दांतों का पीला पड़ना, मसूड़ों से खून आना, दर्द और मुंह से बदबू आना, सभी खराब ओरल हाइजीन के परिणाम हो सकते हैं। इन सभी के लिए एक्सपर्ट हर रोज दिन में दो बार ब्रश करने, फ्लॉस और माउथ वॉश की भी सलाह देते हैं। इसके बावजूद कुछ लाेगों को दांतों और मसूड़ों से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इस समस्या से परेशान हैं और बेकिंग सोडा से लेकर हल्दी-नमक तक सब कुछ ट्राई कर चुकी हैं, तो अब समय है मेरी मम्मी का बताया खास नुस्खा आजमाने का। मेरी मम्मी की ओरल हाइजीन किट में एक खास तरह की छाल है, जिसे वे दंतासा कहती हैं। दंतासा यानी दांतों और मसूड़ों की सारी समस्याओं का समाधान। यकीनन आप भी जानना चाहेंगी, कि आखिर ये जादुई हर्ब है क्या, जो ओरल हाइजीन सुधारने में आपकी मदद कर सकती है।
मम्मी हो या घर के बड़े बुजुर्ग दांतों पर चॉकलेट और कॉफी के दाग धब्बे लगने पर दंतासा के दातुन का इस्तेमाल करने की सलाह देते है। इसमें कई ऐसी प्रॉपर्टी पाई जाती है जो दांतों एवं मसूड़ो की समग्र सेहत के लिए फायदेमंद होती है।
इसीलिए हम लेकर आये हैं, आपके लिए दंतासा के दातुन से जुड़ी पूरी जानकारी। तो चलिए जानते हैं आखिर किस तरह यह दांतों की सेहत के लिए फायदेमंद है, साथ ही जानेंगे इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका।
दांतो से जुड़ी समस्या के घरेलू उपचारों में से एक है अखरोट के पेड़ की छाल, जिसे दंतासा के नाम से जाना जाता है। जिसे जुगलन्स रेजिया (juglans regia) के नाम से भी जाना जाता है। यह मुख्य रूप से पाकिस्तान, जापान, चीन, भारत, दक्षिणी एशिया और मध्य पूर्वी देशों जैसे इजिप्ट, उत्तरी ईरान, तुर्की और अफगानिस्तान में पाया जाता है।
इसमें कई ऐसी प्रॉपर्टी मौजूद होती है, जो दांतों कि समग्र सेहत को बनाए रखने में मदद करती है। वहीं अखरोट के पेड़ का छाल स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, कॉफ़ी और एजिंग के कारण दातों पर लगे पीले, पुराने, और जिद्दी दागों को कम करने का काम करते हैं। ऐसे में उनका उचित इस्तेमाल आपके मसूड़ो की सेहत को भी बनाए रखता है।
दंतासा में एंटी बैक्टीरियल और एंटी ऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं, जो इसकी गुणवत्ता को काफी ज्यादा बढ़ा देते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटीमाइक्रोबॉयल, एंटीफंगल, लैक्सेक्टिव, ब्लड प्यूरीफायर और एंथेल्मीनटिक प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। यह सभी प्रॉपर्टी हार्मफुल बैक्टीरिया और फंगस के प्रभाव को रोकने में मदद करती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार दंतासा दातों पर हुए दाग-धब्बों को प्राकृतिक रूप से हटाने का एक प्रभावी उपाय होता है। इसमें मौजूद औषधीय गुण सालों से दांतों की सेहत को बनाए रखने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। कई वैद्य और ऋषि मुनि दांतों की सफेदी के लिए अखरोट के पेड़ की छाल का प्रयोग करने की सलाह देते हैं। वहीं दंतासा दांतों की सफेदी के लिए एक सबसे प्रभावी घरेलू उपचार माना जाता है।
रिसर्चगेट द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार दंतासा में मैंगनीज और कई अन्य मिनरल्स मौजूद होते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी पाई जाती है। यह सभी प्रॉपर्टी ओरल हेल्थ को बनाए रखने के लिए आवश्यक होते हैं।
यदि आप दांतों के पीलेपन से परेशान हैं, तो ऐसे में दंतासा आपकी मदद कर सकता है। दंतासा में कार्बोनेट, पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम हाइड्रोक्साइड, कॉपर, आयरन, मैंगनीज और जिंक मौजूद होते है। यह सभी पोषक तत्व दांतों को सफेद और चमकीला बनाए रखने में मदद करते हैं।
दंतासा मसूड़ों को स्वस्थ और हेल्दी बनाये रखता है। इसके साथ ही और दातों की सेहत के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। इजिप्ट में सालों पुरानी मम्मीज के दांतों को पूरी तरह सही सलामत और मजबूत पाया गया। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उनके दांतों पर दंतासा का प्रयोग किया जाता था।
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कस्टमाइज़ करेंनियमित रूप से दंतासा का इस्तेमाल ओरल इनफेक्शन, दांतो की कमजोरी, मसूड़ों की सूजन, पायरिया, सांसों की बदबू और कैविटी जैसी समस्याओं से निजात पाने में मदद करता हैं। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटीमाइक्रोबॉयल एक्टिविटी कई समस्याओं एक बेहतरीन उपचार हो सकती है।
इसके साथ ही दंतासा होठों के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। यह आपके होठों कि सेहत को बनाए रखती है, साथ ही इसके प्राकृतिक रंगत को भी फेड नहीं होने देती।
दांतों की सफेदी के लिए ब्रश करने के बाद दंतासा के दातुन को हल्के हाथों से दांतों पर रगड़ें। यह दांतों की रंगत को बरकरार रखने के लिए काफी ज्यादा प्रभावी होता है।
इसके साथ ही दंतासा को पूरी रात पानी मे भिगो कर छोड़ दें। अब सुबह अपने होठ, दांत एवं मसूड़ो पर नारियल का तेल लगाएं और फिर भिगोए हुए दंतासा को दांतो पर हल्के हल्के रगड़ें। इसे होंठ एवं मसूड़ो पर भी लगाएं।
ब्रश की जगह दंतासा के दातुन का इस्तेमाल करना भी आपके दांतों की सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहेगा।
दंतासा होठों को प्राकृतिक लाल रंग प्रदान करता है। दंतासा को पानी मे भिगो कर रख दें, फिर इसे अपने होठों पर रगड़ें। जब यह स्लाइवा के साथ कांटेक्ट में आता है, तो आपके होंठों पर हल्का लाल रंग छोड़ जाता है।
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