सर्दी के दिनों में एपिटाइट बढ़ने से बार बार कुछ न कुछ खाने का मन करता है। ऐसे में अनहेल्दी स्नैक्स शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करने लगते हैं। इससे कई समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में भुने चने हेल्दी स्नैक्स का एक बेहतरीन और पौष्टिक विकल्प है, जिसे खाने से शरीर को कई लाभ मिलते हैं। दिनभर में मुट्ठी भर भुने चले खा लेने से शरीर तरोताज़ा रहता और एनर्जी का स्तर भी उचित बना रहता है। अगर आप भी किसी यात्रा पर जा रहे हैं और हेल्दी स्नैक्स को अपने सफर का साथी बनाना चाहते हैं, तो भुने हुए चनों से बेहतर कुछ हो नहीं सकता। जानते हैं कैसे भुने चने हैं स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद (health benefits of roasted chana)।
एनआईएच की एक स्टडी के अनुसार 12 महिलाओं में से आधी महिलाओं ने खाना खाने से पहले 200 ग्राम चने खाए और बाकी महिलाओं ने मील लेने से पहले 2 स्लाइज़ व्हाइट ब्रेड के खाएं। इनमें से जिन महिलाओं ने भुने हुए चने खाए, उनका कैलोरी इनटेक व्हाइट ब्रेड खाने वाली महिलाओं की तुलना में कम रहा और उन्हें कम भूख लगी।
इस बारे में मणिपाल हास्पिटल गाज़ियाबाद में हेड ऑफ न्यूट्रीशन और डाइटेटिक्स डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि रोस्टिड चने खाने से शरीर में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, मिनरल और पोटेशियम की कमी पूरी होती है। लो ग्नाइसेमिक इंडेक्स के चलते डायबिटीज़ के मरीजों के लिए ये फायदेमंद है। इसमें मौजूद फोलेट और जिंक की मात्रा गट हेल्थ को मज़बूत बनाती और आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाते है। इसके अलावा त्वचा के लिए एंटी एजिंग एजेंट के रूप में काम करते हैं। इस प्लांट बेस्ड सुपरफूड में अमीनो एसिड भी पाए जाते हैं।
अगर पोषण मूल्य की बात करें, तो चने में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो शरीर में नए सेल्स को बनाने में मदद करता है। इस प्लांट बेस्ड प्रोटीन से मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है और शरीर में एनर्जी का लेवल बना रहता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार भुने चनों में फाइबर और प्रोटीन की उच्च मात्रा पाई जाती है, जिससे बार बार क्रेविंग की समस्या हल हो जाती है। साथ ही लो कैलोरी फूड होने के चलते वज़न बढ़ने का खतरा भी कम हो जाता है। इससे पाचनतंत्र को मज़बूती मिलती है।
चने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के चलते ब्लड शुगर लेवल को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। इससे एनर्जी धीरे धीरे रिलीज़ होती है, जो शुगर को ब्लड में स्पाइक करने से रोकती है। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में लो ग्लाइसेमिक इंडैक्स वाले फूड बेहद फायदेमंद साबित होते हैं, जो शुगर लेवल को फलक्चुएट होने से रोकते हैं।
एनआईएच के अनुसार भुने हुए चने का सेवन करने से शरीर में साल्यूबल फाइबर की कमी पूरी होती है, जिससे आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं। इससे कोलन केंसर और पेट संबधी समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है। साथ ही पाचन में भी सुधार आने लगता है, जिससे कब्ज की समस्या और ब्लोटिंग से राहत मिलती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार चनों को रोस्ट करके खाने से मानसिक स्वास्थ्य उचित बनी रहता है। साथ ही ब्रेन फंक्शन को भी सपोर्ट मिलता है। इसमें पाया जाने वाला कोलीन एक ऐसा पोषक तत्व है, जिससे मेमोरी और मूड को रेगुलेट करने में मदद मिलती है। ये एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है, जो नर्वस सेल्स के लिए मैसेंजर के रूप में कार्य करता है।
घर पर काले चने भूनने के लिए सबसे पहले लोहे की कढ़ाई में 2 कप नमक को डालकर अच्छी तरह से गर्म कर लें। जब नमक पूरी तरह से गर्म हो जाए, तो उसमें 1 कटोरी काले चनों की डालकर उसे कुछ देर तक चलाएं। इस दौरान फ्लेम हाई रखें, जिससे आसानी से पक जाएं। ध्यान रखें कि पानी को भूनने से पहले पानी में सोक न करें। हीट मिलने से चने खुलने लगते हैं और फिर आंच को धीमा कर लें। अब तैयार चनों को छानकर निकाल लें। इसे बनाने के लिए बिल्कुल् छोटे चनों की जगह थोड़े बड़े साइज़ के काले चनों को लें। उन्हें पकाना बेहद आसान होता है।
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