खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए हम उसे तरह-तरह से पकाते-भूनते हैं। तेल में बहुत अधिक भूनने-पकाने से पौष्टिकता प्रभावित होती है। रोस्टिंग खाना पकाने की एक ऐसी विधि है, जो न सिर्फ स्वाद बढ़ाती है, बल्कि पौष्टिकता भी बरकरार रखती है। कई खाद्य पदार्थ ऐसे हैं, जिन्हें रोस्ट कर खाने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव भी होता है। टमाटर, आलू, अमरुद ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिन्हें रोस्ट कर खाने से उनका फायदा दूना हो (Roasted Food benefits) जाता है।
फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल के अनुसार, पकाए जाने वाले खाद्य पदार्थ को खुले आग या ओवन में डालकर भूना जाता है। इसके लिए कम से कम 150 डिग्री सेल्सियस (300 डिग्री फारेनहाइट) का तापमान जरूरी है। भोजन को भूनने से उसमें मौजूद पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं हो पाते हैं। वे बरकरार रह जाते हैं। रोस्ट करने पर भोजन के अंदर मौजूद नेचुरल शुगर का भी लाभ मिल जाता है। इससे भोजन की सतह पर कारमेलाइजेशन हो जाता है, जिससे भोजन ब्राउन हो जाता है और उसका स्वाद भी बढ़ जाता है।
फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, मेटाबोलिज्म, ब्रेन हेल्थ और मसल्स हेल्थ के लिए सबसे जरूरी है विटामिन बी। पर यह सबसे अधिक अस्थिर पोषक तत्व होता है। यह पानी में भी जल्दी घुल जाता है। जैसे ही हम सामान्य विधि से खाना पकाते हैं, तो सबसे पहले खाद्य पदार्थ में मौजूद विटामिन बी निकलकर पानी में घुल जाता है। पानी में सब्जियों को उबालने पर थायमिन, फोलेट, विटामिन बी6 और विटामिन बी 12 कम हो जाते हैं। रोस्ट करने पर विटामिन बी की मौजूदगी बनी रहती है।
जर्नल ऑफ़ फ़ूड एंड एग्रीकल्चर केमिस्ट्री के अनुसार, इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है विटामिन सी। टिश्यू डैमेज से बचाव, विकास के लिए जरूरी है विटामिन सी। इसके अलावा, कोलाजेन प्रोडक्शन, हड्डियों की मजबूती के लिए भी यह जरूरी है। विटामिन सी के श्रोत वाले खाद्य पदार्थों को पानी के साथ अधिक देर तक पकाया जाता है, तो इस विटामिन के भी नष्ट होने की आशंका बनी रहती है। रोस्ट करने से विटामिन सी बरकरार रह पाता है।
फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल के अनुसार, तेल में खाद्य पदार्थों को भूनने, तलने, फ्राई करने से अत्यधिक मात्रा में कैलोरी कन्जूम हो जाता है। फैट डिपाजिशन होने की आशंका भी बढ़ जाती है। खाद्य पदार्थ को भूनने से न अधिक कैलोरी गेन होती है और न ही फैट डिपोजीशन हो पाता है। इसलिए खाना पकाने के अन्य तरीकों की तुलना में रोस्टिंग स्वास्थ्यवर्धक होता है।
भूनने से हानिकारक बैक्टीरिया के संपर्क में आने का जोखिम कम हो जाता है। ये फ़ूड के टॉक्सिक होने का कारण बन सकते हैं। साल्मोनेला और ई कोलाई जैसे हानिकारक बैक्टीरिया से बचाव के लिए रोस्ट करना महत्वपूर्ण है।
स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन बनाना चाहती हैं, तो रोस्ट करना आसान तरीकों में से एक है। भूनने से भोजन के अंदर प्राकृतिक शुगर का लाभ मिलता है। इससे और अधिक बढ़िया स्वाद मिलता है।
यहां हैं वे तीन खाद्य पदार्थ जो स्वाद और पौष्टिकता दोनों बढ़ाते हैं
फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल के अनुसार, टमाटर पकाने से टमाटर की पौष्टिकता बढ़ जाती है। न्यूट्रीएंट जर्नल के अनुसार, भूनने से एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि बढ़ जाती है।
इससे टमाटर में मौजूद लाइकोपीन का अवशोषण भी सही तरीके से हो पाता है। वेट लॉस के लिए टमाटर सबसे बढ़िया होता है। इससे कई रोगों का बचाव होता है।
जर्नल ऑफ़ एग्रीकल्चरल फ़ूड एंड केमिस्ट्री के अनुसार, आग पर भुने हुए आलू में फाइबर मौजूद होता है, जो डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए जरूरी है। इसमें मौजूद विटामिन बी 6 मेटाबोलिज्म में सुधार करता है। आलू में मौजूद कंपाउंड वजन घटाने में मदद कर सकते हैं। तेल में भूनने पर आलू में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। वहीं आग में भूनने पर इससे हृदय रोग से बचाव हो पाता है।
फ़ूड केमिस्ट्री जर्नल के अनुसार, सूखी खांसी और लंबे समय से हो रही खांसी में कारगर है भुना हुआ अमरूद। अमरूद में मौजूद विटामिन सी बलगम को ढीला करने में मदद करते हैं।
ये शरीर की रोग से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। इसलिए अपने भोजन में भुने अमरुद को जरूर शामिल करें।
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