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क्या ब्रेस्ट मसाज ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में भी है मददगार? एक्सपर्ट से जानते हैं स्तनों में दूध बढ़ाने के तरीके

यदि आपका बच्चा सात से आठ बार पेशाब नहीं कर रहा, तो इसका मतलब है कि बच्चे को भरपूर पोषक तत्व नहीं मिल पा रहे हैं। स्तनों में दूध और पोषक तत्व बढ़ाने के लिए आपको कुछ चीजों पर ध्यान देना होगा।
बच्चे की बेहतर सेहत के लिए मां का दूध है जरूरी, मां के दूध से पोषण लेता है बच्च। चित्र- शटर स्टॉक
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नवजात के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार होता है। इसलिए शुरूआती दिनों में बच्चा मां के दूध से ही सभी पोषक तत्व लेता है। मां के दूध से बच्चे की इम्युनिटी पावर मजबूत होती है साथ ही कई बीमारी से बचाव भी होता है। इसके लिए मां को संपूर्ण आहार लेना जरूरी होता है। मां के खान पान का सीधा असर बच्चे पर ही पड़ता है। जितना पोष्टिक खाना होगा ब्रेस्ट मिल्क उतना पोषण देने वाला होगा। पर कई बार मां के स्तनों में इतना दूध प्रोड्यूस नहीं हो पाता, कि उससे बच्चे का पेट भर सके। जबकि कई बार स्तनपान के बावजूद बच्चा कमजोर रहता है। आइए जानते हैं क्याें हाेता है ऐसा और आप इसके (breastfeeding nutrition) लिए क्या कर सकती हैं।

मां के दूध में सभी पोषक तत्वों का होना बेहद जरूरी है, क्योंकि शुरूआती दिनों मां का दूध ही बच्चे का सहारा होता है। बेहतर खान-पान न होने से मां के दूध से फैट कम हो जाता है। जिससे बच्चे का वजन बढ़ने में दिक्कतें आती हैं। इस स्थिति में जरूरी है सभी मां अपना खाना पौष्टिक रखें, जिससे बच्चे वजन कम न हो। आइए जानते हैं ब्रेस्ट मिल्क में फैट के साथ अन्य पोषक तत्व कैसे सही करें।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

मध्य प्रदेश के मेडकिल कॉलेज में नौ सालों सेवाएं दे रहीं पीडियाट्रिक डॉक्टर यामिनी जामोद बताती हैं कि शिशु के बेहतर विकास के लिए मां का दूध बहुत जरूरी होता है। मां का दूध न सिर्फ बच्चे हड्डियों को मजबूती देता है। बल्कि शरीर के संपूर्ण विकास में भी सहयोगी है। डॉ कहते हैं जन्म के 6 माह तक बच्चे को सिर्फ मां का ही दूध देना चाहिए। इसके बाद ही ठोस आहार देना शुरू करना चाहिए या मां के दूध के बजाए बोतल वाला दूध पिलाने की सलाह दी जाती है।

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कितना पोष्टिक है मां का दूध, फैट है जरूरी

ब्रेस्ट फीडिंग के लिए मांएं संतुलित डाइट लें. चित्र: शटरस्टॉक

डॉ यामिनी जामोद बताती हैं कि मां के दूध में सैचुरेटेड फैट, ओमेगा थ्री फैटी एसिड, मॉनोसैचुरेटेड फैट व पॉलिअनसैचुरेटेड फैट पाया जाता है। यह सारी चीज़ें मां के दूध में एकसाथ शामिल होती हैं। इसके सेवन से बच्चे को सभी पोषक तत्व मिलते हैं। डॉ बताती हैं कि मां के दूध के 100 ग्राम में 75 kcal एनर्जी व 4.2 फैट ग्राम फैट पाया जाता है। जो नवजात के लिए बहुत अहम भूमिका अदा करता है।

मां के दूध के पोषक तत्वों का कम होना ऐसे करें पता

डॉ जामोद कहती हैं कि नवजात का भोजन मां का दूध ही होता है। मां का दूध बच्चे के लिए भरपूर पोषण दे रहा है कि नहीं इसकी जानकारी बच्चे के पेशाब से हो सकती है। सभी पोषक तत्व शिशु को अगर भरपरू मात्रा में मिल रहे हैं तो वह बार-बार पेशाब करेगा। एक शिशु का दिन भर में सात से आठ बार पेशाब करना जरूरी है।

ऐसे बढ़ाएं ब्रेस्ट मिल्क में पोषक तत्व

1 दोनों ब्रेस्ट का मिल्क करें खाली

बच्चे को दूध पिलाते वक्त मां को ध्यान रखना चाहिए कि बच्चा दोनों स्तनों से दूध पिए। बच्चा एक ही स्तन से दूध पीकर अपना पेट भरेगा, तो दूसरे स्तन का दूध खाली नहीं हो पाएगा। ध्यान देन वाली बात यह है कि एक स्तन का दूध खाली होने के बाद ही दूसरे पिलाएं। यदि पहले वाले में दूध रह जाता है, तो यह दूध में फैट की मात्रा को कम करेगा। जिससे बच्चे को फैट जरूरी मात्रा में नहीं मिल पाएगा। बच्चा यदि पूरा दूध नहीं पी पाता है तो ब्रेस्ट पंप की हेल्प से दूध बाहर निकाल ब्रेस्ट खाली कर सकती हैं।

शिशु की सेहत के लिए जरूरी है ब्रेस्ट फीडिंग। चित्र- शटर स्टॉक

2 ब्रेस्ट मसाज करें

बच्चा अगर भूखा है और आप उसे फीड कराने जा रहीं हैं, तो पहले आप दोनों स्तनों की मसाज कर लें। ब्रेस्ट मसाज करने से ब्रेस्ट मिल्क में फैट बढ़ जाता है। साथ ही बच्चा भी भरपूर मात्रा में पोषक आहार ग्रहण कर सकेगा। ऐसे स्तन भी खाली हो जाता है, फैट में भी सुधार होता है।

3 पोष्टिक आहार लें

दूध पिला रही महिलाओं को पोष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए। ऐसे आहार का सेवन करना उचित रहेगा जिसमें पॉलीअनसैचुरेटेड और मोनोसैचुरेटेड फैट एसिड अधिक मात्रा में मौजूद हो। इससे बच्चे के मस्तिष्क का संपूर्ण विकास होता है। इसके लिए हरी सब्जियां, अंडा, साबुत अनाज, सोयाबीन साहित फलों का सेवन करना चाहिए।

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सुमित कुमार द्विवेदी

कानपुर के नारायणा कॉलेज से मास कम्युनिकेशन करने के बाद से सुमित कुमार द्विवेदी हेल्थ, वेलनेस और पोषण संबंधी विषयों पर काम कर रहे हैं। ...और पढ़ें

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