सॉना बाथ का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही होता आ रहा है। वक़्त के साथ-साथ इसका चलन बढ़ता जा रहा है, क्योंकि स्टीम बाथ लेने के फायदे एक नहीं, बल्कि कई हैं। आज भी इसका प्रयोग शरीर को रिलैक्स करने से लेकर कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। मेरी मम्मी सॉना या स्टीम बाथ की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं। खासतौर से मानसून में वे इसका कई बार इस्तेमाल करती हैं। पर इस पर क्या है वैज्ञानिकों की राय, आइए चेक करते हैं।
इसलिए आज हम आपको बताएंगे स्टीम बाथ से जुड़ी जानकारी। यहां सॉना बाथ के लाभ और ज्यादा स्टीम बॉथ लेने के नुकसान क्या होते हैं, दोनों ही बताए गए हैं।
स्टीम बाथ, यह एक खास प्रकार का स्नान है। इस स्नान में पानी की जगह भाप से नहाया जाता है। सॉना बाथ पूरे शरीर की थर्मोथेरेपी (गर्म थेरेपी) का एक रूप है, जिसका उपयोग दुनियाभर में अलग-अलग प्रकार से होता है।
इसमें सबसे पहले एक कमरे को शुष्क हवा से करीब 80 से 100 °C तापमान पर किया जाता है। इसके भाप से लोग स्नान करते हैं, अर्थात पूरे शरीर की भाप से सिकाई की जाती है। इसी कारण से इसे स्टीम बाथ कहते हैं।
वहीं, सॉना बाथ के दौरान कमरे का तापमान 80 से 90 डिग्री सेल्सियस तक होता है, जिससे पसीने के माध्यम से हानिकारक पदार्थ शरीर से निकल जाते हैं। इसे 5 से लेकर 20 मिनट तक 1 से 3 बार तक दोहराया जा सकता है।
स्टीम बाथ का इतिहास प्राचीन रोमन सभ्यता से जुड़ा हुआ है, जहां से इसकी शुरुआत हुई थी। प्राचीन काल में रोमन वासियों ने कई तरह की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस तकनीक का इजात किया था।
स्टीम/सॉना बाथ लेने वाले लोग भी इसके फायदों से अनजान होते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हम लेख में आगे सॉना बाथ के कुछ प्रमुख फायदों का जिक्र कर रहे हैं।
रक्त संचार में सुधार करने के लिए सॉना या स्टीम बाथ एक बेहतर तरीका माना जा सकता है। एन्सीबीआई (नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की एक रिसर्च के मुताबिक, स्टीम बाथ से शरीर के रक्त संचार में सुधार हो सकता है। माना जाता है कि जब स्टीम या सॉना बाथ लेने से शरीर की रक्त वाहिकाएं फैल जाती हैं, जिससे रक्तचाप कम हो जाता है।
स्टीम बॉथ लेने का लाभ वजन नियंत्रण में भी हो सकता है। भले ही आपके लिए इस बात पर यकीन करना मुश्किल हो, लेकिन यह सच है। एक रिसर्च पेपर में इस बात का जिक्र मिलता है कि स्टीम बाथ से वजन कम हो सकता है। असल में, यह बॉडी में हीट को बढ़ाकर वजन को घटाने का कार्य कर सकता है।
पुरुषों व महिलाओं पर की गयी एक रिसर्च में पाया गया कि स्टीम बाथ लेने के बाद वजन में अंतर देखने को मिल सकता है। स्टीम बाथ के दौरान होने वाले डिहाइड्रेशन की वजह से इनके वजन में कमी आई। एक अन्य शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि स्टीम बाथ से अतिरिक्त कैलोरी भी बर्न हो सकती है। ऐसे में माना जा सकता है कि यह वजन कम करने में कुछ हद तक मददगार हो सकता है।
जोड़ों की अकड़न को दूर करने में सॉना बाथ लाभकारी सिद्ध हो सकती है। रिसर्च की मानें, तो स्टीम बाथ मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। इसके अतिरिक्त, यह जोड़ों में गठिया के साथ ही रीढ़ की हड्डी में गठिया के कारण होने वाले दर्द, सूजन और अकड़न को कम कर सकता है। इस तरह से देखा जाए तो यह सिर्फ अकड़न ही नहीं, जोड़ों से जुड़ी सभी असुविधाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है।
बारिश के मौसम में हमारे शरीर को सर्दी, खांसी या जुकाम की परेशानी हो जाती है। बदला हुआ मौसम इसके पीछे का कारण हो सकता है। वैसे आप सॉना बाथ लेकर इनके अतिरिक्त कई परेशानियों से बच सकते हैं।
जुकाम- ऐसा माना जाता है कि मौसम के तापमान में बदलाव का प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। इम्यूनिटी के कमजोर होने पर जुकाम की परेशानी हो जाती है। आप स्टीम बाथ लेकर इस समस्या से राहत पा सकते हैं, या फिर इसके होने से पहले ही खुद को इससे दूर रख सकते हैं।
खांसी- बारिश में बॉडी टेंपरेचर के बदलने पर लोगों को कफ यानी खांसी भी होने लगती है। मॉनसून में इस प्रॉब्लम से ग्रसित नहीं होन चाहते हैं, तो अभी से दिन में एक बार सॉना बाथ जरूर लें। चेस्ट में बलगम जम नहीं पाएगा और आप फिट रह पाएंगे।
स्किन- बारिश में स्किन पर बैठने वाली नमी नीचे पोर्स में जम जाती है और ये गंदीगी के साथ मिकलकर पिंपल्स या एक्ने बना देती है। ऐसे में आपको पोर्स को साफ रखना चाहिए और इसमें आपकी सहायता सॉना बाथ कर सकता है।
स्टीम बाथ अगर सावधानी से लिया जाए, तो यह लाभदायक हो सकता है, लेकिन यदि लापरवाही बरती गयी तो इससे नुकसान भी हो सकता है। असल में, सॉना बाथ को 20 से 25 मिनट तक ही करने की सलाह दी जाती है। रिसर्च में बताया गया है कि यदि कोई 40 मिनट तक सॉना बाथ लेता है, तो उसे कई शारीरिक परेशानी हो सकती हैं। ऐसे में सतर्कता बरते बिना सॉना बाथ लेने पर होने वाले नुकसान पर आगे नजर डालें।
स्टीम या सॉना बाथ लेने से पहले एक बात जरूर ध्यान रखें कि अधिक देर तक बाथ लेने से गर्म तापमान की वजह से त्वचा जल सकती है और फफोले पड़ सकते हैं।
ज्यादा देर तक सॉना बाथ लेने की वजह से अचानक मृत्यु होने का खतरा रहता है।
अल्कोहल का सेवन करने के बाद स्टीम या सॉना बाथ नहीं लेना चाहिए, इससे रक्तचाप बढ़ सकता है, जो सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
हृदय और उच्च रक्तचाप की परेशानी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी ये बाथ हानिकारक हो सकता है। इससे हृदय गति बढ़ सकती है और अचानक हार्ट अटैक आने और हृदय रोग होने की आशंका रहती है।
यदि महिला गर्भवती है, तो ध्यान रहे कि लम्बे वक़्त तक लिया हुआ स्टीम या सॉना बाथ गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है।
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