क्या खाना पकाने के लिए लोहे की कड़ाही वाकई है बेहतर ऑप्शन, जानें क्या कहती है रिसर्च

लोहे के बने बर्तन प्राकृतिक रूप से नॉन-स्टिक होते हैं, इसमें खाना बनाने से हीमोग्लोबिन के स्तर में भी सुधार होता है
जानिए लोहे की कड़ाही में खानाबनाना क्या वाकई है फायदेमंद , चित्र:शटरस्टॉक
Updated On: 15 Aug 2022, 09:40 pm IST
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मैंने अक्सर अपनी मां को लोहे की कड़ाही में खाना बनाने के फायदों पर बात करते देखा है। बाज़ार में आए तरह के आकर्षक और मन लुभाने वाले बर्तनों के बावजूद मां सब्जी हमेशा लोहे की कड़ाही में और रोटी हमेशा लोहे के तवे पर ही बनाती हैं। 

उनको ऐसा करते देख जब मुझसे रहा नहीं गया तो एक दिन मैंने मां से यह सवाल कर ही लिया कि आखिर कुछ खास तरह की कुकिंग के लिए वे लोहे के ही बर्तन क्यों चुनती हैं। मां ने जब बताया कि लोहे के बर्तन खास तौर पर कड़ाही और तवा न सिर्फ बर्तन के तापमान को मेंटेन कर खाना जल्दी और एक समान रूप से पकाने में मदद करते हैं बल्कि इनके सेहत से जुड़े भी कई फायदे हैं। 

उनकी इस बात पर मुझे काफी आश्चर्य हुआ और जब मैंने इस बात की पड़ताल की तो पाया कि वाकई लोहे की कड़ाही स्वास्थ्य के लिहाज से एक बढ़िया कुकिंगवेयर है। 

चलिए जानें क्या कहते हैं अध्ययन 

ऐसा कहा जाता है कि जब आप लोहे के बर्तन में खाना पकाते हैं तो वह धातु की सतह के साथ प्रतिक्रिया (react) करता है। नतीजतन, बर्तन के आयरन का अंश आपके खाने में भी शामिल हो जाता है। मेयो क्लीनिक के एक रिसर्च की मानें तो कुछ खाद्य पदार्थों में लोहे की मात्रा में तब सुधार हुआ जब उन्हें लोहे के बर्तन में पकाया गया। इसके अलावा, जब इन खाद्य पदार्थों को नियमित रूप से चार महीने तक बच्चों को दिया गया, तो उन बच्चों के हीमोग्लोबिन के स्तर में भी सुधार हुआ।

iron rich food ka sevan
आयरन रिच फूड को इसमें पकाने से इसमें औरन की मात्रा बढ़ जाती है, चित्र : शटरस्टॉक

स्वास्थ्य से जुड़े लाभ के अलावा, कई महिलाएं लोहे के बर्तन का उपयोग करना इसलिए भी पसंद करती हैं क्योंकि वे धीमी गति से खाना पकाने और समान रूप से गर्म होते हैं।

लोहे की कड़ाही में खाना बनाने के फायदे: 

1 नेचुरली नॉन-स्टिक

अगर आपको लगता है कि केवल टेफ्लॉन कोटेड बर्तन ही नॉन-स्टिक होते हैं, तो आप गलत हैं। लोहे के बने बर्तन प्राकृतिक रूप से नॉन-स्टिक होते हैं और खाना पकाने के लिहाज से आसान होते हैं। दूसरी ओर, आधुनिक नॉन-स्टिक कुकवेयर खाना पकाने के दौरान भोजन में हानिकारक गंध और प्रभाव छोड़ता है। अगर भोजन को नीचे से स्क्रैप किया जाता है तो टेफ्लॉन कोटिंग के खाने में मिक्स होने से स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं।

