सालों से आयुर्वेद और मां के नुस्खों में प्रयोग किया जाने वाले प्रभावी उपायों में से एक है लौंग का तेल (Clove oil)। लौंग के तेल का प्रयोग कई तरह की आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में किया जाता है, और यह स्वयं भी एक दवाई के रूप में काम करता है। इसे लौंग के पेड़ों से प्राप्त किया जाता है। वहीं इसमें मौजूद सभी पोषक तत्व कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पाने (Clove oil benefits) में आपकी मदद कर सकते हैं।
एंटीमाइक्रोबॉयल एक्टिविटी से लेकर एंटी कैंसर प्रॉपर्टी तक इसके गुणों को और ज्यादा बढ़ा देती हैं। यही वजह है कि लौंग का तेल एलर्जी, इनफेक्शन, दांत दर्द, कोल्ड एंड कफ और पाचन क्रिया से संबंधित समस्याओं में काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। तो चलिए आगे जानते हैं इससे जुड़े कुछ जरुरी तथ्य।
लौंग के तेल में यूगनोल नामक एक कंपाउंड पाया जाता है, जिसमे एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। ये कंपाउंड एक्ने को ठीक करने, स्वेलिंग कम करने से लेकर इन्फेक्शन पैदा करने वाले बैक्टीरियाज से लड़ने में मदद करता है।
नेशनल लाइबरेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार त्वचा पर इसका इस्तेमाल लंबे समय से चली आ रही इचिंग से निजात दिलाता है। इसके साथ ही यह एजिंग की समस्या जैसे रिंकल्स और स्किन सैगिंग में भी कारगर होता है। वहीं आयुर्वेद में सालों से इसका प्रयोग पाचन से जुड़ी समस्यायों में होता चला आ रहा है। हेल्दी स्किन के लिए पेट का स्वस्थ होना भी बहुत जरुरी है।
लौंग के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी कैंसर और दिल से जुड़ी बीमारियां पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स को बॉडी से दूर रखने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व बॉडी में वाइट ब्लड सेल्स के काउंट को बढ़ा देते हैं और इस प्रकार इम्यून सिस्टम भी बूस्ट हो जाता हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार लौंग का तेल दांतो में होने वाले इरोजन को रोकता है। यह इरोजन आगे चल कर कैविटी का कारण बनते हैं। 2016 में पब मेड सेट्रल द्वारा किए गए एक अध्ययन में ओरल कैविटी पैदा करने वाले कीटाणुओं को खत्म करने के लिए 10 प्राकृतिक पौधों से अलग-अलग प्रकार के पदार्थों को लिया गया। इन सभी पदार्थों में से लौंग का तेल सबसे ज्यादा प्रभावी साबित हुआ।
नियमित रूप से प्रयोग किए जाने वाले लगभग सभी टूथपेस्ट में लोंग का इस्तेमाल किया जाता है। लौंग में मौजूद यूजनॉल दांत दर्द जैसी समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यदि अब दांत दर्द से परेशान रहती हैं, तो कॉटन के ऊपर लौंग का तेल डालें और इसे उस दांत पर लगाएं जहां आपको दर्द का अनुभव हो रहा हो। इसके साथ ही गर्म पानी में लौंग के तेल को मिलाकर कुल्ला करें। ऐसा करने से सांसों की बदबू से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
लौंग में मौजूद एंटीसेप्टिक प्रॉपर्टी लौंग के तेल को काफी ज्यादा खास बना देती हैं। इसे स्किन कट हो जाने पर और घाव, फंगल इनफेक्शन और कीड़ा-मकोड़ा काटने पर भी इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, घाव पर सीधा लौंग का तेल न लगाएं। यह आपके लिए काफी ज्यादा दर्दनाक हो सकता है। परंतु इसे कोकोनट मिल्क के साथ मिलाकर लगा सकती हैं।
लौंग के तेल में मौजूद हाई एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी गले की खराश, सर्दी, खांसी और साइनस जैसी समस्या में काफी ज्यादा फायदेमंद होती हैं। यदि आपको लगातार खांसी आ रही है, तो लौंग का तेल मुह में लें। खांसी खुद-ब-खुद शांत हो जाएगी।
यदि आप भी सिर दर्द से परेशान रहती हैं, तो अपने किचन में मौजूद इस खास सामग्री की मदद से इस समस्या से हमेशा के लिए निजात पा सकती हैं। लौंग में मौजूद फ्लेवोनॉयड और इन्फ्लेमेटरी एजेंट प्रॉपर्टीज शरीर को ठंडा रखने में मदद करती हैं। इसके साथ ही मसल्स पेन और ज्वाइंट पेन के लिए काफी असरदार मानी जाती है।
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