कभी गर्मी, कभी बारिश वाला मौसम बढ़ा सकता है फूड पॉइजनिंग का खतरा, जानिए आपको इस स्थिति में क्या करना है

इन दिनों शहर का मौसम सोशल मीडिया पर आने वाली पोस्ट्स की तरह बदल रहा है। कभी चिलचिलाती धूप, तो कभी मन भिगोने वाले बादल। पर अगर आप इस मौसम को एन्जॉय करने बाहर निकल पड़ी हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि ये फूड पाॅइजनिंग भी बढ़ा सकता है।
food poisoning ki home remedies
जानते हैं, वो आसान नुस्खे, जो करेंगे फूड पॉइजनिंग की समस्या को दूर। चित्र अडोबी स्टॉक
Published On: 5 May 2023, 11:00 am IST
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बरसात को एन्जॉय करने के लिए जब आप स्ट्रीट फूड (Street food) ट्राई करने लगती हैं, तो यह आपके पेट के लिए समस्या बढ़ा सकता है। वहीं तेज गर्मी में कई बार निर्जलीकरण (Dehydration), ज्यादा तना भुना या गलत काम्बिनेशन के फूड्स खाने से पेट में दर्द, जलन और ब्लोटिंग होने लगती है। दरअसल, खाना सही तरीके से डाइजेस्ट न हो पाने के कारण पेट अपसेट हो जाता है। वहीं समस्या ज्यादा गंभीर होने पर शरीर में वॉमिटिंग, लूज़ मोशन और चक्कर जैसे सामान्य लक्षण नज़र आने लगते है। अक्सर मां और दादी ऐसी स्थिति में कभी हाथ पर एक चुटी अजवाइन और नमक रख दिया करती थीं, तो कभी नींबू पर काला नमक लगाकर चाटने की नुस्खा सुझाती।आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ आसान और फायदेमंद नुस्खे (Food poisoning remedies), जो तुरंत आपकी समस्या को कर सकते हैं दूर।

बैक्टीरिया और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी दोनों हैं जोखिम कारक

बरसात के मौसम में बैक्टीरिया जल्दी ग्रो करते हैं। उस पर इस बिन मौसम बरसात में जब आप बाहर का खाना खाती हैं, तो यह जोखिम और ज्यादा बढ़ा जाता है। एनसीबीआई के मुताबिक शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी फूड पॉइजनिंग का कारण बन जाती है। ऐसे में शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने के लिए लिक्विड इनटेक बढ़ाएं। दरअसल, इलेक्ट्रोलाइट्स में सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं। शरीर में बढ़ रहे डिहाइड्रेशन के लक्षणों को रोकने के लिए तरल पदार्थों का सवन ज़रूरी है।

pani ke bare me kuch myths prachalit hain
पानी न सिर्फ शरीर के तापमान को संतुलित रखता है, बल्किअन्य संवेदनशील ऊतकों को भी सुरक्षित रखता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

जानते हैं, वो आसान नुस्खे, जो करेंगे आपकी परेशानी को दूर

1. केला और दही खाएं

केले में पेटेशियम की भरपूर मात्रा होती है। जो शरीर में फलूइडस की कमी को रेगयूलेट करने का काम करता है। ये न केवल खाने में हल्का होता है बल्कि पचाने में भी आसान होता है। आप चाहें, तो इसे दही में मिलाकर भी खा सकते हैं। दही में मौजूद एंटी बैक्टिरियल प्रापर्टीज आपकी बॉडी में आने वाली कमज़ोरी को दूर करती है।

2. अदरक का पानी और शहद

एंटी इंफलामेंटरी गुणों से भरपूर अदरक पेट फूलने और दर्द होने की समस्या को दूर करता है। इसके लिए एक कप पानी में अदरक के टुकड़ों को उबालें। पानी आधा होने तक उन्हें उबलने दें। इसके बाद उसमें आधा चम्मच शहद मिला दें। अब इस पानी को पीएं। साथ अदरक के टुकड़ों को भी खाएं। अदरक में निहित गुणों से पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है।

3. एप्पल विनेगर

एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच सिरका डालकर पी लें। ये उपाय दिन में दो बार करें। इससे शरीर में मौजूद टॉक्सिन बाहर आने लगते है और शरीर आसानी से डिटॉक्स हो जाता है। दरअसल, सिरके में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो पेट में पनप रहे संक्रमण को खत्म कर देता है।

4. पुदीने की पत्तियों का पानी

पुदीने की पत्तियों को पानी से धोकर एक गिलास पानी में उबाले लें। जब पानी आधा रह जाए, तो उसे छान लें। अब आप उसे दिनभर में सिप सिप कर पी सकते है। इसके अलावा बाज़ार में मिलने वाले पुदीने के रस की कुछ बूंदों को हल्के गुनगुने पानी में मलिकर उसी वक्त पी जाएं। इससे पेट को ठण्डक मिलती हैं।

rasoi ke masale ke fayde
एंटी ऑक्सीडेंटस और एंटीमाइक्रोबिय गुणों से भरपूर पुदीना शरीर को डिटॉक्स करने का काम करता है। चित्र: शटरस्टॉक

5. नींबू पानी

विटामिन सी से भरपूर नींबू गर्मी के मौसम में पेट संबधी समस्याओं को आसानी से हल करने में कारगर है। आधा गिलास पानी में एक नींबू, एक चुटकी नमक और स्वादानुसार चीनी मिलाकर दिन में दो से तीन बार पीएं। इससे शरीर में पानी की कमी पूरी होगी और इंफेक्शन से छुटकारा मिलगा। इसके अलावा डिटॉक्स वॉटर का भी सेवन करें। इससे पेट संबधी अन्य समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी।

फूड पॉइज़रिंग में क्या खाने से बचें

कच्ची सब्जियां और साबुत फलों को खाने से बचेंं। दरअसल, इनके पाचन में परेशानी हो सकती है।

ज्यादा मसालेदार खाना खाने से बचें। इसमें डले मसालों की तासीर गर्म होती है, जो पेट में गर्मी पैदा करने का कारण बन सकते हैं।

बिना धोए कोई चीज़ खाने से बचें। खाद्य पदाथों के अलावा अपने हाथों को भी अवश्य साफ करें। इससे पेट में संकमण पनपने का जोखिम बना रहता है।

रोज़ाना बाहर का खाना खाने से डाइजेशन में दिक्कत हो सकती है। उसमें डाली जाने वाली खाद्य सामग्री पाचन को बिगाड़ने का काम करती है।

अत्यधिक मीटा और बार बार कॉफी व चाय पीने से परहेज करे। इससे शरीर में निर्जलीकरण की स्थिति पैदा हो सकती है।

हाइजीन का ख्याल रखें और बिना ढ़का हुआ खाना खाने से बचें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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