सर्दी के मौसम में ठंडी हवाओं के कारण स्वैटिंग की कमी बढ़ने लगती है, जिससे प्यास भी कम लगती है। ऐसे में अधिकतर लोग नियमित रूप से पानी का भरपूर मात्रा में सेवन नहीं कर पाते हैं, जिससे कब्ज, दस्त और पेट दर्द संबधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। दरअसल, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का स्तर बिगड़ने से डिहाइड्रेटेड की समस्या बढ़ने लगती है। ऐसी स्थिति में पाचनतंत्र को उचित बनाए रखने के लिए ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन का घोल शरीर के फायदेमंद साबित होता है। पहले समझते हैं कि ओआरएस (ORS benefits) क्या है और किस तरह से शरीर के लिए काम करता है।
इस बारे में कंसल्टेंट डायटीशियन और डायबिटिक एजुकेटर कनिका मल्होत्रा बताती हैं कि ओआरएस यानि ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन, शरीर को निर्जलीकरण की स्थिति से बाहर निकालने के लिए तैयार किया गया है। इसे तैयार करने के लिए उबले हुआ पानी या मिनरल वॉटर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को संतुलन बना रहता है। साथ ही नर्व फंक्शनिंग, मांसपेशियों के संकुचन, पीएच रेग्यूलेशन और वॉटर बैलेंस को बनाए रखने में विशेष भूमिका निभाते हैं। लगातार को ई कार्य करने या बीमारी की स्थिति में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का जोखिम बना रहता है। इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। ऐसे में इस संतुलन को बहाल करने के लिए ओआरएस (ORS benefits) की मदद ली जाती है।
द लेंसेट की रिर्पोट के अनुसार शरीर में सोडियम को ठीक से अवशोषित होने के लिए ग्लूकोज की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि ओआरएस में ग्लूकोज और सोडियम दोनों होते हैं। सन् 1975 से विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ ने दस्त के कारण निर्जलीकरण के इलाज के लिए ओआरएस का उपयोग (ORS benefits) शुरू किया था। इसका उपयोग आमतौर पर उन देशों में ज्यादा किया जाता है जहाँ स्वच्छ पानी या अन्य हाइड्रेशन विकल्पों की पहुंच सीमित है।
रिसर्च के अनुसार ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी की सफलता दर बहुत अधिक है। 2018 के शोध के अनुसार ओरल रिहाइड्रेशन थेरेपी (ORS benefits) ने 2007 से दस्त के कारण 54 मिलियन मौतों के जोखिम को कम करने में सफलता हासिल की थी। वहीं 1980 में इस थेरेपी ने बच्चों में दस्त से संबंधित मौतों को भी दो.तिहाई तक कम कर दिया है।
ओआरएस शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करत है। दरअसल, इसके सेवन से शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बना रहता है। वे लोग जो पानी कम पीते हैं उन्हें निर्जलीकरण की स्थिति का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में इसका सेवन फायदेमंद है।
कमज़ोरी की स्थिति में ओआरएस का सेवन शरीर को ग्लूकोज और आवश्यक मिनरल्स प्रदान करता है। इससे लो पोटेशियम की स्थिति को दूर किया जा सकता है। दरअसल, शरीर में पानी की कमी क्रैंप्स, थकान और कमज़ोरी बढ़ाने लगती है। ऐसे में एनर्जी को रीजनरेट के लिए ओरआरएस एक आसान पिकल्प है।
मौसम के आने वाला बदलाव हीटस्ट्रोक का कारण साबित होता है। ऐसे में शरीर को गर्मी के प्रभाव से बचाने में भी ओआरएस महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे शरीर में पानी का स्तर बना रहता है। इसमें मौजूद सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स निर्जलीकरण को दूर करके हीट स्ट्रोक से बचाव करते हैं।
दस्त, उल्टी और पेट की समस्याओं में राहत पाने में ओआरएस फायदेमंद साबित होता है। दरअसल, निर्जलीकरण के कारण वॉटर लॉस और इलेक्ट्रोलाइट्स को मेंटेन करके डाइजेशन को बूस्ट करने में मदद मिलती है । ओआरएस इलेक्ट्रोलाइट्स को अवशोषित करने में मदद करता है।
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