कड़ी पत्ता (Curry leaves benefits) अपने स्वाद और खुशबू के लिए कई व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। मगर फ्लेवर बढ़ाने के अलावा इसे आहार में शामिल करने से खाद्य पदार्थों के पोषण में भी बढ़ोतरी होती है। मेडिसिनल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर कड़ी पत्ते में जहां रेचक गुण पाए जाते है, तो वही डायबिटीज़ को नियंत्रित करने में भी कारगर साबित होती है। अगर आप भी शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किसी औषधी की तलाश में है, तो ये गुणकारी पत्ते कारगर साबित हो सकते है। जानते हैं कड़ी पत्ता क्यों है खास और डायबिटीज़ को नियंत्रित (Curry leaves for diabetes) करने में किस तरह से है कारगर साबित।
कड़ी पत्ते का सेवन करने से शरीर को एंटी.हाइपरग्लाइसेमिक गुणों की प्राप्ति होती है। इसके सेवन से इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ ही इन पत्तों में फाइबर, कैल्शियम और फास्फोरस की भी उच्च मात्रा पाई जाती है। पोषण से भरपूर इन पत्तों का आयुर्वेट में खास महत्स है। पारंपरिक चिकित्सा में इस्तेमाल की जाने वाली इन लीव्स से इंसुलिन सिक्रीशन बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने वाले गुण भी पाए जाते है।
डॉ अंकुर तंवर के अनुसार कड़ी पत्ते की मदद (Curry leaves benefits) से शरीर में इंसुलिन का सिक्रीशन बढ़ने लगता है। इसमें मौजूद हाइपो-ग्लाइसेमिक गुण और फाइबर की उच्च मात्रा कार्ब्स ब्रेकडाउन को धीमा कर देता है। इससे शुगर स्पाइक से बचा जा सकता है। इसमें मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड ग्लूकोज के अवशोषण को बढ़ा देते हैं। इसका ग्लाइसेमिक इंडैक्स लो होने से आहार में इसे शामिल करने से फायदा मिलता है।
करी पत्ते का सेवन करने से शरीर को कैल्शियम और आयरन के अलावा एंटीऑक्सीडेंट की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद फ्लेवोनोइड फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके शरीर को मौसमी संक्रमण के प्रभाव से बचाने में मदद करता है। इससे शरीर में कैंसर और हृदय रोग का जोखिम कम हो जाता है।
आहार में शामिल करने से डाइजेस्टिव एंजाइम का रिलीज़ बढ़ जाता है। इससे शरीर में ब्लोटिंग, अपच और सूजन को कम किया जा सकता है। पोषण से भरपूर इस सुपरफूड से बॉवल मूवमेंट नियमित बना रहता है। साथ ही पेट में बढ़ने वाली ऐंठन कम हो जाती है। इससे गट हेल्थ में सुधार होता है, जिससे विषैले पदार्थों को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है।
इसमें आवश्यक पोषक पाए जाते हैं। इसमें मौजूद मल्टी विटामिन और प्रोटीन की मात्रा बालों को पोषण प्रदान करती है। इससे हेयरफॉल से बचा जा सकता है। इसके अलावा स्कैल्प पर बढ़ने वाला रूखापन भी कम होने लगता है। करी पत्ते से तैयार हेयरमास्क बालों को पोषण प्रदान करता है।
करी पत्तों में बायोएक्टिव कंपाउड पाए जाते हैं, जो हृदय रोगों को दूर करते हैं। इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके और ऑक्सीकरण को रोककर आर्टरीज़ में जमने वाले प्लाक को रोकने में मदद करता है। इससे लिपिड प्रोफाइल में सुधार होता है।
उच्च फाइबर की मात्रा के चलते भूख लगने की समस्या हल हो जाती है। इससे मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा मिलता है और फैट्स बर्न करने में मदद मिलती है। इसे खाली पेट चबाकर खाने या फिर जूस के रूप में सेवन करने से शरीर को फायदा मिलता है।
सुबह खाली पेट करी पत्ते को चबाकर खाने से डायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। चबाकर खाने से अलावा गुनगुने पानी के साथ पत्तियों का सेवन किया जा सकता है। इससे शरीर में दिनभर एनर्जी का स्तर बना रहता है।
एक गिलास पानी में 5 से 6 करी पत्ते ब्लैण्ड कर दें। अब इसमें शहद और नींबू का रस मिला लें। इसके अलावा स्वादानुसार नमक मिलाकर इसका सेवन करें। खाली पेट इसका सेवन करने से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है।
धनिया और पुदीना की चटनी में मुट्ठी भर करी पत्ते को डालने से स्वाद और पोषण दोनों बढ़ जाते है। इसके अलावा हरी मिर्च, नींबू का रस और नमक एड करके इसे मील्स के साथ सर्व कर सकते है।
मुट्ठी भर करी पत्ते को 2 गिलास पानी में उबालें। इसमें दालचीनी भी मिला लें। पानी उबलने के बाद उसे छानकर ठंडा कर लें और फिर उसका सेवन करें। इससे वेटलॉस में मदद मिलती है और रक्त शर्करा को भी नियंत्रित किया जा सकता है।
बालों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए दही में करी पत्ते का पेस्ट मिला लें। अब इसे स्कैल्प पर लगाकर 10 से 15मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद माइल्ड शैम्पू से बालों को धो लें। इससे बालों की मज़बूती बढ़ जाती है।