बचपन में जब हम तरबूज खाते हुए उसके बीज निगल जाते थे, तो मम्मी-पापा अकसर डराते थे कि अब पेट में तरबूज का बीज उग जाएगा। असल में गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वो तरबूज में इतने सारे बीज होते हैं कि बच्चे क्या, कभी-कभी बड़े भी इन्हें निगल जाते हैं। पर बरसात के मौसम में जब पेट बहुत जल्दी खराब होता है,ऐसे में क्या इन बीजों को अनजाने में निगल जाना सुरक्षित है? चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
तरबूज के बीज निगल जाने से क्या वास्तव में सेहत को कोई नुकसान होता है? यह बात जब हमने डायटीशियन मनीषा गोयल से पूछी, तो उनका जवाब बिल्कुल इसके विपरीत था। उन्होंने कहा दरअसल, तरबूज में पाए जाने वाले बीज आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाने की बजाए, फायदेमंद होते हैं।
इस बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि तरबूज के बीज में विटामिन और मिनरल की भरपूर मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा तरबूज के बीज खाने से शरीर को फोलेट, आयरन और नियासिन की भी प्राप्ति होती है। इसे स्मूदी, शेक्स और पुडिंग में गार्निशिग के लिए प्रयोग किया जा सकता है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम की उच्च मात्रा के चलते हृदय रोग की समस्या कम होती है। इसमें मौजूद मिनरल्स हड्डियों की मज़बूती के लिए फायदेमंद है।
फाइबर से भरपूर तरबूज के बीज पाचनतंत्र को भी मज़बूत बनाए रखते हैं। इन्हें भूनकर या ओवरनाइट सोक करके मॉडरेशन में खाया जा सकता है। सीमित मात्रा में इसका सेवन करने से शरीर हेल्दी और फिट रहता है। साथ ही वेटगेन की समस्या से भी बचा जा सकता है।
तरबूज के बीज खाने से शरीर को आयरन और मिनरल्स की प्राप्ति होती है। इसके अलावा विटामिन बी कॉम्प्लेक्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। तरबूज के बीज में पाई जाने वाली लाइकोपीन और कुकुर्बिटासिन ई जैसे एंटीऑक्सीडेंटस की मात्रा कैंसर और डायबिटीज़ के जोखिम को कम कर देती हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार तरबूज के बीज में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है। इससे शरीर में बैड कॉलेस्ट्रोल (bad cholesterol) का खतरा कम होने लगता है। इसमें पाई जाने वाली मैग्नीशियम की मात्रा हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर देती है। साथ ही ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में भी मदद करते हैं।
एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर तरबूज के बीज खाने से शरीर को उच्च मात्रा में विटामिन सी और ई की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से मुक्त हो जाती है। इसके अलावा प्री मेच्योर एजिंग का प्रभाव कम होने लगता है। तरबूज के बीज से स्किन ब्राइटनेस बढ़ जाती है और कोलेजन की मात्रा भी बढ़ने लगती है। इसमें पाई जाने वाली फैटी एसिड की मात्रा स्किन को मॉइश्चराइज़ रखने में मदद करते हैं।
तरबूज में एमिनो एसिड की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जिसे आर्जिनिन कहा जाता है। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होने लगता है, जिससे फैट बर्न करने में मदद मिलती है और शरीर में अतिरिक्त कैलोरीज़ को बढ़ने से भी रोका जा सकता है। इसमें मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की मात्रा से शरीर में एनर्जी का लेवल भी बना रहता है।
हेयरफॉल की समस्या को दूर करने के लिए तरबूज के बीज से तैयार तेल से स्कैल्प मसाज करने से त्वचा हाइड्रेट रहती है और फॉलिकल्स की मज़बूती बढ़ने लगती है। इससे बालों का टूटना कम होता है और फ्रिजीनेस की समस्या से भी बचा जा सकता है। तरबूज के बीज के तेल (watermelon seed oil) में कैरियर ऑयल मिलाकर स्कैल्प मसाज करने से बालों का रूखापन कम होगा, जिससे हेयरफॉल से बचा जा सकता है।
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