अक्सर शादी ब्याह में दूल्हन के हाथ में रचने वाली मेंहदी हर किसी को भाती है। क्या आप जानते है कि इस मेंहदी का उपयोग केवल हाथों पर लगाने के लिए ही नहीं बल्कि एक औषणी के तौर पर भी किया जाता है। आयुर्वेद (Ayurved) की नज़र से देखें, तो मेहंदी एक ऐसी जड़ी बूटी है, जो शरीर को कई प्रकार से छोटी छोटी शारीरिक समस्याओं (Physical problems)से बचाने का काम करती है। इस पौधे की पत्ती से लेकर फूल तक। हर चीज़ का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं, मेंहदी की पत्तियों के फायदे (benefits of heena leaves) ।
मेंहदी की पत्तियों की गुडनेस के बारे में प्राकृतिक चिकित्सक अनिल बंसल बहुत से नुस्खे बता रहे है। उनके मुताबिक अगर आपके पैरों में चप्पल पहनने से किसी तरह के छाले बन गए है या कोई फंगल इंफे्क्शन (fungal infection) हुआ है, तो हिना लीव्स पाउडर (Heena leaves powder) को नारियल के तेल में मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं। इसके अलावा बालों के लिए मेंहदी लीव्स प्राकृतिक कंडीशनर (natural conditioner) का भी काम करती हैं।
आज के समय में घुटनों में दर्द होना एक आम समस्या है। इसके लिए मेंहदी और अरंडी के पत्तों को एक बाउल में लें और उनका एक पेस्ट बना लें। इस बात का ध्यान रखें कि उनकी मात्रा एक बराबर होनी चाहिए। इससे दोनों के गुणों का लाभ जल्दी पहुंचता है। इस मिश्रण को घुटनों पर सर्कुलर मोशन में लगाएं और उसके बाद घुटनों काे ढ़क लें। इससे जल्द फायदा पहुंचता है। अगर संभव हो, तो आप धूप में बैठकर भी लेप को अप्लाई कर सकते हैं।
इसके लिए एक कटोरी मेंहदी के पत्तों को आधा गिलास पानी में भीगने के लिए रख दे। अब एक घंटे बाद उसी पानी से कुल्ला करें या गार्गल करें आप दो से तीन दिन में पांऐगे कि आप इस समस्या से बाहर आ रहे हैं। इसके अलावा मेंहदी के पत्तों का पेस्ट भी आप छालों पर लगा सकते हैं। मेंहदी के पानी से कुल्ला करने से माउथ बैक्टीरिया अपने आप समाप्त हो जाता है।
शरीर में कई बार ज्यादा गर्मी होने से नकसीर फूटने का भय रहता है। ये समस्या गर्मी और सर्दी दोनों में हो सकती है। इसके लिए मेंहदी पत्तियों, मुल्तानी मिट्टी, जौ का आटा और धनिया को बराबर पीस कर लेप बना लें। इस लेप को नाक पर लगाकर उपर से मलमल का कपडा भिगोकर रखें। इससे नकसीर के रोगी को विषेश लाभ मिलता है।
इसके लिए मेंहदी की पत्तियों को शहद और अदरक के साथ मिलाकर लेने से बार बार होने वाली खांसी दूर हो जाती है। इस मिश्रण से पुरानी खांसी भी ठीक हो जाती है।
अधिकतर गर्मी के मौसम में चलने वाली लू हमें कई प्रकार से शरीर को प्रभावित करती है। कई बार उल्टी और दस्त के अलावा कुछ खाने का मन नहीं करता है। ऐसे में आर्युवेद में खास स्थान रखने वाली मेंहदी को उत्तम माना गया है। मेंहदी शरीर के सभी हिस्सों को ठंडक पहुंचाती है। इसके लिए मेंहदी की पत्तियों के लेप को पैरों के तलवों पर लगाएं। इससे शरीर को राहत प्राप्त होती है।
एंटी फंगल गुणों से परिपूर्ण हिना की पत्तियां शरीर को हर प्रकार की एलर्जी और फंगल इंफेक्शन से दूर रखने का काम करती है। हरे रंग की मामूली सी दिखने वाली पत्तियों को अगर खुजली और दाद की समस्या पनप रही है, तो उस पर ज़रूर लगाएं। मेंहदी की पत्तियों को पीस लें और उसी तरह उसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। इससे आपकी समस्या तुरंत ठीक हो जाएगी।
ज्यादातर रसोई में काम करने के दौरान चोट या कटने का डर रहता है। ऐसे में कटी हुई जगह या सूजन वाली जगह पर लगातार जलन होती रहती है। इस समस्या के समाधान के लिए हिना लीव्स को पीसकर लेप तैयार करें और उस जगह पर लगा दे। इसे लगाने से राहत मिलती है।
सिरदर्द को अधिकतर लोग हल्के में लेने लगते है। वे न तो कोई उपचार करवाते हैं और न ही उसकी असली वजह को खोजने का प्रयास करते हैं। ऐसे में मेंहदी की पत्तियों को धोकर उन्हें पीस लें और उसमें थोड़ा सा पानी मिला ले। उस गाढ़े लेप को माथे पर लगा दें। इससे आपके सिर दर्द की समस्या अपने आप हल हो जाएगी। माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी भी इससे दूर हो जाती है।
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