हिबिस्कस को आमतौर पर रोसेले या गुड़हल कहा जाता है। हिबिस्कस में फूलों के पौधों की 300 से अधिक प्रजातियां होती हैं। उनमें से एक हिबिस्कस सबदरिफ़ा लिने (Hibiscus sabdariffa Linne) है। यह एक बहुउद्देशीय पौधा है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। हिबिस्कस बारहमासी फूल वाला पौधा है, जो हर मौसम में उगता है। आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार में इसका सदियों से प्रयोग होता रहा है। आयुर्वेद एक्सपर्ट इसके स्वास्थ्य लाभ (hibiscus benefits) के बारे में बताती हैं।
आयुर्वेद एक्सपर्ट चैताली राठोड़ अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बताती हैं, ‘गुड़हल की खेती फूल, पत्तियों, तने, बीज और जड़ों के लिए की जाती है। हिबिस्कस फूल और उसके बीज के तेल का प्रयोग खाद्य आहार, कॉस्मेटिक और फार्मास्युटिकल फॉर्मूलेशन में उपयोग किया जाता है।’ गुड़हल का औषधीय महत्व है, जिसका उल्लेख आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा प्रणाली, दोनों में किया गया है।
गुड़हल में कैल्शियम, आयरन, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीसेप्टिक, एंटी कैंसर गुण होते हैं। इसमें ऐंठनरोधी गुण (antispasmodic) होने के कारण यह मांसपेशियों की ऐंठन से राहत दिला सकता है। लैक्सेटिव गुण के कारण यह कब्ज दूर करने में सहायता करता है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। इसमें एंटी इन्फ्लामेट्री प्रभाव, एंटी बैक्टीरियल प्रभाव, न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव भी देखा गया है। गुड़हल ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर हार्ट हेल्थ को भी मजबूत बनाता है।
इंसुलिन रेसिस्टेंट और डायबिटीज मेलिटस टाइप 2 के प्रबंधन में भी हिबिस्कस मदद कर सकता है। हिबिस्कस के अर्क में एंटी-इंसुलिन प्रतिरोध गुण हो सकते हैं,जिससे हाई ब्लड शुगर और इंसुलिन के स्तर को कम कर सकता है। यदि आप डायबिटीज की मरीज हैं और दवा ले रही हैं। गुड़हल की पत्तियों को दवा के साथ लिया जा सकता है।
गुड़हल की पत्तियों और फूलों में हेयर हेल्थ के लिए लाभकारी गुण हो सकते हैं। यह बालों के रोमों तक रक्त संचार करने में मदद कर सकता है। यह बालों का झड़ना रोक सकता है। गुड़हल की पत्तियों और फूलों में प्राकृतिक पिगमेंट, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन होते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकते हैं। बालों और स्कैल्प पर की गई एक स्टडी में देखा गया कि अर्क को स्कैल्प स्किन पर हल्की रगड़ से रक्त परिसंचरण में वृद्धि हो गई। इससे बालों के विकास को बढ़ावा मिल सकता है।
चैताली राठोड़ कहती हैं, ‘ हिबिस्कस पौधे म्यूसिलेज के समृद्ध स्रोत हैं। म्यूसिलेज कॉम्प्लीकेटेड पॉलीसेकेराइड हैं। पौधे की पत्तियों का उपयोग पारंपरिक रूप से जलन और त्वचा रोगों के प्रबंधन के लिए किया जाता है। त्वचा पर इसका सूदिंग और मॉइस्चराइजिंग प्रभाव हो सकता है। हिबिस्कस म्यूसिलेज अर्क में ग्लिसरीन होता है, जो त्वचा पर मॉइस्चराइजिंग प्रभाव दिखा सकता है।
वजन प्रबंधन में भी हिबिस्कस मददगार हो सकता है। हिबिस्कस फूल से तैयार चाय शुगर और स्टार्च अवशोषण को अवरुद्ध कर देती है। इससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है। वजन नियंत्रित करने की क्षमता हिबिस्कस अर्क में मौजूद पॉलीफेनोल्स और फ्लेवोनोइड्स के कारण हो सकती है । यह वसा के संचय को कम कर सकती है और शरीर के वजन को मेंटेन कर सकती है।
अपनी आवश्यकता के अनुसार, गुड़हल के फूल या गुड़हल की पत्तियों की चाय पीई जा सकती है। गुड़हल के फूल से तैयार अर्क को भी पानी के साथ लिया जा सकता है। गुड़हल का प्रयोग करने से पहले आयुर्वेदाचार्य से जरूर संपर्क करें। इसकी अधिक मात्रा हार्ट हेल्थ को नुक्सान पहुंचा सकती है।
चैताली राठोड़ के अनुसार, यदि आप प्रेगनेंट होना चाहती हैं, तो यह फूल अच्छा नहीं है। यह फूल प्रजनन-रोधी प्रभाव (Anti Fertility) के रूप में काम करता है। यह स्त्री और पुरुष दोनों के लिए हर्बल गर्भनिरोधक (herbal contraceptives) के रूप में काम करता है।
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