ज्यादातर महिलाएं घरेलू जिम्मेदारियां और प्रोफेशनल फ्रंट दोनों संभाल रहीं हैं। ऐसे में व्यस्त दिनचर्या के कारण कई बार आप अपने आहार का ध्यान नहीं रख पातीं। जबकि सभी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए आपको अपने आहार पर और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
हालांकि जब एक स्वस्थ आहार की बात होती है, तो फैट (Fat) और प्रोटीन (Protein) की मात्रा कितनी होनी चाहिए इस बात पर असमंजस की स्थिति बन जाती है। खासकर तब जब आपकी उम्र 30 पार कर रही हो। बढ़ती उम्र के साथ कई बीमारियां भी जन्म लेने लगती है, जिसमें हाई कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसे कुछ रोग आज के वक्त में सबसे आम है।
ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि आपकी सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए 30 की उम्र के बाद आपको कितने फैट की आवश्यकता होनी चाहिए। चलिए हैदराबाद के कामिनेनी अस्पताल के वरिष्ठ एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, डॉ संदीप रेड्डी से जानते हैं।
फैट और प्रोटीन हमारी डाइट में अहम भूमिका निभाने वाले माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं। हमारे शरीर को इन दोनों की ही संतुलित मात्रा बहुत आवश्यक होती है। इन दोनों की मात्रा कितनी होनी चाहिए यह उम्र के साथ-साथ और आपके रहन-सहन और काम के हिसाब से बढ़ती-घटती रहती है।
दरअसल फैट और प्रोटीन दोनो ही कार्बोहाइड्रेट्स की गैरमौजूदगी में ऊर्जा के ब्रेकअप स्रोत होते है। हमें दिन भर में कितने फैट का सेवन करना चाहिए, यह हमारे कैलोरी इंटेक से निर्धारित होता है। उदाहरण के तौर पर यदि आपके डाइटिशियन ने आपको रोजाना 2000 कैलोरी डाइट लेने की सलाह दी है, तो उसमें प्रतिदिन औसतन 55 से 78 ग्राम फैट और 50 से डेढ़ सौ ग्राम प्रोटीन होनी जरूरी है।
जब हम फैट की आवश्यकता की बात करते हैं, तो सिर्फ हेल्दी फैट्स ही सेहत के लिए अच्छा होता है। डॉ संदीप रेड्डी बताते हैं,”महिलाओं के आहार में स्वस्थ फैट एक महत्वपूर्ण आहार घटक है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, वे वसा में घुलनशील विटामिन के अवशोषण में मदद करते हैं, स्टेरॉयड हार्मोन के उत्पादन में सहायता करते हैं और हृदय और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।”
वहीं यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर भी इस बात की सलाह देता है कि हेल्दी फैट की मात्रा भी नियंत्रित होनी चाहिए। 1 ग्राम फैट में करीब 9 कैलोरी होती हैं।
आपकी उम्र 30 हो या 65 आपको कितना फैट लेना चाहिए, यह कई फैक्टर पर निर्भर करता है। हालांकि महिलाओं में फैट की जरूरत को एक एक्सेप्टेबल मैक्रोन्यूट्रिएंट डिस्ट्रीब्यूशन रेंज या एएमडीआर के रूप में व्यक्त किया जाता है। यह आपके स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक फैट की न्यूनतम मात्रा और पुरानी बीमारी के जोखिम को बढ़ाए बिना आपको स्वस्थ बनाए रखता है।
डॉ संदीप रेड्डी के अनुसार, 30 की में महिलाओं को आमतौर पर प्रति दिन 1,600 से 2,200 कैलोरी की आवश्यकता होती है। यूएस ऑफिस ऑफ़ डिज़ीज़ प्रिवेंशन एंड हेल्थ प्रमोशन के 2015-2020 के डाइटरी गाइडलाइंस बताती हैं कि महिलाओं को अपनी कुल दैनिक कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत वसा से प्राप्त करना चाहिए।
आपको हमेशा स्वस्थ और अस्वस्थ फैट में अंतर समझना बहुत जरूरी है। कोशिश करें कि सैचुरेटेड फैट का सेवन कम से कम करें। हाई सैचुरेटेड फैट का सेवन समय के साथ एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि से जुड़ा हुआ है। यह में कई प्रकार की गंभीर समस्याओं में डाल सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन अनुशंसा करता है कि आप अपने दैनिक कैलोरी का 6 प्रतिशत से अधिक संतृप्त वसा से प्राप्त न करें।
उच्च संतृप्त वसा का सेवन समय के साथ एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि से जुड़ा हुआ है, जिससे प्लाक का निर्माण हो सकता है जिससे धमनियों में हृदय रोग हो सकता है। यह फैट :
पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (PUFAS) में आवश्यक ओमेगा -3 फैटी एसिड शामिल होते हैं, जो सूजन को रोकने और ट्राइग्लिसराइड्स और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के रक्त स्तर को कम करने में मदद करते हैं। अखरोट, मक्की का तेल, सूरजमुखी के बीज से यह प्राप्त किया जा सकता है।
मोनोअनसैचुरेटेड वसा (MUFAS) भी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इनका सोर्स जैतून तेल, कॅनोला तेल, मूंगफली का तेल है।
लेडीज़, आपको 30 की उम्र के बाद कितना वास का सेवन करना चाहिए यह आपकी कैलोरी, डाइट, वर्कआउट रूटीन, जिम्मेदारियों व अन्य पहलुओं पर निर्भर करता है। अपनी डाइट में उचित मात्रा को समझने के लिए आपको अपने डाइटिशियन से सलाह लेनी चाहिए। वह आपकी शारीरिक स्थिति व बीमारियों के इतिहास की जांच परख करके आपकी डाइट में फैट का सेवन तय करने में आपकी सहायता करेंगे।
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