अक्सर पेट दर्द होने पर लोग पुदीने के अर्क का सेवन करते है। पुदीने की पत्तियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा शरीर को कई प्रकार से फायदा पहुंचाती है। लो कैलोरी और हाई फाइबर से भरपूर इस हर्ब का सेवन करने से डायबिटीज़ का खतरा भी कम होने लगता है। मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर पुदीने की खुशबू से लेकर रिफ्रेशिंग स्वाद शरीर में ग्लूकोज़ के स्तर को नियिं.त करने में मदद करते है। जानते है पुदीने की पत्तियां किस तरह डायबिटीज़ के जोखिम को कम करने (mint leaves to control blood sugar) में साबित होती हैं मददगार।
फैट सॉल्यूबल विटामिन से भरपूर पुदीने की पत्तियों का सेवन करने से शरीर को विटामिन ए के अलावा कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 29 है, जिसकी गिनती लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स में की जाती है। इससे शरीर में ग्लूकोज़ का स्तर नियंत्रित रहता है और पोषक तत्वों का एब्जॉर्बशन बढ़ने लगता है। फाइबर, आयरन और फोलेट से भरपूर पुदीने से शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। इसके अलावा खांसी जुकाम से भी राहत मिलती है।
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि पुदीने में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा होती है, जिससे ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके इंसुलिन सेंसिटीविटी को इंप्रूव किया जा सकता है। इसके अलावा पुदीने में फेनोलिक एसिड, फ्लेनोवोइड और कैरोटीनॉयड जैसे कंपाउड पाए जाते हैं। हाई ब्लड शुगर से ग्रस्त होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में एंटी बैक्टीरियल गुणों की प्राप्ति होने से इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। इसके अलावा शरीर को विभिन्न विटामिन और मिनरल्स की भी प्राप्ति होती है। हेल्दी वेट मेंटेन करने के लिए पुदीने की चाय कारगर उपाय है।
एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों से भरपूर पुदीने की पत्तियों का सेवन करने से ग्लूकोज़ के एब्जॉर्बशन में मदद मिलती है। दरअसल, पुदीने की पत्तियों को चबाकर खाने से ब्लड सेल्स ग्लूकोज को सही ढ़ग से अवशोषित करने में मददगार साबित होते है। इसके अलावा मेटाबॉलिज्म भी बूस्ट होता है, जिससे इंसुलिन सेंसिटीविटी प्रभावित होने लगती है।
साइंस डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार पुदीने की पत्तियों की मदद से पाचन तंत्र में ग्लूकोज के एब्जॉर्बशन को सीमित करता है। इससे खाना खाने के बाद ब्लड शुगर के स्तर में होने वाली बढ़ोतरी को रोकने में मदद मिलती है। दरअसल, पुदीने के अर्क में मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण इंसुलिन रज़िस्टेंट को रोकने में सहायक साबित होते हैं।
रोस्मारिनिक एसिड और फ्लेवोनोइड्स से भरपूर पुदीने के सेवन से शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है। इसके सेवन से ब्लड में ग्लूकोज़ के एब्जॉर्बशन को सीमित करके शुगर स्पाइक से बचाने में मदद करता है। पुदीने के अर्क को पानी में मिलाकर लेने के अलावा पुदीने की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से हाइपोग्लाइसेमिक गुणों की प्राप्ति होती है।
पुदीने के स्वाद के अलावा इसकी तरोताज़ा मन को सुकून, ठंडक और ताज़गी देती है। डायबिटीज़ के मरीजों में तनाव के बढ़ते स्तर को कम करने के लिए मिंट लीव्स का सेवन फायदेमंद साबित होता है। इससे शरीर में हार्मोनल असंतुलन को दूर करके कोर्टिसोल हार्मोंन को नियंत्रित करने में मदद मिलती हैं, जिससे नींद न आने की समस्या को हल किया जा सकता है।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर पुदीने का सेवन करने से शरीर में पनपने वाले संक्रमणों से मुक्ति मिल जाती है। डायबिटीज़ के चलते शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होने लगती है। ऐसे में मिंट लीव्स और चुटकी भर दालचीनी को पानी में उबलने दें। पानी जब आधा रह जाएं, तो उसे छानकर तैयार चाय में शहद मिलाएं और पीएं।
पुदीने के स्वाद और उसके गुणों को पाने के लिए हल्के गुनगुने पानी में पुदीने की पत्तियों को धोकर डालें। अब उसमें नींबू और खीरे के स्लाइज़ एड करके सेवन करें। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और डायबिटीज़़ के चलते बार बार लगने वाली प्यास की समस्या हल होने लगती है।
मेथी के समान पुदीने की पत्तियों को धोकर सूखा लें। जब पूरी तरह से कड़क हो जाएं, तो उसे एक जार में डालकर रख दें। अब किसी भी रेसिपी के स्वाद और पौष्टिकता को बढ़ाने के लिए पत्तियों को क्रश करके डाल दें। इससे डायबिटीज़ के स्तर नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
ग्लूकोज़ के चयापचय को नियमित बनाए रखने के लिए पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल सेलेड में भी कर सकते है। इससे शरीर को विटामिन सी और एंटी इंफ्लामेटरी गुणों की भी प्राप्ति होती है, जिससे शरीर में शुगर के स्तर को रोकने में मदद मिलती है।