गर्मियों का मौसम (Summer season) कई ऐसी हर्ब्स (Herbs), सब्जियों (Vegetables) और फलों (Fruits) को लेकर आता है, जिनका स्वाद चखने के लिए हम गर्मियों का बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। खीरा, ककड़ी, आम और पुदीना कुछ ऐसे नाम हैं, जिनसे गर्मियों का तपता मौसम ठंडा हो जाता है। ये सभी हमारे शरीर की उन जरूरतों को पूरा करते हैं, जिससे वह तपते मौसम को बेहतर तरीके से मुकाबला कर पाता है। ऐसा ही एक खास हर्ब है पुदीना (Mint)। जी हां, गहरे हरे रंग की पत्तियों वाला पुदीना न सिर्फ आपको ठंडक का अहसास देता है, बल्कि कई स्वास्थ्य जटिलताओं (Benefits of mint) से भी आपको बचाए रखता है।
इस मौसम में मेरी मम्मी हमें हर रोज अलग-अलग पकवानों में पुदीना (Mint) खिलाती हैं खासकर पुदीने का रायता (Pudine ka raita) और पुदीने की चटनी (Pudine ki chatuney)। वे कहती हैं कि यह हमें गर्मियों में खुद को ठंडक पहुंचाने में मदद कर सकता है। हालांकि सिर्फ ठंडक पहुंचाने तक ही इसके फायदे सीमित नहीं हैं। यह कई ऐसे फायदे पहुंचा सकता है, जो सचमुच अद्भुत हैं। आज हम आपको पुदीने की कुछ ऐसी खासियत बताएंगे जिसको जानकर आप भी इसे इग्नोर नहीं कर पाएंगे।
भले ही पुदीने को किसी मुख्य आहार के तौर पर ना देखा जाता हो, लेकिन इसका सेवन बहुत फायदेमंद है। एनसीबीआई पर मौजूद जानकारी के अनुसार पुदीना विटामिन ए का एक अच्छा जरिया है। विटामिन ए वसा में घुलनशील विटामिन होता है जो आंखों के स्वास्थ्य और रात की दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। वहीं PubMed Central पर मौजूद जानकारी बताती है कि यह एंटीऑक्सिडेंट का भी एक शक्तिशाली स्रोत है। एंटीऑक्सिडेंट आपके शरीर को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करते हैं, जो मुक्त कणों के कारण कोशिकाओं को होने वाले नुकसान का कारण होता है।
आयुर्वेद में पुदीना की पत्तियों को सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। इसको शांत करने वाली जड़ी-बूटी का दर्जा दिया गया है। गर्मियों के मौसम में इसका इस्तेमाल ताजी पत्तियों के साथ किया जाता है, तो वहीं अन्य मौसम में इसकी पत्तियों को सुखाकर इसके चूर्ण से पेट से जुड़ी समस्याओं का इलाज किया जाता है।
एनसीबीआई पर मौजूद, साल 2019 की एक समीक्षा में इस बात की पुष्टि हुई की पेपरमिंट ऑयल के उपयोग का समर्थन गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्थितियों की एक श्रृंखला के लिए एक उपाय के रूप में किया जा सकता हैं, जिसमें अपच, आईबीएस, बच्चों में पेट दर्द शामिल है।
नई माताओं को ज्यादातर ब्रेस्टफीडिंग के समय कटे हुए निपल्स का अनुभव होता है। जिससे उन्हें काफी दर्द होता है। इस समस्या से निपटने में पुदीना आपकी मदद कर सकता है। एनसीबीआई पर मौजूद एक अध्ययन इस बात का दावा करता है। इस अध्ययन में स्तनपान कराने वाली माताओं ने प्रत्येक भोजन के बाद निप्पल के आस-पास के क्षेत्र में पुदीना के विभिन्न रूपों को लगाया।
आमतौर पर, इसे आप मिंट एसेंशियल ऑयल, जेल या पानी के साथ मिश्रित करके उपयोग कर सकती हैं। इस अध्ययन का निष्कर्ष बताता है कि स्तनपान के बाद पुदीने का पानी लगाना स्तन के दूध को निप्पल और एरोला दरारों को रोकने में मददगार है।
आपने कई माउथ फ्रेशनर और माउथ स्प्रे देखे होंगे, जिसमें पुदीने का इस्तेमाल किया गया हो। यह बात सच है कि पुदीना आपकी गंदी सांस की बदबू और मुंह से आने वाली बदबू को रोकने में मदद कर सकता है। बहुत से लोगों को इसकी समस्या होती है, जिसके कारण उन्हें हर बार शर्मिंदा होना पड़ता है। हालांकि इन केमिकल युक्त प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने की बजाए आप पुदीने को प्राकृतिक तरीके से भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
पुदीना की पत्तियों में मौजूद तेल और उसकी खुशबू ब्रेन फंक्शनिंग को बेहतर बनाने में आपकी सहायता कर सकती है। हां यह कोई सुनी सुनाई बात नहीं है, एनसीबीआई पर मौजूद एक अध्ययन इस बात का दावा करता है। जिसमें 144 युवा वयस्कों को शामिल किया गया। इसमें परीक्षण से पहले पांच मिनट के लिए पेपरमिंट ऑयल की सुगंध को सूंघने से स्मृति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।
वहीं पुदीने पर किए गए एक अन्य अध्ययन में यह भी पुष्टि की गई कि ड्राइविंग करते समय इन तेलों को सूंघने से सतर्कता बढ़ती है। साथ ही निराशा, चिंता और थकान के स्तर में कमी आती है।
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