प्रेगनेंसी से लेकर डिलीवरी तक महिलाओं को शारीरिक बदलाव के साथ-साथ कई मानसिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। इतना ही डिलीवरी बाद भी महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। छोटे बच्चे देर रात कभी भी जाग जाते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं की नींद बार-बार खराब होती है। बच्चों के जन्म के बाद महिलाओं को कई रात लगातार जागना भी पड़ सकता है, जिसकी वजह से उनके मेंटल और फिजिकल हेल्थ के साथ ही इमोशनल हेल्थ पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। हालांकि, महिलाएं चाहे तो बच्चे के जन्म के बाद कुछ खास बातों का ध्यान रख अपनी नींद पूरी कर सकती हैं।
हेल्थ शॉट्स ने पोस्टपार्टम स्लीप मैनेजमेंट को लेकर तुलसी हेल्थ केयर के सीईओ और सीनियर साइकैटरिस्ट डॉक्टर गौरव गुप्ता से बात की। डॉक्टर ने महिलाओं में डिलीवरी के बाद बच्चे की देखभाल के कारण होने वाली नींद की कमी को मैनेज करने के कुछ हेल्दी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से (how to maintain postpartum insomnia)।
बच्चों के जन्म के बाद ज्यादातर महिलाओं में नींद की कमी देखने को मिलती है, परंतु यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। महिलाओं के लिए पोस्टपार्टम स्लिप बेहद जरूरी होता है। प्रेगनेंसी और डिलीवरी के दौरान शरीर में कई बदलाव आते हैं और इस दौरान शरीर बेहद कमजोर होती है। ऐसे में नींद बॉडी को हिल होने में और जल्द से जल्द रिकवर करने में मदद करता है।
खास कर यदि आपकी सर्जरी हुई है, या प्रेगनेंसी के दौरान किसी प्रकार के कॉम्प्लिकेशंस का सामना करना पड़ा है, तो नींद एक महत्वपूर्ण फैक्टर बन जाती है। इतना ही नहीं पर्याप्त नींद लेने से हारमोंस की रेगुलेशन में सुधार होता है, जैसे कि ऑक्सीटोसिन मिल्क प्रोडक्शन और बॉन्डिंग को बढ़ावा देती है। एक हेल्दी स्लिप इमोशनल हेल्थ के लिए भी जरूरी है, क्योंकि इस दौरान पोस्टपार्टम डिप्रेशन का खतरा बहुत ज्यादा होता है।
इतना ही नहीं ब्रेस्टफीडिंग से लेकर बच्चे की देखभाल के लिए महिलाओं का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है, जिसमें हेल्दी स्लिप आपकी मदद कर सकता है। एक हेल्दी स्लीप इम्यूनिटी को बूस्ट करता है और तमाम अन्य प्रकार के बीमारियों के खतरे को कम कर देता है।
बच्चे के जन्म के बाद, नींद की कमी से निपटना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। जब आपका शिशु सो रहा हो, तो आप भी सोने की कोशिश करें। थोड़ी देर की झपकी से भी अधिक आराम महसूस किया जा सकता है। आमतौर पर महिलाएं बच्चों के सो जाने पर भी उसके जाग जाने के डर से नहीं सो पाती हैं, ऐसा भूलकर भी न करें।
यह जरूरी है कि बच्चे के सोने के लिए एक सुरक्षित जगह सुनिश्चित करें। आप भी उसके आस पास ही सोएं। छोटे बच्चे जागने बाद रोना शुरू कर देते हैं, जिससे आपकी नींद खुल जायेगी। वहीं कई बार बच्चे बिना रोए वापस से सो जाते हैं। इस स्थिति में आपको भी सोने का मौका मिल जाता है।
आजकल दोनों पेरेंट्स मिलकर बच्चों की देखभाल करते हैं, परंतु यदि आपके पार्टनर रात को नहीं जागते हैं, तो आप उनसे कुछ समय जागने के लिए कह सकती हैं। अपनी रात की जिम्मेदारियों को पार्टनर के साथ भी बांटे। इसके अलावा आप परिवार के किसी सदस्य से भी मदद ले सकती हैं। ऐसा करने से आप आसानी से नींद पूरी कर पाएंगी।
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बच्चे को लंबे समय तक सोने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए उनके सोने का समय निर्धारित करें। गर्म पानी से नहाना, शांत संगीत या धीरे से झुलाना इसके कुछ उदाहरण हो सकते हैं। शोर कम करें और दूसरों को यह बताने के लिए कि सोने का समय हो गया है, रोशनी कम रखें। साथ ही साथ आरामदायक बिस्तर और शांति सबसे महत्वपूर्ण है।
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कस्टमाइज़ करेंडिलीवरी के बाद खुद के प्रति काइंड रहने का प्रयास करें। स्वस्थ भोजन करें और खूब पानी पिएं। बिस्तर पर जाने से पहले, कैफीन और भारी भोजन से दूर रहें, क्योंकि ये आपकी नींद में खलल डाल सकते हैं। इसके अलावा, आराम करने और अपनी नींद की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, वॉकिंग, योग आदि जैसे हल्के व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का प्रयास करें।
मदद मांगने में झिझक न करें। सहायता प्राप्त करने से आपको नींद की कमी को प्रबंधित करने में मदद मिल सकती है। जरूरी नहीं केवल रात को बल्कि दिन के समय भी कुछ देर सोने का प्रयास कर सकती हैं। इसके लिए अपने बच्चे को परिवार के किसी सदस्य को कुछ देर पकड़ने को कहें। सुबह की नैप भी आपको रात की नींद को पूरा करने में मदद करेगी।
यदि आपको तेज नींद आ रही है, तो उस पर नियंत्रण पाने की कोशिश कभी न करें, क्योंकि पोस्टपार्टम के दौरान आपकी बॉडी को भी आराम की बेहद आवश्यकता होती है। याद रखें कि यह स्टेज अस्थायी है, और आपका और आपके बच्चे का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है, कि आप अपना ख्याल रख रही हैं या नहीं।
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