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बाल उम्र से पहले सफेद हो चुके हैं या होने वाले हैं, तो ये 7 चीजें हैं आपके लिए

वक्त के साथ हेयर कलरिंग लोगों की पहली पसंद बन चुकी है। हांलाकि केमिकल शरीर को कई तरह से नुकसान भी पहुंचाते है। अगर आप किसी नेचुरल विकल्प की तलाश में हैं, तोआयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से बालों को बनाएं काला और घना।
35 की उम्र के बाद अक्सर हेयर फॉलिकल्स में कम होने वाला नेचुरल पिगमेंट सफेद बालों को बढ़ाने लगता है। ऐसे में कुछ आसान उपाय इस समस्या को हल कर सकते हैं। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 12 Oct 2024, 04:00 pm IST
मेडिकली रिव्यूड

सफेद बालों (gray hair) को छुपाने के लिए कभी डाई, तो कभी कलर का इस्तेमाल किया जाता है। अक्सर मां अपने बालों को काला रखने के लिए हिना, आंवला और शिकाकाई के मिश्रण का इस्तेमाल किया करती थीं। इससे बाल न केवल लंबे और घने बल्कि काले और स्मूद नज़र आते थे। मगर वक्त के साथ हेयर कलरिंग (side effects of hair coloring) लोगों की पहली पसंद बन चुकी है। हांलाकि केमिकल शरीर को कई तरह से नुकसान भी पहुंचाते है, लेकिन फिर भी युवा पीढ़ी इसके इस्तेमाल से परहेज नहीं करती हैं। अगर आप भी ग्रे हेयर्स से मुक्ति पाने के लिए किसी नेचुरल विकल्प की तलाश में हैं, तो एक्सपर्ट की बताई इन आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों (Home Remedies for Gray Hair) से बालों को बनाएं काला और घना।

आयुर्वेद, एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है, जो समय से पहले बालों के सफ़ेद होने की समस्या को दूर करने के लिए कई प्राकृतिक तरीके प्रदान करती है। हांलाकि 35 की उम्र के बाद अक्सर हेयर फॉलिकल्स में कम होने वाला नेचुरल पिगमेंट (natural pigment) सफेद बालों को बढ़ाने लगता है। ऐसे में कुछ आसान उपाय इस समस्या को हल कर सकते हैं। इससे न केवल बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है बल्कि विटामिन और मिनरल की कमी को भी पूरा किया जा सकता है। जानते हैं आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ अंकुर तंवर से किस तरह आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां बालों को काला और घना बनाए रखने में होती हैं, मददगार साबित।

कुछ आसान उपाय सफ़ेद बालों की समस्या को हल कर सकते हैं। इससे न केवल बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है बल्कि विटामिन और मिनरल की कमी को भी पूरा किया जा सकता है

आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से इस तरह बालों को बनाएं काला और घना

1. आंवला है एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर

आंवला में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा पाई जाती है। आंवला में मौजूद मिनरल और पॉलीफेनोल्स की मदद से प्राकृतिक बालों के रंग को बनाए रखने और बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

कैसे करें इस्तेमाल

बालों को धोने से पहले आंवला के तेल को गुनगुना करके स्कैल्प पर लगाएँ। इसके अलावा आंवला पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएँ और इसे 30 मिनट तक लगाकर छोड़ दें। इसके अलावा काले आंवला को भिगोकर रखें और उसके पानी से बालों को धोने से फायदा मिलता ळै।

2. भृंगराज से जड़ों की मज़बूती बढ़ाएं

बालों के लिए भृंगराज जड़ी.बूटियों के राजा के रूप में जाना जाता है। भृंगराज प्राकृतिक बालों के रंग को बढ़ावा देने और समय से पहले सफ़ेद होने से रोकने में सहायता कर सकता है। यह बालों की जड़ों को भी मजबूत कर सकता है और विकास को बढ़ावा दे सकता है।

कैसे करें प्रयोग

नियमित रूप से स्कैल्प पर भृंगराज तेल लगाएँ। इसके अलावा बालों की ग्रोथ और कालेपन को बढ़ाने के लिए दही या नारियल के तेल में भृंगराज पाउडर को मिलाकर हेयर मास्क तैयार करें। अब इसे 10 से 15 मिनट तक बालों में लगाएं रखने के बाद धो दें।

