तापमान गिरने के साथ ही सर्दियों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है (changing weather), इस दौरान सर्दी-खांसी, जुकाम, गले की खराश आदि जैसी समस्याएं बेहद आम हो जाती हैं। यह बच्चों से लेकर हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। वायरल संक्रमण के लक्षण नियमित दिनचर्या को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। इतना ही नहीं ये संक्रमण बेहद जिद्दी होते हैं, जिन्हें ठीक होने में लंबा समय लगता है (seasonal infection)।
कुछ साल पहले जब मैं संक्रमित हुई थी तो मेरी मां ने मुझे शहद के नुस्खे आजमाने की सलाह दी थी। मां का बताया शहद का नुस्खा बेहद कमाल का साबित हुआ, इसके परिणाम देखने के बाद मैं हर साल गले की खराश में इसे आजमाती हूं और मुझे बेहद आराम मिलता है। यदि आप भी लंबे समय तक संक्रमित नहीं रहना चाहती हैं, तो इस बार शहद को जरूर आजमाएं (honey for seasonal allergies)। चलिए जानते हैं संक्रमण में शरीर के लिए शहद के फायदे साथ ही जानेंगे इस्तेमाल का सही तरीका (honey for sore throat)।
शहद गीली और सूखी दोनों तरह की खांसी में मदद कर सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, एक अध्ययन में, ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण वाले बच्चों को सोते समय शहद दिया गया और इससे उनकी खांसी को दबाने में मदद मिली। इसके अतिरिक्त शहद में एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। जो शहद को सीजनल एलर्जी के उपचार की एक विश्वसनीय होम रेमेडी बनाती हैं।
ये खास प्रॉपर्टीज गले में जलन और सूजन सहित रेस्पिरेटरी संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया के प्रभाव को कम कर देती हैं, और वायरल संक्रमण के लक्षण से राहत प्रदान करती हैं। शहद में सूदिंग प्रॉपर्टी होती है, जो आपको खांसी और जुकाम की स्थिति में राहत प्रदान करते हुए बेहतर महसूस करने में मदद करती हैं।
जुकाम की ज्यादातर ओवर-द-काउंटर दवाइयों में शहद शामिल होता है। उबले हुए पानी के एक मग में आधा नींबू निचोड़ें और उसमें 2 चम्मच शहद ऐड करें। इसे गरमा गर्म चाय की तरह एंजॉय करें। यह आपके गले को राहत प्रदान करेगा।
यह खांसी, जुकाम और एलर्जी से निपटने में मदद कर सकता है। यह मिश्रण संक्रमण के मूल कारक बैक्टीरिया को जड़ से खत्म कर देता है। थोड़े से अदरक को कुचल कर उसका रस निचोड़ लें। इस रस को लगभग एक चम्मच शहद के साथ मिला लें और तुरंत पिएं। इसके लिए हमेशा ताजे अदरक का इस्तेमाल करना चाहिए। बेहतरीन नतीजों के लिए इस उपाय को दिन में कम से कम 2 से 3 बार दोहराएं। यह सुखी खांसी में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करता है।
इसे एक अन्य तरीके से भी लिया जा सकता है। इसके लिए आपको कसे हुए अदरक को एक कप पानी में लगभग 5 मिनट तक उबालना है। फिर पानी को छान लें और इसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिक्स करें और इसे तुरंत लें।
तुलसी के पत्ते और शहद मौसमी खांसी से लड़ने के लिए इसे एक बेहद पुराना नुस्खा माना जाता है। मां इसे सबसे अधिक प्रभावी मानती हैं। 3 से 4 तुलसी के पत्ते लें और उन्हें कुचल लें। एक बार जब आप तुलसी के पत्तों को कुचल लें, तो इसमें एक एक चम्मच शहद मिलाएं और इसे चाट कर खाएं।
आप तुलसी के पत्तों को दांत से चबाकर भी खा सकती हैं और चबाने के बाद शहद निगल सकती हैं। आपको इसे खाली पेट आजमाना है, इसके अलावा, इसे लेने के बाद कम से कम 30 मिनट तक कुछ भी खाने पीने से बचें।
लौंग में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इसे गले में खराश के साथ होने वाले दर्द और संक्रमण से राहत दिलाने का एक प्रभावी उपाय बनाते हैं। यह आपके गले में होने वाली खुजली से भी राहत दिलाता है। इसके लिए आपको एक चम्मच शहद में एक लौंग की फली डालें और इसे कुछ घंटों या रात भर के लिए भिगो दें। लौंग निकालें और शहद को घूंट-घूंट करके पिएं।
इससे आपको गले की खराश से तुरंत राहत मिलेगी। आप शहद खाकर लौंग को अपने मुंह में भी रख सकती हैं। इसके अलावा आप एक पानी में लौंग डालें और इसे उबाल लें, अब इसमें एक चम्मच शहद मिला लें और इसे पिएं।
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