रसोई घर में मौजूद मसाले खाने के स्वाद को बढ़ाने के अलावा शारीरिक समस्याओं को भी हल करने में मदद करते है। अक्सर खाने के बाद सौंफ के दानों को चबाया जाता है, जिससे डाइजेस्टिव एंजाइम एक्टिव हो जाते हैं। वहीं गरम मसाला तैयार करने के लिए उसमें अन्य मसालों के साथ जीरा और धनिए के बीज भी पीसे जाते है। इनमें मौजूद प्रॉपर्टीज़ न केवल डाइजेशन को बूस्ट करके अपच और ब्लोटिंग से राहत दिलाते हैं बल्कि वेटलॉस में भी कारगर साबित होते है। अगर आप भी शरीर में जमा कैलेरीज़ को बर्न करना चाहती है, तो इन सीड्स का सेवन मददगार साबित हो सकता है। जानते हैं सौंफ, जीरा और धनिए के बीज़ (Jeera, saunf and dhania powder benefits) किस तरह से वेटलॉस में करते हैं मदद।
इस बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर बताते हैं कि धनिया और सौंफ के साथ जीरे को मिलाने से चयापचय दर बढ़ता है। इसकी मदद से पाचन से लेकर पोषक तत्वों के अवशोषण तक मदद मिलती है। वहीं सूजन को कम करने और वजन को नियंत्रित रखने में भी मददगार साबित होते है। इससे पाचन उत्तेजित होता है, जो चयापचय को बढ़ाकर भूख को कम करके वजन घटाने में मदद करता है।
जीरा में एसेंशियन ऑयल पाया जाता है। इसमें विटामिन ए, ई, सी पाया जाता है। इसमें मौजूद थाएमोल और क्यूमिन अलाइड कंपाउंड माइक्रोब्स की ग्रोथ को रोकने का काम करते हैं। साथ ही इंफ्लामेशन बढ़ने लगता है। वहीं सौंफ शरीर में फाइबर की मात्रा को बढ़ाती है। इसके अलावा इनसे शरीर को कैल्शियम, मैगनीशियम और विटामिन ई की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा वोलेटाइल ऑयल भी मिलता है, जिससे डाइजेशन बूस्ट होता है। वहीं धनिए के बीज का सेवन करने से शरीर को विटामिन ए, रीबोफलेविन, नियासिन, फॉलिक एसिड और कैरोटीन की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है।
सौंफ के बीज का सेवन करने से शरीर को सेलेनियम की प्राप्ति होती है, जिससे टॉक्सिक पदार्थों को डिटॉक्स किया जा सकता है। वहीं धनिए के बीज मे मौजूद डयूरेटिक प्रभाव शरीर को वॉटर रिटेंशन से बचाने में मदद करता है। वहीं जीरा एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जिससे शरीर में वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद थाइमोक्विनोन शरीर को डिटॉक्स करता है और शरीर में कैलेरीज़ को स्टोर होने से रोकने में मदद मिलती है।
जीरा, सौंफ और धनिए का सेवन करने से शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है, जिससे बार बार भूख लगने की समस्या हल हो जाती है। कैलोरी इनटेक कम होने से पेट पर फैट्स एकत्रित नहीं होते है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। इसके नियमित सेवन से पेट दर्द और अपच की समस्या हल होने लगती है। साथ ही सूजन से भी छुटकारा मिलता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और फेनोलिक फ्लेवोनोइड्स मौजूद होते हैं जो मुक्त कणों से होने वाली सेलुलर क्षति को रोकते हैं और प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं।
जीरा, धनिया और सौंफ का सेवन करने से शरीर में मौजूद डाइजेस्टिव एंजाइम उत्तेजित होने लगते है, जिससे चयापचय दर बढ़ने लगती है। वही धनिए के बीज में बायोएक्टिव कंपाउड पाए जाते है, जो पोषण के अवशोषण को बढ़ाकर कैलोरीज़ को जमा होने से राकते हैं। वहीं सौंफ में मौजूद विटामिन मिनरल की मात्रा भूख नियंत्रित करती है। इसके अलावा सौंफ़ के बीजों में वोलेटाइल ऑयल मौजूद होता हैं जो गैस्ट्रिक एंजाइम्स के उत्पादन में मदद करते हैं। इससे पाचनतंत्र में सुधार आने लगता है और शरीर एक्टिव व हेल्दी बना रहता है।
इसमें पाई जाने वाले थाइमोल की मात्रा पाचन एंजाइम और पित्त अम्ल की गतिविधि को उत्तेजित करने में मदद करती है। गैस और सूजन से राहत दिलाने में भी मदद करता है। जीरे में फाइबर होता हैए जो पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है। वहीं धनिया और सौंफ में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स और एल्कलॉइडशरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। इससे इम्यून सिस्टम भी बूस्ट होता है।
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