मां अकसर मुझे अखरोट खाने को दिया करती थीं। वे अखरोट की इतनी बड़ी प्रशंसक रहीं हैं कि गर्मियों के दिनों में जब ज्यादातर लोग अखरोट खाना छोड़ देते हैं, तब भी उनका अखरोट प्रेम कम नहीं होता। वे अकसर इस मौसम में भिगोए हुए अखरोट खाने की सलाह देती हैं। वहीं आजकल मुझे एक नया इंग्रीडिएंट मिल गया है, जो मुझे फिर से मां की मेमारीज और उनके खानपान की हेल्दी आदतों से जोड़ रहा है। ये है अखरोट का तेल। जी हां, अखरोट का तेल भी अखरोट की ही तरह बहुत फायदेमंद (Walnut oil benefits) होता है। और हाल ही में एक शोध में इस बात को प्रमाणित भी किया गया है।
वैज्ञानिकों द्वारा किए अध्ययनों ने अखरोट के लाभों को प्रमाणित किया गया है। पर क्या आप जानती हैं कि अखरोट ही नहीं अखरोट का तेल भी गुणों से भरपूर है। यह हम नहीं कह रहे, यह कहना कहना एनसीबीआई द्वारा कराए गए एक नए शोध के नतीजों का।
अखरोट का तेल आसानी से बाज़ार में उपलब्ध है। इसे आप व्यंजनों, सॉस और ड्रेसिंग में इस्तेमाल कर सकती हैं। इसका इस्तेमाल आप खाना पकाने के तेल के तौर पर भी कर सकती हैं, लेकिन इसे बहुत अधिक तापमान पर पकाने से बचना चाहिए क्योंकि इसका हीटिंग पॉइंट कम यानी लगभग 320 ° F होता है। जिस पर पहुंचने के बाद यह यह कुछ पोषक तत्वों को खो देता है और इसका कड़वा हो जाता है।
अखरोट तेल के एक चम्मच में शामिल हैं:
कैलोरी: 120
प्रोटीन: 0 ग्राम
वसा: 14 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट: 0 ग्राम
फाइबर: 0 ग्राम
चीनी: 0 ग्राम
वॉलनट ऑयल विटामिन के (Vitamin K), विटामिन ई (Vitamin E), कोलीन, फास्फोरस, जस्ता का अच्छा स्रोत है:
अखरोट के तेल में सेलेनियम भी अधिक होता है । यह एंटीऑक्सिडेंट हेल्दी थायराइड बनाए रखता है और आपकी मेमोरे शार्प करने के साथ-साथ हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को भी कम करने में सहायक है। यह पोषक तत्वों और एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जिनमें से कुछ आपकी याददाश्त और एकाग्रता में भी सुधार ला सकते हैं।
अखरोट के तेल की अधिकांश वसा सामग्री में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड नामक ओमेगा -3 फैटी एसिड होता है । यह “गुड फैट” आपकी डेली डाइट का हिस्सा होने पर हृदय रोग के खतरे को 10% तक कम कर सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ओमेगा -3 कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है। जिससे आपकी धमनियों को साफ और अच्छी तरह से काम करने में मदद मिलती है।
यह ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी कम करता है, जो एक प्रकार का फैट है जिससे हृदय रोग, दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम कम होते हैं। एक अध्ययन में यह भी पाया गया कि अखरोट का तेल रक्तचाप के स्तर को स्थिर रखकर हृदय पर तनाव भी कम करता है। जिससे शरीर को तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिल सकती है ।
अखरोट के तेल में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकते हैं, जिससे मधुमेह का खतरा कम हो सकता है। अध्ययनों से पता चला है कि इन एंटीऑक्सिडेंट्स में एंटी स्वेलिंग इफेक्ट भी होते हैं।
स्वेलिंग, स्ट्रेस और संक्रमण के कारण होने वाली शरीर की सबसे प्राकृतिक प्रतिक्रिया है, लेकिन यह इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकती है। जो शरीर में मौजूद चीनी का उपयोग करने की क्षमता में रुकावट पैदा करती है। यह शुगर के के स्तर को बढ़ाता है, जिससे मोटापे और मधुमेह का खतरा बढ़ता है। जबकि वॉलनट ऑयल इन जोखिमों को कम करता है।
अध्ययनों से यह भी पता चला है कि आपका शरीर अखरोट के तेल के फैटी एसिड को उन कम्पोज़िशंस में बदलता है जिससे आपकी त्वचा बनी हुई है। वैज्ञानिकों का मानना है कि अपने आहार में पर्याप्त ओमेगा -3 और ओमेगा -6 प्राप्त करने के लिए अखरोट के तेल से बढ़कर कुछ नहीं है। इससे आपकी स्किन बेहतर होती है, और एक्जिमा , मुंहासे यहां तक कि त्वचा के कैंसर की रोकथाम में भी मदद मिल पाती है।
स्किन पर अखरोट के तेल के एंटी इन्फ्लेमेट्री गुण और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव, उम्र बढ़ने के संकेतों (एंटी एजिंग साइन) और सोरायसिस जैसी स्थितियों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं ।
अध्ययनों से पता चलता है कि अखरोट के पोषक तत्व कैंसर कोशिकाओं के विकास को धीमा कर सकते हैं। मनुष्यों पर प्रभावों की खोज के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। तेल के एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं को हुई हानि से लड़ने का मौक़ा देते हैं। शोध से पता चलता है कि जो लोग रोजाना कम से कम एक टी स्पून अखरोट के तेल का सेवन हैं, उनमें कैंसर का खतरा 15% कम होता है।
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