फैंसी डाइट के क्रेज में कहीं आप गेहूं की रोटी को तो इग्नोर नहीं कर रहे? आहार विशेषज्ञ बता रहीं हैं इसकी अहमियत
शोर मचाते विज्ञापनों और सोशल मीडिया के पेड इंफ्लुएंसर्स की बदौलत हमारी रसोई में ऐसी बहुत सारी चीजें दाखिल हो चुकी हैं, जिन्हें हमारी दादी-नानियां जानती थी नहीं थीं। फैंसी पैकिंग में मौजूद हर फूड यहां सुपरफूड बताकर बेचा जा रहा है। फिर चाहें वह सुबह का नाश्ता हो, लंच, डिनर या अन्य स्नैकिंग ऑप्शन। इन ओवररेटेड फूड्स की भीड़ में कहीं आप गेहूं की रोटी (Wheat flour roti benefits) के पोषण मूल्य को न भूल जाएं, इसलिए आज बैसाखी के अवसर पर चलिए गेहूं की रोटी के बारे में बात करते हैं। हमारे साथ एक आहार विशेषज्ञ हैं, जो बता रहीं हैं कि क्यों गेहूं की रोटी नाश्ते, लंच या डिनर के लिए एक हेल्दी ऑप्शन है।
गेहूं की नई फसल का त्योहार है बैसाखी (Baisakhi 2023)
भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां किसान अपनी फसल से उतना ही प्रेम करता है, जितना कि अपनी संतान से। किसान की मेहनत और फसल उसे उसके प्रेम की ही बदौलत हमारी थालियों तक अन्न पहुंचता है। इन दिनों गेहूं की नई फसल भी पककर तैयार हो जाती है और किसान इस दिन फसलों की कटाई शुरू कर देते हैं। नई फसल के स्वागत में इस दिन को उत्सव के रूप में मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा के अलावा देश के कई राज्यों में इस दिन फसलों की कटाई शुरू कर दी जाती है। वहीं कुछ राज्यों में इसे नव वर्ष के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन नए गेंहू से तरह-तरह के पकवान बनाने का भी रिवाज है।
खालसा पंथ की स्थापना का भी दिन है बैसाखी
नव वर्ष के तौर पर मनाए जाने वाले इस खास पर्व पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और इस दिन गुरूद्वारों में विशेष कीर्तन दरबार आयोजित किए जाते हैं। इस खास मौके पर गुरूद्वारों को सजाया जाता है। इसके अलावा ये वही खास दिन है, जब सिखों के दसवें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की नींव रखी थी। गुरू जी ने साल 1699 में पांच प्यारों को अमृत छका कर खालसा पंथ की शुरूआत की थी। इस खास दिन को खालसा सजृना दिवस के तौर पर जाना जाता है। सिख धर्म में इस दिन का खास महत्व है। हर साल 14 अप्रैल को मनाए जाने वाले इस त्योहार को पूरे हर्षोंउल्लास के साथ मनाया जाता है।
सेहत के लिए बहुत खास है गेहूं (wheat flour roti benefits)
अंतर्राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान के लिए सलाहकार समूह के अनुसार दुनिया भर के 60 देशों में 951 गेहूं की किस्में पाई जाती हैं। इसके अलावा आज भी सिंचाई के लिए 80 प्रतिशत कृषि योग्य क्षेत्र बरसात पर निर्भर करता है। वहीं गेंहू विश्व भर में सबसे ज्यादा खाया जाने वाले अनाज है।
एनसीबीआई के मुताबिक होल ग्रेन व्हीट से बनी रोटी आपकी सेहत के लिए एक सर्वोत्तम आहार है। सके अलावा डेथ रेट को कम करने का काम करता है। हांलाकि सफेद ब्रेड की तुलना में होल ग्रेन व्हीट ब्रेड की खपत काफी कम है।
100 ग्राम गेहूं के आटे का पोषण मूल्य (Nutritional value of wheat flour roti)
प्रोटीन 15 ग्राम
डाइटरी फाइबर 10.6 ग्राम
कार्ब्स 71.2 ग्राम
कैल्शियम 38 मिलीग्राम
मैग्नीशियम 136 मिलीग्राम
फासफोरस 352 मिलीग्राम
पोटेशियम 376 मिलीग्राम
फोलेट 39 माइक्रोग्राममस
नियासिन 5.5 मिलीग्राम
थियामिन 0.5 मिलीग्राम
जानिए आपकी सेहत को कैसे फायदा पहुंचाती है गेहूं की रोटी (wheat flour roti benefits)
1 बोन हेल्थ के लिए फायदेमंद है फास्फोरस
इस बारे में बातचीत करते हुए आहार एवं पोषण विशेषज्ञ काजल अग्रवाल का कहना है कि इसमें फास्फोरस की भरपूर मात्रा पाई जाती है। ये हड्डियों को मज़बूत करने और दांतों के निर्माण समेत रखरखाव के लिए कैल्शियम के साथ मिलकर काम करता है। गेहूं के आटे में फास्फोरस की उच्च मात्रा होती है। ये उन लोगों के लिए एक बेहतरीन ऑप्शन है, जो अक्सर हड्डियों में दर्द और उसके स्वास्थ्य में सुधार को लेकर चिंतित रहते हैं।
2 पाचन को ठीक करता है फाइबर
न्यूट्रीशनिस्ट काजल अग्रवाल के मुताबिक बेहतर स्वास्थ्य के लिए उचित पाचन तंत्र का होना आवश्यक है। दरअसल, फाइबर हमारी बॉडी में ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने का काम करता है। होल व्हीट फ्लोर में रिफाइंड फ्लोर के मुकाबले भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। वे लोग जो फाइबर इनटेक बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए जरूरी है कि सीरियल्स या किसी और फैंसी नाश्ते की बजाए गेहूं की रोटी को अपने आहार में शामिल करें।
3 एनर्जी देता है विटामिन बी
विटामिन बी हमारी मील को ऊर्जा यानि एनर्जी में कनवर्ट करने का काम करता है। इसकी सहायता से हम शरीर में हेल्दी मेटाबॉलिज्म बनाए रखते हैं। होल व्हीट फ्लोर विटामिन बी का एक सर्वश्रेष्ठ सोर्स है। ये उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद रहता है, जो लोग अपने शरीर में कमज़ोरी का अनुभव करते हैं। साथ ही जो ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म को मेंटेन रखता है।
4 डायबिटीज कंट्राेल करते हैं मैग्नीशियम और जिंक
मैग्नीशियम और जिंक इंसुलिन सेंसटिविटी को रेगुलेट करने का काम करता है। इसके अलावा ब्लड शुगर लेवल को मेंटेन करता है। होल ग्रेन व्हीट शरीर में मैग्नीशियम और जिंक की कमी को पूरा करता है। ये उन लोगों के लिए सबसे ज़रूरी है, जो इंसयुलिन सेंसिटिविटी में बदलाव लाना चाहते हैं।
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