इन दिनों कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दूध (Dairy) को दोषी ठहराया जाने लगा है। कुछ लोग तो मानते हैं कि डेयरी उत्पाद पिम्पल्स का कारण बनते हैं। ये शरीर में सूजन बढ़ा देते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि दूध से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। जो लोग लैक्टोज-इनटोलीरेंट नहीं हैं या जिन्हें डेयरी से एलर्जी नहीं हैं, उनके लिए तो दूध कई तरह से फायदा पहुंचाता है। पोषक तत्वों से भरपूर एक गिलास दूध रोज पीने से कई लाभ (milk benefits for women) मिल सकते हैं।
शारदा हॉस्पिटल, ग्रेटर नोएडा में अस्सिटेंट प्रोफेसर (इंटरनल मेडिसिन) डॉ. श्रेय श्रीवास्तव के अनुसार, 1 कप दूध से 2% हेल्दी फैट, 122 कैलोरी, 8 ग्राम प्रोटीन, मिल सकता है। इसमें सैचुरेटेड फैट 3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट 12 ग्राम, नेचुरल शुगर 12 ग्राम मिल सकता है। इसमें फाइबर 0 ग्राम होता है। इसके अलावा, दूध का यह सर्विंग साइज़ विटामिन बी12 की दैनिक ज़रूरतों का 50%, दैनिक कैल्शियम ज़रूरतों का 25% और पोटैशियम और विटामिन डी की दैनिक ज़रूरतों का 15% पूरा करता है। यह बादाम या मिलेट के दूध जैसे कई नॉन-डेयरी दूध विकल्पों की तुलना में कहीं अधिक ताकतवर है।
दूध न केवल शाकाहारी प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है, बल्कि यह कैल्शियम और विटामिन डी से भी भरपूर है। ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं। कैल्शियम एक मिनरल है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने और बनाए रखने के लिए जरूरी है। विटामिन डी शरीर द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। दूध जीवन भर हड्डियों को स्वस्थ रख सकता है।
अगर वजन कम करने या स्वस्थ वजन बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं, तो नियमित रूप से दूध के सेवन से संभवतः आपके लक्ष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह काफी हद तक दूध में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा के बैलेंस्ड संयोजन के कारण होता है। प्रोटीन और वसा दूध को सुपर फिलिंग बनाने में मदद कर सकते हैं, जो वजन घटाने में मदद कर सकता है। कार्ब्स ऊर्जा देते हैं और शरीर को सर्वोत्तम तरीके से काम करने में मदद करते हैं। यह भूख को कम करता है पेट भरा होने का एहसास दिलाता है। कैलोरी-प्रतिबंधित आहार में डेयरी को शामिल करने से लीन मसल्स की हानि कम होती है। इसलिए हर दिन लो फैट एक गिलास दूध पीने से मदद मिल सकती है।
दूध पीने से टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। लगभग 600000 लोगों पर किये गये अध्ययन के विश्लेषण में पाया गया कि कुल डेयरी खपत मधुमेह के जोखिम को कम कर रहा था। इसका मतलब यह है कि नियमित रूप से जितना अधिक लोग डेयरी का सेवन करेंगे, उनमें बीमारी विकसित होने की संभावना उतनी ही कम होगी। चीनी-मीठे पेय पदार्थों के सेवन को दूध से बदलने से टाइप 2 मधुमेह के खतरे को भी कम करने में मदद मिल सकती है।
मलाई रहित या लो फैट दूध हेल्दी फैट का स्रोत हो सकता है। दूध में पोटैशियम होता है, जो स्ट्रोक, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप के खतरे को कम करते हैं। अधिक फैट वाले दूध स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि यह संतृप्त वसा है। हार्ट के मरीज किसी भी अन्य भोजन की तरह इसका सीमित मात्रा में इसका आनंद ले सकते हैं।
उम्र बढ़ने के साथ दूध मानसिक रूप से अधिक तेज़ रहने में मदद कर सकता है। कुछ शोध बताते हैं कि दूध का सेवन अल्जाइमर रोग के कम जोखिम से जुड़ा है। स्किम्ड डेयरी, फर्मेंट किये गये डेयरी और छाछ मस्तिष्क स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा सकते हैं। इसलिए सुबह के नाश्ते में ओट्स के साथ थोड़ा सा दूध लिया जा सकता है। इससे मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है। दूध कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन बी12 का अच्छा स्रोत है, जो वृद्ध वयस्कों के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं।
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