2 आयरन की कमी को करता है पूरा 

आयरन वोक खाना बनाने के दौरान जो लौह अवशेष छोड़ता है उसे भोजन अवशोषित कर लेता है जिससे आयरन की कमी नहीं होती। डॉक्टर भी आयरन की कमी वाले पीड़ितों को लोहे के बर्तन में पका हुआ भोजन खाने की सलाह देते हैं। कई अध्ययनों ने बिना किसी संदेह के यह साबित किया है कि लोहे की कड़ाही या गहरे तले के पैन में पकाए गए खाद्य पदार्थ आयरन से भरपूर होते हैं। सुनिश्चित करें कि आपकी लोहे की कड़ाही या कुकवेयर को टमाटर, साइट्रिक जूस जैसे अम्लीय खाद्य पदार्थों से रिएक्ट करने से रोकने के लिए क्यूरेट किया गया है।

3 साफ करना है आसान

 लोहे के बर्तनों को साफ करना आसान होता है और इसपर लगे ग्रीस से छुटकारा पाने के लिए आपको बस माइल्ड साबुन पानी की आवश्यकता होती है। जंग से बचने के लिए इसे तेल लगे किचन टिश्यू से पोंछ लें। दाग ज़्यादा हों तो कड़ाही गर्म करें और इसपर नींबू रगड़ लें आप चाहें तो इसमें पानी में नींबू या इमली डाल कर उबाल भी सकती हैं। 

सेहत के लिए अच्‍छा होता है लोहे की कड़ाही में खाना पकाना। चित्र : शटरशॉट
लोहे की कड़ाही में खाना बनाने से खाना चारों तरफ से एक सामान पकता है जो इसे बेहतर और सेहतमंद बनाता है, चित्र :शटरस्टॉक

4 उम्र के साथ बेहतर काम करता है

 क्या आपके पास एक पुरानी लोहे की कड़ाही है जो लंबे समय से इस्तेमाल नहीं की गई तो उसे वापस किचन में ले आएं। ऊपर दिए गए तरीके से उसे साफ़ करें और इस्तेमाल करें। लोहे के बर्तन उम्र के साथ बेहतर होते हैं और उनकी सतह चिकनी होती जाती है।  इस तरह बर्तन में मौजूद तेल खाना पकाने के दौरान बेहतर ढंग से निकलता है। लोहे के बर्तन काफी सख्त और टिकाऊ भी होते हैं।

5 पूरे बर्तन का एक जैसा तापमान 

आयरन कुकवेयर में खाना पकाने का एक बेहतरीन गुण इसमें होने वाले तापमान का सामान वितरण है। ये भारी धातु के बर्तन पूरे बर्तन में एक जैसे तापमान को सुनिश्चित करते हैं। जिससे खाना एक समान पकता है, ज्यादा देर तक गर्म रहता है और ईंधन की भी बचत होती है।

रखिए इन बातों का भी ख्याल

1 हर दिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं बनाना चाहिए, सप्ताह में दो से तीन बार ही इसमें खाना बनाना सही है।

2 टमाटर, इमली नींबू का रस जैसे खट्टे या अम्लीय खाद्य पदार्थ लोहे के साथ रिएक्ट  कर सकते हैं। ऐसे में एल्यूमिनियम या स्टेनलेस स्टील के बर्तन में कढ़ी , रसम , सांभर या टमाटर वाली  करी पकाएं ।

इसे जंग से बचाने के लिए इस पर हल्का सा तेल ज़रूर लगाएं, चित्र:शटरस्टॉक

3 लोहे के बर्तनों को हल्के बर्तन धोने वाले डिटर्जेंट से धोएं और तुरंत सुखाएं। स्टील वूल जैसे किसी भी अपघर्षक किचन स्क्रबर या स्पंज का उपयोग न करें।

4 इसे रखने से पहले, इसे जंग से बचाने के लिए इसपर तेल का एक पतला कोट लगाएं। पैन को हमेशा पानी और नमी से दूर साफ और सूखी जगह पर रखें।

5 लोहे के बर्तन में पानी और अन्य तरल पदार्थ नहीं रखना चाहिए। लोहा मौइश्चर के साथ रिएक्ट करता है और रस्टिंग प्रॉसेस शुरू हो जाता हैइस तरह यह आपके पीने के पानी को प्रभावित कर सकता है ।

6  लोहे की कड़ाही में पका हुआ भोजन तुरंत दूसरे बर्तन में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, वरना भोजन ज़रुरत से ज़्यादा लोहे की मात्रा को अवशोषित कर सकता है या उसके रिएक्ट भी कर सकता है।

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