चाय एक ऐसा ड्रिंक है जो दुनिया भर के लोगों के बीच लोकप्रिय है। चाय आम तौर पर दो तरह की होती है, हरी और काली दोनों तरह की चाय कैमेलिया साइनेंसिस पौधे की पत्तियों से बनाई जाती है। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि ब्लैक टी ऑक्सीकृत होती है और ग्रीन टी नहीं। वेट कम करने वालों को अक्सर ग्रीन या ब्लैक टी पीते देखा गया है। हमारे घर में अकसर यह विवाद का मुद्दा बनता है कि वेट लॉस के लिए क्या बेहतर है? क्योंकि मुझे ब्लैक टी पसंद है और मम्मी को ग्रीन टी। तो क्या है दोनों में से बेहतर (Green tea vs black tea)।
काली चाय बनाने के लिए, पत्तियों को पहले सुखाया जाता है और फिर ऑक्सीकरण प्रक्रिया को तेज़ करने के लिए हवा के संपर्क में लाया जाता है। इस प्रतिक्रिया के कारण पत्तियाँ गहरे भूरे रंग की हो जाती हैं जिससे स्वाद को बढ़ाने में मदद मिलती। ग्रीन टी के ऑक्सीकरण को रोकने के लिए संसाधित किया जाता है और इस प्रकार काली चाय की तुलना में ग्रीन टी रंग में बहुत हल्की होती है।
ग्रीन और ब्लैक टी अलग-अलग होती हैं, चलिए जानें कि किस तरह यह दोनों वजन घटाने के लिहाज से उपयोगी हैं और दोनों में बेहतर कौन सी है।
स्टे फिट जामनगर की न्यूट्रीशनिस्ट अनिता जेना बताती हैं कि हरी और काली चाय दोनों में ही पॉलीफेनोल्स नामक सुरक्षात्मक एंटीऑक्सिडेंट मौजूद है। खास तौर पर इसमें फ्लेवोनोइड्स पाए जाते हैं, जो कि पॉलीफेनोल्स के एक उपसमूह से संबंध रखता है।
फ्लेवोनोइड्स के प्रकार और मात्रा अलग-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए, ग्रीन टी में एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (ईजीसीजी) की अधिक मात्रा होती है, जबकि ब्लैक टी में थिएफ्लेविन्स का स्रोत होता है।
ग्रीन और ब्लैक टी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स आपके दिल की रक्षा करते हैं एक अध्ययन में पाया गया कि हरी और काली चाय एलडीएल ( खराब) कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करती है। समीक्षाओं में पाया गया कि हरी और काली चाय पीने से आपका रक्तचाप कम हो सकता है।
अध्ययनों में यह भी पाया गया कि जो लोग प्रतिदिन 1-3 कप पीते थे, उनमें क्रमशः 19% और 36% दिल का दौरा और स्ट्रोक का जोखिम कम होता था, उन लोगों की तुलना में जो हर दिन 1 कप से कम ग्रीन टी पीते थे। कम से कम 3 कप ब्लैक टी पीने से हृदय रोग का खतरा 11% तक कम हो सकता है।
ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कम होती है ग्रीन कॉफी की तुलना में) और यह स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले यौगिकों से भरी होती है। अध्ययनों के अनुसार, ग्रीन टी पीने से आपको वजन कम करने और मधुमेह, कैंसर और अन्य हृदय संबंधी बीमारियों सहित कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
असल में ग्रीन टी में कैफीन और फ्लेवोनोइड का एक और रूप होता है, जिसे कैटेचिन कहा जाता है। कैटेचिन निस्संदेह एक एंटीऑक्सीडेंट ही है। अध्ययन इस बात की वकालत करते हैं कि वे यौगिक चयापचय (Compositional metabolism) को तेज करने में सहायता कर सकते हैं, साथ ही कैटेचिन को शरीर के भीतर अतिरिक्त वसा को सफलतापूर्वक नष्ट करने के लिए माना जाता है।
चाय में विटामिन बी, फोलेट, मैग्नीशियम और फ्लेवोनोइड्स भी होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने, कोरोनरी हृदय की कार्यप्रणाली को बढ़ाने, अल्जाइमर विकार के खतरे को कम करने और टाइप 2 मधुमेह से निपटने में मदद कर सकते हैं।
ग्रीन टी को सेवन के लिए सुरक्षित माना जाता है लेकिन दैनिक खुराक अब दो से तीन कप से अधिक नहीं होनी चाहिए। ग्रीन टी सुबह के पेय के लिए एक अविश्वसनीय विकल्प है। इसमें आपको सुबह की ताकत बढ़ाने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैफीन है। यह उचित है कि हरी चाय सुरक्षित और स्वस्थ है, हालांकि, मध्यम मात्रा में सेवन करना हमेशा बेहतर होता है।
वजन घटाने के लिए ब्लैक टी
ब्लैक टी (Black Tea) पीने से आपका वज़न कम होता है क्योंकि उसमे न तो चीनी है न ही दूध। ब्लैक टी के लिए हमेशा आप टी बैग का इस्तेमाल करें। इससे आप अपनी कैलोरी को गिन सकते हैं। काली चाय में पाए जाने वाले प्रभावशाली थीफलीवेन्स और थिरोबिगिन्स जैसे तत्व दूध के असर को कम कर देता है और बढ़ते हुए वज़न को घटाने में सहायक होता है।
काली चाय में मौजूद ये तत्व शरीर की चर्बी और कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहायक होते है। ब्लैक टीमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट बढ़ते हुए वज़न को घटाने में सहायक होती है परन्तु यदि इसमे दूध मिला दिया जाए तो इसका असर कम हो जाता है। यदि आप रोज़ाना ब्लैक टी पीते हैं, तो इससे आपका वज़न नियंत्रित रहने के साथ-साथ हार्ट स्ट्रोक का खतरा भी कम हो जाता है। इसमे मौजूद फ्लेवेनाइड खराब कोलेस्ट्रोल को बनने से रोकता है।
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