लगातार बढ़ने वाला प्रदूषण, धूप की हानिकारक किरणें और केमिकल्स का प्रचुर मात्रा में इस्तेमाल त्वचा पर दाग धब्बों और मुहांसों का कारण बनने लगता है। इससे न केवल चेहरे की स्किन टोन (skin tone) में बदलाव आता है बल्कि त्वचा पर ब्रेक आउट (acne breakout) और दाग धब्बे बढ़ने लगते है। इससे राहत पाने के लिए अधिकतर लोग केमिकल युक्त तरह तरह के प्रोडक्टस का इस्तेमाल आरंभ कर देते है, जिससे त्वचा की नमी खोने लगती है। ऐसे में त्वचा के लचीलेपन को बनाए रखने के साथ दाग धब्बों को दूर करने के लिए फिटकरी (alum benefits) एक कारगर उपाय है। फिटकरी में नीम की पत्तियों को मिलाकर चेहरे पर लगाने से स्किन को मुहासों से राहत मिलने के साथ और भी कई फायदे मिलते है। जानते हैं फिटकरी और नीम की पत्तियों से तैयार फेस मास्क (fitkari and neem face mask) स्किन को कैसे पहुंचाता है फायदा।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ गीतिका मित्तल गुप्ता बताती है कि पॉल्यूटेंटस के प्रभाव के चलते त्वचा पर छोटे दाने नज़र आने लगते हैं। उसके बाद स्किन इनफ्लेमेशन के कारण पोर्स में डस्ट और ऑयल एकत्रित हो जाता है, जिससे फॉलिकल वॉल ब्रेक हो जाती है। ऐसे में स्किन पिकिंग से ब्रेकआउट का खतरा (risks of breakout) बढ़ जाता है। ऐसे में स्किन की नमी को बरकरार रखना आवश्यक है।
इस बारे में आयुर्वेद एंव युनानी मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ सलीम जै़दी बताते हैं कि फिटकरी में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। इससे स्किन पर बढ़ने वाला फ्री रेडिकल्स का खतरा कम हो जाता है और स्किन इंफेक्शन से राहत मिलती है। त्वचा मुलायम बनी रहती है और स्किन पर नमी का प्रभाव बना रहता है। फिटकरी के इस्तेमाल से त्वचा की कोशिकाओं की मरम्मत में मदद मिलती है। वहीं नींम में पाई जाने वाली एंटीबैक्टीरियल और एंटीमाइक्रोबियल प्रॉपर्टीज़ त्वचा पर मौजूद अतिरिक्त तेल की समस्या को कम करके ब्लैकहेड्स और एक्ने को दूर करती है।
एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर फिटकरी का इस्तेमाल करने से त्वचा पर मौजूद अतिरक्त ऑयल की समस्या से बचा जा सकता है। फिटकरी और नीम को मिलाकर चेहरे पर लगाने से पोर्स में कसावट बढ़ने लगती है और सूजन कम होने लगती है। साथ ही त्वचा मे नमी बढ़ने लगती है। इससे चेहरे पर बनने वाली मुहासों को कम किया जा सकता है।
फिटकरी में एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं, वहीं नीम से त्वचा को विटामिन सी की प्राप्ति होती है। इससे त्वचा में मेलेनिन के प्रभाव को कम करके कोलेजन की मात्रा को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे त्वचा पर दिखने वाली झुर्रियों को कम किया जा सकता है और स्किन में लवीलापन बढ़ने लगता है।
हाइपरपिगमेंटेशन से त्वचा का निखार कम होने लगता है। तेज़ धूप के संपर्क में आने से त्वचा पर मेलेनिन की एक परत बन जाती है। इससे त्वचा पर पिगमेंटेशन बढ़ने लगती है, जिससे त्वचा पर भूरे और लाला रंग के निशान दिखने लगते हैं। इससे बचने के लिए नीम की पत्तियों में पी साइज़ फिटकरी मिलाएं और फिर त्वचा पर लगाएं। इससे त्वचा के स्किन सेल्स को बूस्ट करने में मदद मिलती है।
त्वचा पर अतिरिक्त ऑयल की समस्या को कम करने के लिए फिटकरी को चेहरे पर लगाने से फायदा मिलता है। इससे त्वचा पर ऑयल का सिक्रशन नियंत्रित हो जाता है, जिससे आक्सीडेटिव तनाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम कम हो जाता है।