आजकल फिर से तांबे (copper) के बर्तनों और खासकर तांबे की पानी की बोतल का चलन शुरू हो गया है। पहले लोग तांबे के बर्तनों के गुणों को ध्यान में रख कर उन्हीं का इस्तेमाल करते थे। लेकिन उन्हें साफ करना थोड़ा जटिल कार्य होता है। इसलिए लोगों ने स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया। लेकिन अब फिर से लोग अपना रुख तांबे के बर्तनों (copper dishes) की ओर कर रहे हैं। मगर मेरी मम्मी का कहना है कि किसी भी चीज के बारे में जाने बिना उसका अनुकरण करना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। वे तांबे के बर्तन के इस्तेमाल के कुछ नियम बताती हैं। आइए जानते हैं क्या हैं वे चीजें जिनका आपको तांबे के बर्तन के इस्तेमाल (Dos and don’ts of using copper utensils) के दौरान ध्यान रखना है।
आयुर्वेद में तांबे के बर्तन (Water in copper utensils) में रखा पानी पीने के कई लाभ होते हैं। यह पेट से संबंधित सभी समस्याओं से राहत दिला सकता है और समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर दीक्सा भावसार सावलिया कहती हैं कि मैं अपनी सर्दियों की सुबह की शुरुआत एक गिलास तांबे के पानी से करती हूं। यह मुझे ऊर्जावान, हल्का और फ्रेश महसूस कराता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी काफी अच्छा और मीठा भी लगता है और आपके समग्र स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
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कॉपर में एंटीऑक्सीडेंट गुण शामिल होते हैं। यह फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में सहायता करता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी का सेवन करने से आप जवां और फिट नज़र आ सकते हैं।
प्राचीन काल से ही तांबे का इस्तेमाल गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने के किया जाता है। क्योंकि इसमें प्लैकेटिंग गुण शामिल होता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में होने वाले दर्द में यह बेहद लाभकारी है।
तांबे में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। एनीमिया के जोखिम को कम करने में कॉपर काफी फायदेमंद हैं। बॉडी में तांबे की कमी से एनीमिया हो सकता है। इसलिए एक गिलास पानी आपके रक्तप्रवाह में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने में सहायता करता है।
घावों को तेजी से भरने में, वजन को घटाने में, पाचन में सुधार करने के लिए, हाई ब्लड प्रेशर, बेड कोलेस्ट्रॉल, थायराइड ग्रंथि के कामकाज को नियंत्रित करने, त्वचा के स्वास्थ्य और मेलेनिन उत्पादन को बढ़ाने और रोगाणुरोधी संक्रमण से लड़ने में तांबे के बर्तन में रखा पानी काफी लाभकारी है।
1 एक्सपर्ट के मुताबिक, तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के लिए इसे करीब 7 से 8 घंटे तक बर्तन में ही रखकर छोड़ दें। ऐसा करने से कॉपर के सारे गुण पानी में आ जाते हैं।
2 वैसे तो आप कभी भी इस पानी का सेवन कर सकते हैं, लेकिन सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से इसके लाभ काफी बढ़ जाते हैं। पानी को कभी एक सांस में नहीं पीना चाहिए। बल्कि इसे धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं।
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कस्टमाइज़ करें3 तांबे के पानी की तासीर गर्म होती है। इसलिए एसिडिटी के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
4 किडनी और हृदय रोगियों को इस पानी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। तांबे के बर्तन में दूध, खट्टी चीजें और अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
5 एक्सपर्ट कहती हैं, यदि आप तांबे की बोतलों को रोजाना इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें सप्ताह में दो बार जरूर साफ करें। जिससे उसके पानी के फायदे आपको मिल सकें।
सबसे महत्वपूर्ण और जटिल काम होता है तांबे के बर्तनों की सफाई। आपको उन्हें बहुत सावधानी से और ठीक से साफ करने की आवश्यकता होती है। यहां बताया गया है कि आप उन्हें कैसे साफ कर सकते हैं।
तांबे के बर्तन को प्राकृतिक रूप से साफ करने के लिए, एक नींबू को आधा काट लें और कटी हुई तरफ नमक डालें। इसे उस बर्तन पर धीरे से मलें।
1 बड़ा चम्मच नमक और 1 कप सफेद सिरके को मिक्स करें। अब इस मिश्रण को एक मुलायम कपड़े से तांबे पर रगड़ें और पानी से साफ करें। एक बर्तन में 3 कप पानी और नमक-सिरके के मिश्रण में तांबे के बर्तन को डुबोएं और लगभग 10 मिनट तक उबाल लें। ऐसा करने से बर्तन साफ़ हो जाएगा।
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