खड़े मसालों से तैयार होने वाले व्यंजन अपनी खुशबू और स्वाद से हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि हर मासैम में मसाले हमें हेल्दी और फिट रखने में मददगार साबित होते हैं। साथ ही गर्मी बढ़ने के साथ साथ इन मसालों की मात्रा में थोड़ा सा परिवर्तन लाना बेहद ज़रूरी है। दरअसल, मम्मी की रसोई में इस्तेमाल होने वाले ये कुछ मसाले अगर आप गर्मी में भी ज्यादा मात्रा में ही लेंगी, तो ये कई स्वास्थ्य संबधी समस्याओं का कारण साबित हो सकते हैं। जानते हैं, इन मसालों के इस्तेमाल का तरीका (spices avoid in summers) और इससे होने वाले नुकसान भी।
खुशबूदार मसालों में से बहुत से स्पाइसिज़ ऐसे भी हैं, जिनकी तासीर गर्म होती है। जो आगे चलकर हॉट फलशिज़ (Hot flushes), एसिडिटी (Acidity), रैशेज़ (Rashes) और स्वैटिंग (Sweating) का कारण साबित हो सकते हैं। इन मसालों को आप सीमित मात्रा में या फिर मोडरेट करके खाने में एड कर सकती है। दरअसल, गर्मी के मौसम में शरीर का एनर्जी लेवल बेहद कम होता हैं। ऐसे में गर्म मसाले हमारे शरीर के अंदर और गर्मी पैदा करने का काम करते हैं।
विटामिन ए, सी, ई और डी से भरपूर लौंग हमारे शरीर को कई प्राकर से पोषण प्रदान करने का काम करती है। इसमें मौजूद फोलेट और ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे शरीर को हेल्दी बनाता है। मगर इस मसाले की तासीर गर्म होती है। अगर आप गर्मी में भी इस मसाले का प्रयोग सब्जियां बनाने और चाय बनाने के दौरान कर रही हैं, तो इससे ब्लॉटिंग, पेट दर्द और लो ब्लड शुगर लेवल की समस्या से दो चार होना पड़ सकता है।
सूखे पत्ते के समान दिखने वाला तेज पत्ता खाने के ज़ायके को बदलने का काम करता है। इसे गर्म मसालों की श्र्ंखला में शामिल किया जाता है। इसके पत्तों के अलावा इसका तेल भी बाज़ार मकें आसानी से उपलब्ध हो जाता है। जो डेंड्रफ को दूर करने का एक सटीक उपाय है। तासीर गर्म होने के चलते गर्मियों में इसका इस्तेमाल अत्यधिक पसीने का कारण साबित होता है। फासफोरस, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन्स समेत कई एंटी आक्सीडेंटस से भरपूर तेज पत्ता कोलेस्ट्रॉल को कम करने का काम करता है। अगर आप गर्मियों में भी इसका प्रयोग करते हैं, तो इससे एलर्जी की संभावना बनी रहती है। ज्यादा गर्मी के समय इसे पुलाव, सब्जी या किसी अन्य रेसिपी में एड करने से बचें।
अक्सर सूखे धनिए का इस्तेमाल दही और सब्जियों में फलेवर एड करने के लिए किया जाता है। साथ ही ये गर्म मसाले में भी एडिड होता है। खुद को हेल्दी रखने के लिए गर्मी में इसके इस्तेमाल को कम करना आवश्यक है। इसका ज्यादा प्रयोग निर्जलीकरण का कारण भी साबित हो सकता है।
सूखी लाल मिर्च का प्रयोग सांबर और दाल में तड़के लिए प्रयोग किया जाता है। खाने के स्वाद को बढ़ाने वाला ये मसाला गर्मियों में हमारे पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके रेगुलर प्रयोग से ये न सिर्फ शरीर का तापमान बढ़ाने का काम करती हैं। साथ ही गले और चेस्ट में जलन कार कारण भी बन सकती है। जो आगे चलकर एसिडिटी की समस्या बन जाती हैं।
गर्म मसालों में शुमार काली मिर्च मेटाबॉलिक रेट बढ़ाने का काम करती है। अगर आप गर्मियों में इसे ज्यादा खाते हैं, तो ये बार बार पसीना आने का कारण भी साबित हो सकती है। इम्यून सिस्टम को मज़बूत रखने वाले इस मसाले को वटलॉस के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। गर्मियों में मौसम में अगर आप इसका इस्तेमाल जारी रखती है, तो ये कई बार एलर्जी का कारण भी बन जाती है। इसे आप गर्मी में एक सीमित मात्रा में ही यूज़ करें।
औषधीय गुणों से भरपूर जीरा बहुत सी रेसिपीज़ में इस्तेमाल किया जाता है। मम्मी की रसोई का ये खास इंगरीडिएंट कई पौष्टिक तत्वों से भरपू है। कुछ लोग जीरे का पानी भी पीते हैं। अगर आप गर्मियों में भी क्यूमिन सीड्स को अपनी डाइट में एड करते हैं, तो इससे ब्लोटिंग की समस्या बढ़ने लगती है। साथ ही डाइजेस्टिव सिस्टम को भी प्रभावित करने का काम करता है। ज्यादा मात्रा में गर्म चीजें खाने से इसका प्रभाव हमारी पीरियड साइकिल पर भी नज़र आने लगता है।
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