छोटे बच्चों में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं। खासकर न्यूली बॉर्न से लेकर 6 साल तक। क्योंकि जन्म के बाद इस वातावरण को अपनाने में उन्हें थोड़ा वक्त लगता है, जिस वजह से इनफेक्शन, एलर्जी, लूज मोशन, खांसी और सर्दी जैसी समस्याएं आमतौर पर बच्चों को परेशान करती रहती हैं। उन्ही समस्याओं में से एक है एक्जिमा (Child eczema)।
नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों की त्वचा बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है। जिसके कारण त्वचा के प्रभावित होने की संभावना भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है। हालांकि अभी तक त्वचा संबंधी इन समस्याओं के लिए केवल घरेलू नुस्खे ही इस्तेमाल किए जाते थे। पर अब इसके लिए कुछ दवाओं के प्रभावशाली होने के दावे भी किए जा रहे हैं।
चाइल्ड एक्जिमा (child eczema) को एटोपिक डार्माटाइटिस (atopic dermatitis) भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शिशु की त्वचा ड्राई, रेड, इची और बम्पी हो जाती है। एक्जिमा स्किन बैरियर फंक्शन को बुरी तरह नुकसान पहुंचाता है। बैरियर फंक्शन के कमजोर पड़ने से त्वचा अधिक संवेदनशील हो जाती है। साथ ही इंफेक्शन और ड्राइनेस होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
नवजात शिशुओं या छोटे बच्चो में एटोपिक डर्माटाइटिस होने का कारण जेनेटिक्स और वातावरण के बदलाव को माना जाता है। रिसर्च की मानें तो एक्जिमा स्किन बैरियर की समस्या, वातावरण से जुड़ी समस्याओं के संपर्क में आने और त्वचा माइक्रोबायोटा के कारण होती हैं। एक्जिमा से पीड़ित हर बच्चे की बैक्टीरियल कंपोजिशन अलग-अलग होती है। यही वजह है कि यह समस्या हर बच्चे में अलग-अलग रूप से नजर आ सकती है।
स्मोक, एयर पॉल्युशन, साबुन, कुछ फैब्रिक मटेरियल और स्किन प्रोडक्ट बच्चों में एक्जिमा को ट्रिगर कर सकते हैं। हीट और ह्यूमिडिटी के कारण आने वाला पसीना एक्जिमा की स्थिति को और ज्यादा खराब कर सकता है।
मुख्य रूप से एक्जिमा छोटे बच्चों के गाल और स्कैल्प को प्रभावित करता है। यह समस्या गाल और स्कैल्प पर सूखी, पपड़ीदार, खुजली वाली त्वचा के रूप में शुरू होती है। वहीं बाद में यह लाल, पपड़ीदार होने लगती है। इसमें खुजली की समस्या कभी बढ़ती है, तो कभी घट जाती है।
बच्चों के स्किन फोल्ड में खुजली, लाल, पपड़ीदार चकत्ते विकसित हो जाते हैं, जैसे कि घुटनों और कोहनियों के जोड़। एक्जिमा गर्दन, कलाई, टखनों, पैरों और नितंबों की क्रीज पर भी दिखाई दे सकता है।
इससे निजात पाने के लिए पेरेंट्स तरह-तरह के घरेलू उपचार के साथ ही अपने डॉक्टर से भी संपर्क करते हैं। परंतु आपको बता दें कि यह समस्या या तो समय के साथ खुद ठीक हो जाती है, या लंबे समय के लिए परेशानी में डाल सकती है। जबकि कुछ बच्चे इसी समस्या के साथ अपने एडल्टहुड तक पहुंच जाते हैं।
त्वचा को अच्छी तरह मॉइश्चराइज रखना
हल्के गुनगुने पानी से नहाना
माइल्ड और अनसेंटेड साबुन का इस्तेमाल
बच्चों को परफ्यूम, स्मोक इत्यादि से पूरी तरह दूर रखना।
उनके निजी अंगों से लेकर हाथ और पैरों को समय-समय पर साफ करते रहना।
नहाने के बाद बच्चों की स्किन ड्राई करते वक्त टॉवल से टैप करके सुखाएं न कि रब करें। भूलकर भी गीले कपड़े न पहनाएं और ढीले और सूती कपड़े पहनाने की कोशिश करें।
ये कुछ टिप्स हैं जो चाइल्ड एक्जिमा (child eczema) के लक्षण को गंभीर रूप से बढ़ने से रोक सकते हैं। हालांकि लक्षण गंभीर होने से पहले ही आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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