बारिश के मौसम में सबसे अधिक पसंद और खाई जाने वाली मिठाई है घेवर (Rainy Season sweet Ghevar)। सावन में मनाये जाने वाले हर पर्व-त्यौहार पर यह मिठाई खाई जाती है। यह एक राजस्थानी मिठाई है, लेकिन देश भर के लोग इसका लुत्फ़ उठाते हैं। असल में घेवर को तल कर तैयार किया जाता है। इसलिए इसे वेट कंट्रोल, हार्ट हेल्थ और ब्लड शुगर के लिए हानिकारक बताया जाता है। फैट डेयरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल होने के कारण एक बार में कैलोरी गेन बहुत अधिक हो जाता है। इसलिए स्वस्थ्य विशेषज्ञ इसे हेल्दी तरीके (ghevar in a healthy way) से खाने की सलाह देते हैं।
बहुत अधिक घी, खोया, आटा, चीनी की चाशनी और सूखे मेवों से तैयार होता है घेवर। घेवर एक मीठा केक है, जो चौकोर आकार का होता है। आटा, घी, दूध, मक्खन से बैटर तैयार किया जाता है। इसे घी में तलकर चीनी की चाशनी में डुबोया जाता है। केसर, ड्राई फ्रूट्स, नट्स, सीड्स, मलाई आदि की टॉपिंग बनाई जाती है।
घेवर केवल बारिश के दौरान बनाया जाता (ghevar in rainy season) है। इस मिठाई में नमी का होना जरूरी है। मौसम में भी नमी मौजूद होती है। हालांकि इन दिनों ड्राई घेवर भी बनाये जाते हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट नीतू कहती हैं, ‘बारिश में शरीर का वात दोष बढ़ जाता है। साथ ही पित्त दोष भी। इन दोनों दोष के बढ़ने का प्रभाव पाचन तंत्र पर पड़ता है। इन दोनों दोषों को नियंत्रित करने और पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए बारिश में घी जरूर खाना चाहिए। हालांकि, घेवर कैलोरी से भरपूर होता है, लेकिन घी की मौजूदगी इसे बारिश में स्वस्थ्य के अनुकूल बनाती है।
आम तौर पर घेवर 250 ग्राम, 500 ग्राम या 1000 ग्राम के पैकेट में मिलता है। 1 किलो घेवर 74 कैलोरी (calorie gain from 1 kilo ghevar) देता है। इसमें से कार्बोहाइड्रेट से 53 कैलोरी मिलता है। प्रोटीन से 3 कैलोरी और फैट से 17 कैलोरी मिल सकती है। यदि शरीर को दिन भर में 2000 कैलोरी चाहिए, तो घेवर लगभग 4 प्रतिशत कैलोरी प्रदान (ghevar in a healthy way) करेगा। इसे बनाने में घी, मलाई का प्रयोग अधिक होने पर कैलोरी की मात्रा बढ़ भी सकती है। घेवर को तले जाने के कारण सैचुरेटेड फैट (saturated fat of ghevar) और सोडियम की आवश्यकता से अधिक मात्रा हमारे शरीर को मिलती है, जो नुकसानदायक है।
एक्स्ट्रा 74 कैलोरी जलाने के लिए आपको 22 मिनट तेज गति (6 किमी प्रति घंटा) से चलना होगा। या 11 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 10 मिनट तक दौड़ना होगा। या फिर 13 मिनट तक स्वीमिंग (2 किमी प्रति घंटा) करनी होगी। यदि आप इन सभी एक्टिविटीज (physical activities for calorie burn) में से एक भी नहीं करती हैं, तो एक्स्ट्रा फैट के रूप में शरीर में जमा ( ghevar causes fat deposition) हो जायेंगे।
डॉ. नीतू के अनुसार, यदि आप बारिश में घेवर का एक छोटा टुकड़ा (eat small slice of ghevar for health) खाती हैं, तो नुकसान नहीं होगा। घेवर में लगा घी बेहतर पाचन में मदद करता है। घेवर में मैदे का प्रयोग होता है, जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index) ज्यादा होता है। इसके कारण यह ब्लड शुगर बढ़ा सकता है। मैदा आंत में चिपकता भी है। ट्रांस फैट के कारण हार्ट के मरीज के लिए नुकसानदायक (ghevar harmful for heart patient) हो सकता है। घेवर में मैदे की जगह गेंहू या रागी के आटे का प्रयोग किया जाना चाहिए। इसे तलने की बजाय बेक किया जाए या पैन में पकाया जाए, तो यह फायदेमंद हो सकता है। अत्यधिक एडेड शुगर या शुगर की बजाय किशमिश या खजूर जैसे ड्राई फ्रूट्स का इसमें प्रयोग किया जाना चाहिए। इससे नेचुरल मिठास बढ़ेगी और घेवर हेल्दी (Healthy Ghevar) भी हो पायेगा।
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