शरीर में पोषण की कमी जहां थकान, हड्डियों की कमज़ोरी और इन डाइजेशन का कारण साबित होती है, तो वहीं इससे हेयरफॉल का सामना भी करना पड़ता है। दरअसल, सर्दी के मौसम में मौसम में बढ़ने वाली शुष्कता और आहार में आने वाले बदलाव बालों के झड़ने का कारण साबित होते हैं। ऐसे में शरीर में विटामिन, मिनरल, जिंक और प्रोटीन का उचित स्तर जो बॉडी फंक्शनिंग को सुचारू बनाए रखने में मदद करता है, तो वहीं बालों का टूटना भी कम होने लगता है। जानते हैं वो फूड्स को बालों की मज़बूती को बढ़ाने में होते हैं मददगार साबित (foods for hair growth) ।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार शरीर में आयरन, बायोटिन, रिबोफ्लेविन, विटामिन बी 12 और डी की कमी हेयरफॉल का कारण साबित होती है। विटामिन और मिनरल की उच्च मात्रा (foods for hair growth) से हेयर फॉलिकल ग्रोथ साइकिल नियमित बनी रहती है।
इस बारे में डायटीशियन अर्चना बत्रा बताती हैं कि बालों के झड़ने के लिए पोषक तत्वों की कमी (foods for hair growth), तनाव, हार्मोनल असंतुलन, प्रदूषण और हेयर स्टाइलिंग मुख्य कारण साबित होता है। दरअसल, संतुलित आहार बालों की बनावट के साथ साथ उसकी गुणवत्ता को भी बढ़ाने का काम करता है। जहां आयरन को डाइट में शामिल करने से हेयर टिशू ऑक्सीजनेशन में मदद मिलती है। वहीं बायोटिन हेयर प्रोटीन का काम करता है। वहीं विटामिन सी का भरपूर सेवन करने से डैमेज हेयर फॉलिकल्स को रिपेयर किया जा सकता है और सफेद बालों की समस्या हल होने लगती है।
आहार में गाजर को शामिल करने से शरीर को विटामिन, ए, सी और ई की प्राप्ति होती है इसके अलावा शरीर को बीटा कैरोटीन, फाइबर और पोटेशियम भी प्राप्ति होता है। इससे जहां बाल मॉइश्चराइज़ रहते हैं, तो वहीं हेयरलॉस से भी बचा जा सकता है। इससे बालों की शाइन मेंटेन रहती है और स्पिल्ट एंड्स की समस्या से भी बचा जा सकता है। वे लोग जो बालों के रूखेपन से परेशान है, वो सैलेड, सूप, जूस या स्मूदी के रूप में इसे आहार में शामिल कर सकते हैं।
विटामिन के अलावा आयरन की कमी बालों के झड़ने का कारण बनने लगती है और पालक आयरन का मुख्य प्लांट बेस्ड सोर्स है। यूएसडीए के अनुसार एक कप पालक का सेवन करने से 15 फीसदी आयरन और 20 फीसदी विटामिन ए की कमी पूरी हो जाती है। दरअसल, आयरन की मदद से रेड ब्लड सेल्स को ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है, जो शरीर में प्रवाहित होने लगती है। इससे बालों की ग्रोथ में मदद मिलने लगती है। परांठा, सूप और स्मूदी बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं।
इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन की मात्रा शरीर में पहुंचकर विटामिन ए में कनवर्ट होने लगती है। इससे शरीर को भरपूर मात्रा में से पोषक तत्व मिलने लगता है और इस प्रकार से हेयरलॉस से बचा जा सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार विटामिन ए का सेवन करने से सीबम प्रोडक्शन बढ़ने लगता है, जिससे बाल हेल्दी और स्मूद बनने लगते हैं। फ्रूट चाट और सैलेड के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं।
डेली मील में एवोकाडो को शामिल करने से विटामिन सी और ई की प्राप्ति होती है। यूएसडीए के अनुसार 200 ग्राम एवोकाडो का सेवन करने से शरीर को 28 फीसदी विटामिन ई मिलने लगता है। इस एंटीऑक्सीडेंट से शरीर में बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से राहत मिलने लगती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की स्टडी के अनुसार विटामिन ई सप्लीमेंट्स का आठ महीने तक सेवन करने से हेयरग्रोथ में 34.5 फीसदी का सुधार देखने को मिलता है। इसे स्प्रैड के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
आहार में नट्स और सीड्स को शामिल करने से शरीर को विटामिन, प्रोटीन, जिंक और हेल्दी फैट्स की प्राप्ति होती है। इससे शरीर में इंफ्लामेशन को कम किया जा सकता है और हेयर ग्रोथ बढ़ने लगती है। मील में इसे शामिल करने से ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति होती और बाल हेल्दी बनने लगते है।
वे लोग जो संतरा, किन्नू, नींबू, स्ट्रॉबेरी, ब्लैक बेरी और गूज़ बेरी को अपने आहार में शामिल करते हैं, उससे शरीर को एंटीऑक्सीडेंट्स की प्राप्ति होती है। साथ ही बालों को टूटने से बचाया जा सकता है। दरअसल, इसके सेवन से नुकसानदायक मॉलिक्यूल्स यानि फ्री रेडिकल्स के खतरे को कम किया जा सकता है। साथ ही इससे मिलने वाला विटामिन सी शरीर में कोलेजन को बढ़ाने लगता हैं। इससे शरीर में आयरन एबजॉर्बशन में मदद मिलती है, जिससे हेयरग्रोथ को बढ़ावा मिलता है।
जिंक से शरीर में मल्टीपल एंजाइम्स की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे हेयरफॉल से बचा जा सकता है। अंडे का सेवन करने से शरीर को जिंक, प्रोटीन और बायोटिन की प्राप्ति होती है। इससे बाल, त्वचा और नाखून के लिए भी ये फायदेमंद है। बायोटिन की उच्च मात्रा से हेयर प्रोटीन का प्रोड्क्शन बढ़ने लगता है।
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