रागी एक बेहद खास सुपरफूड है, जो आपकी सेहत के लिए कई रूपों में फायदेमंद होता है। वहीं ये बच्चों की सेहत के लिए भी बेहद कारगर साबित हो सकता है। इसमें कई ऐसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद आवश्यक होते हैं। ऐसे में इसे स्प्राउट कर आप उसकी गुणवत्ता को और ज्यादा बढ़ा सकती हैं। वहीं बच्चों की डाइट में इन्हें शामिल करना है, तो आप रागी स्प्राउट्स को पाउडर कर इसे बच्चों को भी दे सकती हैं।
आज के समय में बड़ों से लेकर बच्चों को जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, इसे पूरा करने में रागी आपकी मदद कर सकता है। रागी की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आज हेल्थ शॉट्स आप सभी के लिए लेकर आया है, रागी स्प्राउट्स (sprouted ragi) के कुछ महत्वपूर्ण फायदे, साथ ही जानेंगे रागी को किस तरह स्प्राउट करना है।
रागी में कई महत्वपूर्ण अमीनो एसिड पाए जाते हैं, जो इसे उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का एक प्रभावी स्रोत बनाते हैं। यह त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को पुनर्जीवित करने के लिए मेथिओनिन, एक सल्फर-आधारित अमीनो एसिड, वेलिन और आइसोल्यूसीन प्रदान करता है, जो मसल्स टिशु की मरम्मत करता है। वहीं थ्रेओनीन, दांतों और इनेमल के उचित गठन को सक्षम करने और मुंह को मसूड़ों की बीमारी से बचाने में मदद करता है।
बहुत से युवा वयस्क और वृद्ध लोग गेहूं जैसे अनाज में मौजूद ग्लूटेन प्रोटीन के प्रति सेंसिटिव हो जाते हैं, जो दुर्भाग्य से, भारतीय व्यंजनों में एक नियमित कंपाउंड है। रागी, ऑर्गेनिक रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है, इसे चपाती, डोसा और मिठाई या मिठाई बनाने के लिए आसानी से गेहूं के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है। अक्सर सीलिएक डिजीज के मरीजों के लिए इसकी सिफारिश की जाती है।
रागी तत्काल ऊर्जा के लिए कैलरी और कार्बोहाइड्रेट में उच्च होता है, इसमें फाइटेट्स, टैनिन, पॉलीफेनोल्स – प्लांट केमिकल्स भी शामिल हैं, जो पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। यह डायबिटीज से पीड़ित लोगों में हाई ब्लड शुगर को कम करता है। ये फैक्टर्स इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए एक बेहद खास सुपरफूड बना देते हैं। इसके अलावा यह फाइबर का एक बेहतरीन स्रोत है और इसे पचाना भी बेहद आसान होता है। इस प्रकार ये बॉडी में ब्लड शुगर को धीरे-धीरे अवशोषित करता है, ताकि ब्लड शुगर अचानक से न बढ़े।
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आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया हर साल अनगिनत भारतीय पुरुष, महिला और बच्चों को प्रभावित करता है, जिससे अत्यधिक थकान और उत्पादकता का स्तर कम हो जाता है। रागी आयरन का पॉवरहाउस है, जो उन लोगों के लिए वरदान के रूप में काम करता है, जिनके ब्लड में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है। इस प्रकार एनीमिया की स्थिति में रागी का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
रागी में अमीनो एसिड ट्रिप्टोफैन का उच्य स्तर पाया जाता है, जो तंत्रिका कार्य को बढ़ाने, मस्तिष्क में मेमोरी सेंटर को सक्रिय करने और दिमाग को आराम देने में मदद करता है। ट्रिप्टोफैन सेरोटोनिन – एक न्यूरोट्रांसमीटर – के स्तर में संतुलन लाता है, रागी अच्छे मूड को बनाए रखने और अच्छी नींद को बढ़ावा देकर चिंता और अनिद्रा के इलाज में मदद करता है।
रागी में कोलेस्ट्रॉल और सोडियम की मात्रा मौजूद नहीं होती, इसलिए रागी के आटे से बने व्यंजनों का सेवन हृदय रोग से पीड़ित लोग सुरक्षित रूप से कर सकते हैं। इसके अलावा, ये डायट्री फाइबर और विटामिन बी3 या नियासिन कैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो एचडीएल स्तर को बढ़ाने और खराब एलडीएल स्तर को कम करने में मदद करते हैं। यह हार्ट आर्टरीज में प्लाक और फैट जमा होने से बचाता है, वहीं हृदय की मांसपेशियों के कार्य को आसान बना देता है जिससे हृदय स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिल सकता है।
रात भर रागी के दानों को अंकुरित होने दें और अगली सुबह इनका सेवन करने से प्रेगनेंट और ब्रेस्टफीडिंग मदर्स के स्वास्थ्य को बड़े पैमाने पर लाभ प्राप्त हो सकता है। रागी में आयरन और कैल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है, यह दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने और गर्भवती महिलाओं और यंग मदर्स में हार्मोनल एक्टिविटीज को संतुलित करने के लिए बेहद कारगर माना जाता है।
सबसे पहले रागी के दानों को अच्छी तरह से साफ कर लें, फिर इन्हे रात भर के लिए पानी में भिगोकर छोड़ दें।
अगली सुबह कॉटन के कपड़े में रागी को डालकर पानी को निकाल दें।
अब कपड़े में गांठ बांधे और फिर इसे किसी कंटेनर में पैक करके 2 दिनों के लिए रख दें।
2 दिन बाद जब आप कपड़ा खिलेंगी, तो आपकी रागी स्प्राउट्स हो चुकी होगी, अब आप अपने स्प्राउटेड रागी को इंजॉय करें।
बच्चों की डाइट में स्प्राउटेड रागी को शामिल करना है, तो इन्हें सबसे पहले पाउडर के फॉर्म में बदलना होगा।
जिसके लिए आपको ऊपर बताए गए प्रक्रिया को फॉलो करते हुए रागी को स्प्राउट कर लेना है। उसके बाद इन्हें अच्छी तरह से सन ड्राई करना है, जब ये पूरी तरह से सुख जाए, तो फिर उन्हें ग्राइंडिंग जार में डालकर अच्छी तरह से ग्राइंड करते हुए एक दरदरा पाउडर बना लें।
अब आप इस पाउडर में दूध और ड्राई फ्रूट्स का पाउडर या मखाना पाउडर डालकर सभी को एक साथ मिलाकर अपने बच्चों को फीड कर सकती हैं।
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