आयुर्वेदिक गुणों से संपन्न शंखपुष्पी शारीरिक समस्याओं से मुक्ति दिलाने के साथ साथ दिमाग को स्वस्थ रखने का भी अचूक उपाय है। पथरीली जगहों पर पाए जाने वाले इस पौधे की तासीर ठंडी होती है। स्वाद में कसैला होने के चलते इसे शक्कर या मक्खन के साथ खाया जाता है। इस पौधे की पत्तियों से लेकर जड़, तना और फूल तक सभी का आयुर्वेद की दृष्टि से खास महत्व है। आज की इस तनाव पूर्ण जिंदगी में इसका सेवन आपको कई तरह की समस्याओं को सुलझाने में मददगार साबित होता है। जानते हैं, शंसपुष्पी जड़ी बूटी के कुछ फायदे (Benefits of shankhpushpi)।
रिसर्च गेट के मुताबिक अध्ययनों से ये मालूम हुआ है कि शंखपुष्पी में स्मृति बढ़ाने (Memory boost) वाले प्रभाव, न्यूरोप्रोटेक्शन (Neuroprotection), इम्यूनोमॉड्यूलेशन (Immunomodulation) और कार्डियो प्रोटेक्शन (Cardio protection) करते हैं। इसके अलावा इस जड़ी बूटी में एंटीकोनवल्सेंट, एंटी.डिप्रेसेंट, एंटी.अल्सर, एंटी.माइक्रोबियल, एंटी.ऑक्सीडेंट और एंटी.टॉक्सिक गुण समाए हुए हैं। नीलकंठ के नाम से मशहूर इस पौधे के फूल नीले और सफेद रंग के होते हैं, जिनका प्रयोग नेचुरल दवाओं के लिए किया जाता है। आप इसका सेवन जूस, कैप्सूल, पूरन और गोली के रूप में कर सकते है। इसे आप दूध और गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
बात बात पर भूलना आज के दौर की एक बड़ी समस्या है। दिनभर तनाव और काम के बोझ के तले दबे रहने के कारण दिमाग बहुत जल्दी थक जाता है। इसका प्रभाव हमारी याददाश्त और एकाग्रता पर दिखने लगता है। एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर शंखपुष्पी का सेवन बुद्धि को प्रखर बनाने का काम करता है। इसके लिए सुबह सवेरे उठकर शंखपुष्पी और गिलोय का जूस, शतावरी और हरड़ के चूरन को एक साथ मिलाकर दूध के साथ सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में अद्भुत गुणों को विकास होता है और लर्निंग पावर बढ़ने लगती है।
इसके सेवन से बालों की ग्रोथ पर भी इसका प्रभाव नज़र आने लगता है। पूरा पौधा जड़ और फूलों समेत पीसकर बालों पर उसका लेप बनाकर लगाने से बालों की ग्रोथ बढ़ाने का काम करती है। इसके अलावा शंखपुष्पी के रस में शहद मिलाकर पीने से बालों का वॉल्यूम बढ़ने लगता है। शंखपुष्पी की जड़ का पीसकर उसी कुछ बूंदों को नाम में डालने से भी फायदा मिलता है।
शंखपुष्पी के सेवन से ये आंतों को डिटॉक्स करने का काम करता है। इससे पेट में गैस बनने की समस्या का भी निवारण होता है। रोज़ाना इसके रस के सेवन से पेट संबधी समस्याएं दूर हो जाती है। इसके सेवन से पाचनतंत्र मज़बूत बनता है और खाना आसानी से पच जाता है। इसके चलते पाइल्स और कब्ज की समस्या अपने आप दूर हो जाती है।
मौसम में तब्दीली आने के साथ खांसी जुकाम की समस्याएं लगातार बढ़ने लगती है। इसके चलते बुखार और गले में दर्द आम परेशानियां है। ऐसे में शंखपुष्पी के पत्तों का रस निकालकर उसे दूध में मिलाकर पीने से ये समस्याएं दूर हो जाती है। वहीं गले में अत्यधिक दर्द से निपटने के लिए तुलसी और अदरक के रस में शंखपुष्पी का रस मिलाकर पीएं। वहीं स्वाद के लिए आप इस मिश्रण में शहद भी एड कर सकते हैं।
बढ़ रही गर्मी के कारण शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति बन जाती है। इसका प्रभाव यूरिन पर नज़र आने लगता है। नजीतन यूरिन का रंग बदलाना और यूरिन रूक रूक कर पास होना। इसके अलावा यूरिन के दौरान कई बार जलन या फिर दर्द का भी अनुभव होने लगता है। इसके लिए शंखपुष्पी का चूरन एक कारगर उपाय है। इसे आप दूध के साथ ले सकते है। इसके अलावा इसमें शहद को मिलाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
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