औषधीय गुणों से भरपूर मरूआ की पत्तियां गर्मी के मौसम में शरीर को कई समस्याओं से मुक्त करने का काम करती है। तासीर में ठंडी होने के चलते इसे आप काढ़े से लेकर चटनी तक हर चीज़ में आसानी से प्रयोग कर सकते है। घर के गमले में इस पौधे को लगाकर आप इसमें निहित पोषक तत्वों को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। गुणों से भरपूर इस पौधे का अरोमा आपके मन को सुकून देता है। तुलसी की तरह ही मरूआ को पवित्र पौधे की श्रृंखला में रखा गया है। इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, एंटीऑक्सीडेंटस (Anti oxidents) और एंटी वायरल (Anti viral) गुण पाए जाते है (benefits of marua leaves)। इसमें आयरन और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। इससे शरीर हेल्दी और फिट रहता है।
मरूआ को मजोरामा और मरवा भी कहा जाता है। इसकी लंबाई 60 सेंटीमीटर तक होती है। गर्म इलाकों पर ये तेज़ी से ग्रो करता है। इसे आप घर में अपने बगीचे में भी लगा सकते हैं। इसकी पत्तियां नुकीली और थोड़ी थिक पर साफ्ट होती है। मरूआ की पत्तियां दो प्रकार की होती हैं काली और हरी। हरी पत्तियों का प्रयोग खाने में किया जाता है। वहीं काली पत्तियों को पूजा अर्चना के लिए प्रयोग किया जाता है।
विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर ये पत्तियां शरीर की रोग प्रतिरोध्सक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। इसके सेवन से शरीर में वहाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन बढ़ने लगता है। इससे शरीर को कई प्रकार से सक्रंमण और बैक्टिरिया से लड़ने में मदद मिलती है।
इसका इस्तेमाल हमारे ब्लड फ्लों को नियमित रखता है। इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसके लगातार सेवन से शरीर को हाइपरटेंशन के रिस्क से मुक्ति मिलती है। साथ ही हृदय रोग की संभावना भी घटने लगती है।
अगर आप सिरदर्द की समस्या से परेशान हैं, तो इसका रस आपके शरीर को लाभ पहुंचाने का काम करता है। आधा चम्मच रस को पानी में मिलकार पीने से बेहद फायदा मिलता है। इसके अलावा इसकी पत्तियों से तैयार लेप को माथे पर लगाने से न केवल सिर को ठंडक मिलती है बल्कि सिरदर्द भी दूर हो जाता है।
अब आप मौसम बदलने के चलते आसानी से खांसी, जुकाम के शिकार हो रहे हैं, तो ऐसे में इसकी पत्तियों को धोकर चाय के पानी में उबालकर पी लें। इसके अलावा आप चाय में मुलेठी का भी एड कर सकते है। इससे इसका स्वाद और फायदा दोनोंमें इज़ाफा हो जाता है। वहीं अगर आप कफ से परेशान हैं, तो इसका काढ़ा न केवल लंग्स को हेल्दी बनाता है बल्कि गले में जमा कफ को भी निकालने का काम करता है।
इसे पेय पदार्थ के तौर पर पीने के अलावा इनकी पत्तियों को चेहरे पर भी लगाया जा सकता है। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लामेंटरी गुण चेहरे पर होने वाली सूजन, दाग और एक्ने की समस्या को दूर करता है। इसके अलावा इसमें एंटी एजिंग गुण भी पाए जाते हैं, जो समय से पहले चेहरे पर दिखने वाले रिंकल्स को हटाने में मददगार साबित होते हैं।
आप इसकी पत्तियों को धोकर सुखा लें। उसके बाद उबलने हुए पानी में सुखी पत्तियों को डाल दें और 8 से 10 मिनट तक उबलने दें। अब पानी का छानकर कप या गिलास में निकाल लें। उसमें स्वाद के लिए आप एक चम्मच शहद और कुछ बूंद नींबू की मिला दे। एंटीऑक्सरडेंटस से भरपूर इस पेय पदार्थ को पीने से शरीर को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं।
इसकी पत्तियों का रस आज़ार में आसानी से मिल जाता है। इसे आप पानी में मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा इसे नासिकाओं में डालकर माइग्रेन जैसी समस्याओं से मुक्ति भी पा सकते हैं।
इसकी पत्तियों को सुखाकर आप डिब्बी में बंद करके रख सकते है। इसे आप सैंडविच या अन्य रेसिपीज़ में ऑरिगेनो के तौर पर प्रयोग कर सकते है। इसके अलावा धनिए की जगह इसे भी सब्जियों में काटकर प्रयोग किया जा सकता है।
धनिए और पुदीने की भांति ही आप इसकी पत्तियों का इस्तेमाल चटनी बनाने के लिए भी कर सकते हैं। अगर आप चटनी बनाकर इसका सेवन करते हैं, तो इससे पेट में कीड़ों की समस्या से भी मुक्ति मिल जाती है। इसकी चटनी बनाने के लिए 7 से 8 मरूआ की पत्तियां लें और उसमें बराबर मात्रा में ही पुदीने की पत्तियों को मिला लें। अब इसमें एक कटा हुआ प्याज और टमाटर मिलाकर ग्राइंड कर लें। अबप चाहें, तो स्वादानुसार हरी मिर्च भी डाल दें। ग्राइंड होने के बाद इसमें नमक और नींबू मिलाकर सर्व करें।
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