पोटली मसाज एक बेहद पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा है, जिसे लोग सदियों से बालों के विकास के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं। पुराने समय में महिलाएं आयुर्वेदिक नुस्खों पर अधिक भरोसा करती थी, और अब वापस से आयुर्वेद काफी चलन में है। केमिकल युक्त प्रोडक्ट के इस्तेमाल से फायदों से कहीं ज्यादा साइड इफेक्ट्स देखने को मिलते हैं, ऐसे में लोगों ने अब इन्हें इस्तेमाल करने की जगह प्राकृतिक समस्याओं पर अधिक भरोसा करना शुरू कर दिया है। वहीं पोटली मसाज भी काफी चलन में हैं। महिलाओं में बालों से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, लगभग 90% महिलाएं हेयर फॉल से परेशान हैं। ऐसे में बालों को पतला होने से बचाना है, तो पोटली मसाज जरूर ट्राई करें।
बालों के लिए पोटली मसाज के फायदे जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने आयु शक्ति की को फाउंडर और आयुर्वेद स्मिता नरम से बात की। डॉक्टर ने हेयर ग्रोथ के लिए हर्बल पोटली मसाज के फायदे बताते हुए, इसे तैयार करने का तरीका भी बताया है (potli massage for hair)। तो चलिए जानते हैं इसे कैसे बनाना है।
भारत में प्रचलित सबसे लोकप्रिय मालिश उपचारों में से एक, पोटली का उपयोग दक्षिण पूर्व एशिया में, विशेष रूप से थाईलैंड में, सदियों से एक प्राकृतिक उपचार के रूप में किया जाता रहा है। पोटली मसाज चिकित्सा गर्म हर्बल पाउच के उपयोग से की जाती है, जिसे पोटली (या पोल्टिस) के रूप में भी जाना जाता है। इसका उपयोग प्रभावित क्षेत्र को पोषण देते हुए फिर से जीवंत करने के लिए किया जाता है। जब इन पोटलियों को शरीर पर रखा जाता है, तो इनका चिकित्सीय प्रभाव होता है।
आयुर्वेद को भारत की सबसे पुरानी औषधीय परंपराओं में से एक माना जाता है और पोटली मालिश चिकित्सा की जड़ें इसी विज्ञान में हैं। पोटली में आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां होती हैं, जो ताज़ी और सूखी दोनों हो सकती हैं, जिन्हें आपकी आयुर्वेदिक संरचना और जिस समस्या के लिए आप इलाज करवा रहे हैं, उसके आधार पर सावधानी से चुना जाता है।
फिर उन्हें एक मलमल के कपड़े में पैक किया जाता है और गर्म औषधीय तेल (गीली मालिश के लिए) या रेत या कुछ हर्बल पाउडर (सूखी मालिश के लिए) में डुबोया जाता है और फिर शरीर को ठीक करने में मदद करने वाले विशिष्ट दबाव बिंदुओं पर मालिश की जाती है। यह ब्लड सर्कुलेशन को उत्तेजित करने में भी मदद करते हैं, जो तेजी से रिकवरी और स्वस्थ त्वचा को बढ़ावा देता है।
पोटली मसाज बालों के लिए कई रूपों में फायदेमंद साबित हो सकता है। यह स्कैल्प पर काम करते हुए आपके बालों को उचित पोषण प्रदान करता है। स्कैल्प पर गर्म पोटली से दबाव बनाने से स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बूस्ट होता है, जिससे हेयर फॉलिकल्स तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचता है, और बाल जड़ से मजबूत होते हैं। एक स्वस्थ हेयर फॉलिकल्स हेल्दी हेयर ग्रोथ में मदद करती है।
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पोटली के अंदर के आयुर्वेदिक हर्ब्स आपके स्कैल्प स्किन को आवश्यक पोषण देती हैं, वहीं इसमें इस्तेमाल हुए ऑयल स्कैल्प और बालों के अंदर तक अवशोषित होकर इसे मुलायम बनाती हैं। वहीं स्कैल्प ड्राइनेस को भी कम कर देती है। यह डैंड्रफ और अन्य प्रकार से संक्रमण में बेहद कारगर होती है। यदि आप अपने झड़ते बालों से परेशान हैं, तो पोटली मसाज को बालों पर जरूर ट्राई करें।
मलमल के कपड़े का उपयोग करके छोटी-छोटी पोटली बनाएं। सभी पोटली को मेंहदी, आंवला, शिकाकाई, ब्राह्मी और भृंगराज जैसी जड़ी-बूटियों के मिश्रण से भरें।
इन जड़ी-बूटियों में बालों को मजबूत बनाने, हेयर ग्रोथ को बढ़ावा देने वाले सभी आवश्यक पोषण पाए जाते हैं, साथ ही इसमें कंडीशनिंग गुण भी होते हैं।
पाउच को कुछ मिनट के लिए गर्म तेल (नारियल, बादाम या तिल) में डुबोए रखें।
इससे जड़ी-बूटियों में तेल मिल जायेगा, और आपके स्कैल्प में सुखदायक गर्माहट पैदा करेगा।
गर्म पाउच से अपने सिर पर गोलाकार गति में धीरे-धीरे मालिश करें।
रक्त प्रवाह को उत्तेजित करने और बालों के रोम तक पहुंचने के लिए दबाव डालें।
जब यह ठंडा हो जाए तो इसे वापस से तावे पर गर्म करें और स्कैल्प पर अप्लाई करें।
पोटाली को अपने सिर पर 15-20 मिनट या चाहें तो अधिक समय तक दोहरा सकती हैं।
फिर अपने बालों को हल्के शैम्पू और कंडीशनर से धोएं।
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