भृंगराज वात और कफ दोष को प्रभावी ढंग से कम करता है। यह स्कैल्प को ठंडा रखता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

3. ब्राह्मी से मिलेगा स्कैल्प को पोषण

ब्राह्मी को मन को शांत करने और तनाव को कम करने के अलावा स्कैल्प के रूखेपन को भी कम किया जा सकता है। इसके अलावा बालों की शाफ्ट की मज़बूती बढ़ाने और स्कैल्प को पोषण देने में मदद मिलती है।

कैसे करें उपयोग

बालों के स्वास्थ्य और प्राकृतिक रंग को बढ़ावा देने के लिए ब्राह्मी ऑयल को नारियल के तेल में मिलाकर स्कैल्प की मालिश करें। इसके अलावा ब्राह्मी के पत्तों के पाउडर को एलोवेरा जेल में मिलाकर बालों में हेयर मास्क अप्लाई करने से भी फायदा मिलता है।

4 हिना है नेचुरल कलरिंग एजेंट

हिना एक नेचुरल कलरिंग एजेंट है जो स्कैल्प को ठंडक प्रदान करता है। इसके अलावा नेचुरल लाल भूरे रंग की टिंट प्रदान करते हुए बालों को मजबूत बनाता है। इसकी मदद से बिना किसी हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किए बगैर भूरे बालों को कवर करने में सहायता कर सकता है।

कैसे करें उपयोग

हिना पाउडर में पानी और नींबू के रस की कुछ बूंदों को मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे ब्रश की मदद से बालों की जड़ों के बीचों बीच लगाएं और धोने से पहले कई घंटों के लिए छोड़ दें। अब इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है।

हिना एक नेचुरल कलरिंग एजेंट है जो स्कैल्प को ठंडक प्रदान करता है। चित्र : शटरस्टॉक

5. नीम स्कैल्प को करे डिटॉक्सीफाई

नीम में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ पाई जाती हैं। नीम से स्कैल्प को डिटॉक्सीफाई करने, बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने और समय से पहले सफेद होने से रोकने के लिए प्रभावी माना जाता है।

कैसे करें उपयोग

नीम के पत्तों को उबालकर नीम का पानी तैयार करें और इससे स्कैल्प को धोएँ। वैकल्पिक रूप सेए बालों में नीम का तेल बालों पर लगाएँ। सप्ताह में दो बार नीम के तेल में नारियल का तेल मिलाकर लगाने से बालों की ग्रोथ और पिगमेंट दोनों में बढ़ोतरी होती है।

6. शिकाकाई है प्राकृतिक क्लींजर

शिकाकाई एक प्राकृतिक क्लींजर है जो एक कंडीशनर के रूप में भी काम करता है। यह बालों को मजबूत बनाता है और समय से पहले सफेद होने से रोक सकता है। स्कैल्प के रूखेपन को कम करके रूसी की समस्या को हल करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।

कैसे करें उपयोग

शिकाकाई पाउडर को प्राकृतिक शैम्पू के रूप में इस्तेमाल करें। इसे पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें और बालों को धोएं। इसके अलावा शिकाकाई की कलियों को काले आंवला के साथ बिगोकर रात भर रख दे और अगली सुबह उस पानी से बालों को धोएं।

शिकाकाई एक प्राकृतिक क्लींजर है जो एक कंडीशनर के रूप में भी काम करता है। चित्र: शटरस्टॉक

7. मेथी से बढ़ाएं बालों की स्मूदनेस

मेथी के बीजों में प्रोटीन और निकोटिनिक एसिड होता हैए जो बालों के विकास और प्राकृतिक रंग को बढ़ावा देता है। इससे बालों की स्मूदनेस बढ़ती है और बाल टूटने की समस्या से बचा जा सकता है। इससे बालों की जड़ों को पोषण मिलता है।

कैसे करें इस्तेमाल

मेथी के बीजों को रात भर भिगोएँ और उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को स्कैल्प और बालों पर लगाएँ। इसके अलावा मेथी के बीजों को पानी में डालकर कुछ देर तक उबालें और फिर उसे छानकर उसमें आंवला का पाउडर मिलाकर बालों में लगाएं।

ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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