कब्ज पेट से जुड़ा एक ऐसा रोग है, जिसमें शरीर पूरी तरह से साफ नहीं हो पाता है। अधिकतर लोग कई बार पानी की कमी (Dehydration) और अन्य कारणों से कब्ज के शिकार हो जाते है। बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें हर वक्त कॉस्टिपेशन (constipation) की समस्या से दो चार होना पड़ता है। पेट पूर्ण रूप से साफ न हो पाने के कारण शरीर को कई बीमारियां घेर लेती है। जानते हैं किस तरह से आप इन समस्या से राहत पा सकते हैं (How to treat constipation)।
अगर आप कब्ज को नज़रअंदाज़ करते है, तो आंत में संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़ने लगता है। कब्ज बने रहने से पेट पूरी तरह से साफ नहीं हो पाता है। इसके चलते कई बार मुंह में छाले की समस्या बनी रहती है।
रिसर्चगेट के मुताबिक कब्ज के कई प्रकार होते है। इसके चलते इसे तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है। सबसे पहले नॉर्मल ट्रानज़िड कॉस्टिपेशन, दूसरा है स्लो ट्रानज़िड कॉस्टिपेशन और तीसरा है डिफेकाटोरी डिसऑर्डर। रिसर्चगेट के मुताबिक साल 2011 में एक अध्ययन किया गया। इसमें क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन वाले 1000 से अधिक रोगियों को रखा गया। इनमें से सर्वाधिक मामले नॉर्मल ट्रानज़िड कॉस्टिपेशन वाले लोगों के ही पाए गए हैं। इनकी तादाद 59 फीसदी थी। वहीं शौच संबंधी विकार 25 फीसदी लोगों में मिले और 13 फीसदी मामले स्लो ट्रानज़िड कॉस्टिपेशन के पाए गए हैं।
रिसर्च में पाया गया है कि दिनभर में वॉटर इनटेक कम रहने और डाइट में फाइबर रिच फूड न होने से शरीर को कब्ज की समस्या से दो चार होना पड़ता है।
कब्ज से राहत पाने के लिए इन आसान उपायों को अपनाएं
एक गिलास दूध में चार टुकड़े अंजीर के डालें। उसके बाद दूध को उबलने दे। दूध ठंडा होने के बाद उसे पी लें और अंजीर को चबाकर खाएं। इसे नियमित तौर पर करने से पेट पूरी तरह से साफ हो जाता है।
इस बारे में प्राकृतिक चिकित्सक अनिल बंसल का कहना है कि अगर आप खाने के बाद छोटी हरड़ मुंह में रख लेते हैं, तो इससे पेट ठीक रहता है। हरड़ को खाना खाने के बाद चूसने से पेट में मौजूद खाना रस में तब्दील हो जाता है। इससे खाना पचने में आसानी रहती है। इस प्रकार से आप कब्ज की समस्या को खत्म कर सकते हैं।
आंवले का रस पेट की समस्याओं के लिए आंवला जूस एक रामबाण इलाज है। गट हेल्थ को बेहतर बनाए रखने के लिए इसका नियमित सेवन बेहद लाभाकारी साबित होता है। सुबह उठकर खाली पेट दो बड़े चम्मच आंवले के रस को पानी में मिलाकर पीने से पाचन संबधी विकार और कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है।
प्रोबायोटिक्स और हेल्थ फ्रैंडली बेक्टिरिया से भरपूर योगर्ट डाइजेशन को फायदा पहुंचाता है। वहीं अलसी के बीज सॉल्यूबल फाइबर का रिच सोर्स है। जो शरीर में आसानी से घुल जाते हैं और कब्ज से राहत मिल जाती है।
अगर आप रोज़ाना जीरा उबालकर एक गिलास पानी दिन में दो बार पीती है, तो शरीर स्वस्थ रहता है। इसमें आप स्वादानुसार काला नमक भी मिला सकती है। एनसीबीआई के मुताबिक फाइबर युक्त जीरे का सेवन कब्ज से राहत पहुंचाने का काम करता है।
अगर आप कब्ज से परेशान है, तो योग का सहारा लें। इस समस्या से बचने के लिए मयूरासन करें। इससे पाचन संबधी समस्याएं दूर होती हैं और आंतों को मज़बूती बनती है। पवनमुक्तासन करने से एसिडिटी की समस्या का समाधान होता है। साथ ही पेट में जमा गैस आसानी से रिलीज़ होने लगती है। इससे एसिड रिफ्लक्स से छुटकारा हमल सकता है। तितली मुद्रा को नियमित करने से डाइजेशन में फायदा मिलता है और पेट में रहने वाला दर्द दूर होने लगता है। इससे कब्ज अपने आप ठीक होने लगती है।
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