी देशों में भी माना जाने लगा है कि आहार हमारे दिमाग और विचारों (food effects on mind) को प्रभावित करता है। आइए जानते हैं क्यों वैज्ञानिक भी कर रहे हैं मम्मी की इस बरसों पुरानी कहावत की पुष्टि। 

क्या कहते हैं वैज्ञानिक 

हार्वड यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, हम जो भी खाते हैं, उसका प्रभाव सीधे दिमाग पर पड़ता है। खान-पान की गलत आदतों के कारण हमें इनसोमनिया (Insomnia), हाई कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol), ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) यहां तक कि स्ट्रेस (Stress) और डिप्रेशन (Depression) की भी समस्या हो सकती है। 

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों ने जापान के पारंपरिक आहार और पश्चिमी आहार पर तुलनात्मक अध्ययन किया। अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि पारंपरिक आहार खाने वालों में अवसाद का जोखिम 25% से 35% कम पाया गया। 

उनके द्वारा लिया गया भोजन न सिर्फ आंत में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाने में समर्थ पाया गया, बल्कि उनमें इन्फ्लेमेशन को कम करने,मूड और ऊर्जा के स्तर को भी प्रभावित करने की क्षमता पाई गई। पारंपरिक आहार में सब्जियों, फलों, अनप्रोसेस्ड अनाज और मछली की मात्रा अधिक थी। इनके आहार में नेचुरल प्रोबायोटिक्स वाले फूड भी शामिल थे। इसमें मीट न के बराबर थे। वहीं पश्चिमी आहार में लीन मीट और प्रोसेस्ड फूड की मात्रा अधिक थी।

अच्छा और पौष्टिक भोजन हमारे दिमाग को कैसे प्रभावित करता है, इसके लिए हमने बात की नोएडा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सैयद जफर सुल्तान रिजवी से।

आपकी मेंटल हेल्थ बूस्ट करता है पौष्टिक आहार 

सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो नींद और भूख दोनों को नियंत्रित करता है। यह मूड स्विंग और दर्द को रोकने में भी मदद करता है। लगभग 95% सेरोटोनिन गेस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट में निर्मित होता है। इसमें सौ मिलियन से भी ज्यादा नर्व सेल और न्यूरॉन्स मौजूद होते हैं। 

इससे यह बात आसानी से समझ में आ जाती है कि पाचन तंत्र की आंतरिक कार्यप्रणाली केवल भोजन को पचाने में ही मदद नहीं करती है, बल्कि भावनाओं-विचारों को भी प्रभावित करती है। सेरेटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन अच्छे बैक्टीरिया से प्रभावित होता है, जो आंतों के माइक्रोबायोम को बनाते हैं। 

ये बैक्टीरिया स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये इंटेस्टाइनल लाइंस की रक्षा करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि शरीर के अंदर टॉक्सिंस और कैड बैक्टीरिया के खिलाफ एक मजबूत बैरियर बनाया जाए। वे सूजन को सीमित करते हैं और भोजन से पोषक तत्वों को अच्छी तरह अवशोषित कर न्यूरल पाथवे को सक्रिय करते हैं, जो गट और ब्रेन के बीच स्थित होता है।

जानिए ब्रेन को कैसे फायदा पहुंचाता है सात्विक भोजन

भारत में हमेशा से कम तेल घी वाले भोजन और शाकाहार को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से फायदेमंद माना गया है। डॉ. सैयद जफर सुल्तान रिजवी कहते हैं, अन्न हमारे दिमाग को प्रभावित करता है, इस पर कई शोध हुए हैं।

1 न्यूरो प्रोटेक्शन का काम करते हैं विटामिन से भरपूर भोजन

एनल्स ऑफ द न्यूयॉर्क एकेडमी ऑफ साइंसेज में 2016 में मार्था क्लेयर मॉरिस द्वारा दो दशकों तक एक शोध किया गया। इस शोध में उल्लेख किया गया है कि डिमेंशिया पर विटामिन ई, विटामिन बी और विटामिन के जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार प्रभावकारी ढंग से काम करते हैं। शोध यह भी बताता है कि हरी पत्तेदार सब्जियां, अन्य हरी सब्जियां, जामुन और सी फूड न्यूरोप्रोटेक्शन के काम को बखूबी अंजाम देते हैं।

2 कॉगनिटिव एबिलिटी बढ़ाते हैं फल, सब्जी और नट्स

एपिडेमोलॉजिकल स्टडी से भी पता चला है कि फलों, नट्स और सब्जियों का सेवन संज्ञानात्मक क्षमता (cognitive ability) को बढ़ाता है। ऑयल फ्री फूड भी हमारे ब्रेन को मजबूत करने में मदद करते हैं। इन खाद्य पदार्थों में विभिन्न प्रकार के न्यूरोप्रोटेक्टिव फाइटोकेमिकल्स होते हैं। अधिकांश शोध दिखाते हैं कि न्यूरोडीजेनरेटिव विकार या अल्जाइमर के रोगियों के लिए ये सभी फूड लाभदायक हैं।

aankhon ko swasth rakhne ke liye khaen ye foods

नट्स हमारे दिमाग को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। चित्र:शटरस्टॉकह्यूमन ब्रेन शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जिसे सबसे ज्यादा एनर्जी चाहिए। यह एनर्जी ऐसे पोषक तत्वों से भरपूर डाइट से मिलेगी, जिसमें फैट्स, एमिनो एसिड, माइक्रो न्यूट्रीएंट्स, प्रोटीन आदि मौजूद हों। ऐसे आहार न सिर्फ समस्या सुलझाने में मस्तिष्क की मदद करते हैं, बल्कि पॉजिटिव माइंडसेट बनाने में भी मदद करती है। 

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डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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