Chhath Puja 2023 : जानिए कद्दू भात से क्यों की जाती है छठ पूजा की शुरुआत, आयुर्वेद विशेषज्ञ बता रहीं हैं इसके लाभ

कद्दू-भात के अवसर पर लौकी की सब्जी खाने के साथ छठ पूजा का शुभारंभ हो जाता है। आइये जानते हैं छठ पूजा के पहले दिन क्यों खाई जाती है लौकी?
Chhath puja ke kaddu bhat me lauki khane ke kai fayde hain.
कद्दू-भात के अवसर पर हर घर में नहा-धोकर बिना लहसुन प्याज के लौकी की सब्जी, चना की दाल और चावल पकाए जाते हैं।चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 17 Nov 2023, 12:32 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

सूर्य की उपासना का त्योहार छठ पूजा (Chhath Puja 2023) का शुभारंभ हो चुका है। स्वयं और परिवार के उत्तम मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए छठ पूजा भारत भर में मनाई जाती है। पूरे घर की साफ़-सफाई के साथ-साथ तामसिक खाद्य पदार्थ माने जाने वाले लहसुन और प्याज को भी कद्दू भात के अवसर पर खाना वर्जित किया जाता है। कद्दू-भात के अवसर पर हर घर में नहा-धोकर बिना लहसुन प्याज के लौकी की सब्जी, चना की दाल और चावल पकाए जाते हैं। माना जाता है कि व्रती के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए खरना के एक दिन पहले लौकी की सब्जी और उसके अन्य व्यंजन तैयार (Chhath Puja 2023) किये जाते हैं।

कब है छठ 2023 (Chhath Puja 2023)

परिवार को रोगों और समस्याओं से बचाव और उन्हें लंबी उम्र और बढ़िया स्वास्थ्य देने की प्रार्थना के लिए सूर्य की उपासना की जाती है। छठ पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। छठ पूजा का शुभारम्भ 17 नवंबर (Chhath Puja 2023) से कद्दू-भात के साथ हो रहा है। 18 नवंबर को खरना और 19 नवंबर को सांध्य अर्घ्य है। 20 नवंबर को सुबह के अर्घ्य के साथ छठ पूजा की समाप्ति हो जायेगी।

खाये जाते हैं लौकी के कई व्यंजन (Lauki recipes in chhath puja)

कद्दू भात के अवसर पर व्रती लौकी की सब्जी और चावल खाती हैं। इस अवसर पर लौकी की सब्जी के अलावा, लौकी का रायता, लौकी के छिलके की चटनी, लौकी में काला चना या चने की दाल डालकर इश्टू और लौकी की पकौड़ी भी खाई जाती है। लौकी को बिहार और बिहार से सटे उत्तरप्रदेश के कुछ स्थानों पर कद्दू कहा जाता है। इसलिए इस विशेष दिन को कद्दू भात कहा जाता है। उत्तम स्वास्थ्य के लिए पूजा के आरंभ में लौकी खाई जाती है।

क्यों खाई जाती है लौकी (Lauki ke Fayde)

कद्दू-भात के दूसरे दिन से व्रती का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है। दूसरे दिन शाम में सूरज ढलने के बाद पूजा की जाती है। इसके बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करती हैं। पानी और भोजन के अभाव में शरीर को हाइड्रेट रखना जरूरी होता है। इसमें शरीर को पर्याप्त हाइड्रेशन करने में मदद करती है लौकी।
सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक माना जाती है लौकी। इसमें भारी मात्रा में पानी लगभग 92% होता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन के और कैल्शियम भरपूर मात्रा होता है। ये मिनरल शरीर को हाइड्रेटेड रखने में मदद करते हैं।

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शरीर को पर्याप्त हाइड्रेशन करने में मदद करती है लौकी। चित्र : अडॉबी स्टॉक

ब्लड शुगर लेवल रख सकती है कंट्रोल (Bottle gourd control Blood Sugar Level)

यह दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है। लौकी और लौकी के जूस से डायबिटीज के रोगियों को लाभ मिलता है। यह ब्लड शुगर लेवल और ब्लडप्रेशर नियंत्रित करने में मदद करता है। इसलिए यदि व्रती (Chhath Puja 2023) हर बार के भोजन में यदि लौकी शामिल करती हैं, तो यह इन्हें दूसरे दिन भी हाइड्रेट करने में मदद करता है।

लौकी का जूस (Lauki Juice)

यदि एक छोटा ग्लास लौकी का जूस पी लिया जाए, तो यह शरीर को हाइड्रेट रख सकता है। गर्मी के दिनों में लौकी का जूस शरीर में पानी की कमी को पूरा करने में मदद करता है। लौकी कार्डियो-टॉनिक और डाय यूरेटिक होती है। यह वात और पित्त को संतुलित करता है। इसलिए इसका उपयोग दर्द, अल्सर, बुखार और श्वसन संबंधी विकारों के इलाज के लिए भी किया जाता है।

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यदि एक छोटा ग्लास लौकी का जूस पी लिया जाए, तो यह शरीर को हाइड्रेट रख सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

क्यों खाया जाता है चावल (Rice in Chhath Puja)

चावल कार्बोहाइड्रेट का एक समृद्ध स्रोत है। यह शरीर का मुख्य ईंधन स्रोत है। कार्बोहाइड्रेट ऊर्जावान और संतुष्ट बनाये रखने में मदद (Chhath Puja 2023) करता है। फाइबर का स्रोत होने के कारण बोवेल मूवमेंट में भी मदद मिलती है। इससे दूसरे दिन शरीर के कामकाज के लिए पर्याप्त ऊर्जा बनी रहती है। खासकर ब्राउन चावल खाया जाए,  तो फाइबर, मैंगनीज, सेलेनियम, मैग्नीशियम और विटामिन बी सहित कई पोषक तत्व मिल सकते हैं।

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