बेली फैट कम करने में असरदार है गुग्गुल, जानिए कैसे काम करती है ये आयुर्वेदिक हर्ब

एंटी ओबेसिटी दवाओं में प्रयोग किया जाने वाला गुग्गुल बेली फैट को कम करने में  असरकारक है। विभिन्न शोध भी यही बताते हैं।  
weight loss me guggul
गुग्गुल में मौजूद पोषक तत्व मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देते हैं। इससे शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है। चित्र : शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Published: 5 Oct 2022, 12:30 pm IST
  • 129

मोटापा एक डिसऑर्डर है, जो बायोलॉजिकल, साइकोलॉजिकल और पर्यावरणीय कारकों के कारण विकसित होता है। शारीरिक गतिविधि में बढ़ोत्तरी और कम कैलोरी के सेवन से मोटापा को नियंत्रित किया जा सकता है। पर बाज़ार में कई एंटी ओबेसिटी दवा भी मौजूद हैं। लेकिन ज्यादातर दवाओं का शरीर पर  प्रभाव प्रतिकूल पड़ता है। ऐसी स्थिति में आयुर्वेदिक हर्ब की तरफ लोगों का मुड़ना स्वाभाविक है। इनका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है। मोटापा घटाने के लिए आज हम बात करेंगे ऐसे ही हर्ब गुग्गुल की, जो कोलेस्ट्रॉल घटाने के साथ- साथ बेली फैट भी (guggul for weight loss) घटा देता है। भारत में हुए रिसर्च इसी बात की सहमति देते हैं।    

हर्ब्स मोटापा से निजात दिलाने में आपकी मदद कर सकती हैं

मोटापा किसी भी व्यक्ति के लाइफस्टाइल को प्रभावित कर सकता है। मोटापे के कारण आप उच्च रक्तचाप, मधुमेह, स्ट्रोक, ऑस्टियोआर्थराइटिस और यहां तक ​​कि संज्ञानात्मक हानि (cognitive impairment) जैसी कई समस्याओं की चपेट में आ सकती हैं। एक्सरसाइज और आहार के अलावा कुछ हर्ब्स भी इससे निजात दिलाने में आपकी मदद कर सकती हैं। गुग्गुल ऐसी ही एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है।  

क्या कहती हैं रिसर्च

आंध्र प्रदेश के विक्रम सिम्हापुरी युनिवर्सिटी के रमेश बेलाकोंडा ने गुग्गुल (Commiphora mukul)  के एथानोलिक एक्सट्रेक्ट पर स्टडी की। इसके आधार पर यह निष्कर्ष निकाला कि फ्रुक्टोज से बढ़ावा मिलने वाले बॉडी वेट, हाइपरग्लायसेमिया, हाइपरट्रायग्लायसेरीडेमिया  को गुग्गुल पूरी तरह रोक देता है। इस स्टडी को बाद में पबमेड सेंट्रल में भी शामिल किया गया।  

वैद्यनाथ भवन में हुई क्लिनिकल स्टडी में भारती विद्यापीठ पुणे की वैज्ञानिक पूनम गुप्ते और शुभांगी हरके की टीम ने पाया कि गुग्गुल मिश्रित टेबलेट लेने से मोटे शरीर पर प्रभाव पड़ा। 1 महीने के सेवन के बाद माप लेने पर शरीर की गोलाई में कमी पाई गयी।

गुग्‍गुल में मौजूद पोषक तत्व

असल में गुग्‍गुल (Indian Bdellium Tree) एक प्रकार की गोंद होती हैइसे कमिफोरा मुकुल (Commiphora Mukul) पेड़ से प्राप्‍त किया जाता है। इसे जाड़े के मौसम में निकाला जाता है। इस गोंद को प्रयोग में लाने से पहले शुद्ध किया जाता है। 

शुद्धिकरण  के बाद इसमें लगभग 10 प्रकार के दूसरे हर्ब को मिलाया जाता है। फिर इससे एंटी ओबीज गोली या चूर्ण तैयार किया जाता है। मोटापा के अलावा, कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।

guggul ka prayog
कई दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

 गुग्गुल में स्टेरॉयड, एसेंशियल ऑयल, लिग्नंस, फ़्लव्नोइडस, कार्बोहाइड्रेट और एमिनो एसिड होते हैं। इसमें विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट, क्रोमियम, इनोसिटोल हैक्‍साइनासिनेट एलिमेंट भी होते हैं।

मोटापा दूर करने में कैसे मददगार है गुग्गुल 

गुग्गुल में मौजूद पोषक तत्व मेटाबोलिज्म को बढ़ावा देते हैं। इससे शरीर पर जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद मिल सकती है। यह भूख को कम कर देता है। इसलिए इसका उपयोग एंटी ओबेसिटी सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है।

AYURVEDIC REMEDY KE FAYDE
गुग्गुल का उपयोग एंटी ओबेसिटी सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है। चित्र ; शटरस्टॉक

कैसे करें प्रयोग 

1 टीस्पून गुग्गुल चूर्ण को आधा गिलास पानी में डाल दें। 1-2 घंटे बाद इस पानी को छान कर पी लें। 

2 बाज़ार में मिलने वाली गुग्गुल वटी या गोली का भी प्रयोग किया जा सकता है।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

यह भी पढ़ें :- बेल की पत्तियों के ये 4 DIY हैक्स बालों को जड़ाें से मजबूत बनाकर उनकी ग्रोथ बढ़ाएंगे 

  • 129
लेखक के बारे में

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

अगला लेख