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नीम से लेकर दालचीनी तक, यहां हैं स्किन इचिंग से राहत दिलाने वाली 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स, जानिए कैसे करना है इनका इस्तेमाल 

खुश्की या पसीने की समस्या के कारण स्किन इचिंग आम समस्या है। यहां बताई जा रही 5 आयुर्वेदिक हर्ब्स आपको इन समस्याओं से राहत दे सकती हैं। 
Published On: 15 Oct 2022, 03:37 pm IST
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tavacha sambandhi samsyayon ka karan ho akti hai dryness
इचिंग से मुक्त रहने के लिए किसी भी माइश्चराइजर, सीरम या एलोवेरा जेल में कुछ बूंद लगाने से स्किन को ठण्डक मिलती है। चित्र- शटरस्टॉक

कभी कभी शरीर की स्किन पर खुजली होने लगती है। खासकर हाथ-पैर की उंगलियों और पोरों में। सर्दी के मौसम में यह खुजली बढ़ सकती है। असल में यदि सुबह तापमान कम रहता है, तो हम मोज़े, दास्ताने या हल्का गर्म कपडा डाल लेते हैं। जब दोपहर में तेज धूप रहती है, तो पसीना आने लगता है और हमें गर्मी लगने लगती है। नतीजा स्किन पर खुजली होने लगती है। मां कहती है कि यदि स्किन पर 5 आयुर्वेदिक हर्ब का इस्तेमाल किया जाए, तो स्किन की खुजली (ayurvedic herb for skin itching) हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।

 क्यों होने लगती है इन दिनों त्वचा में खुजली 

खुजली दो वजह से हो सकती है। पहला कारण यह हो सकता है कि हवा और अधिक गर्म पानी के संपर्क में जब स्किन आती है, तो नमी खत्म हो जाती है। इससे स्किन ड्राई हो जाती है और इसके कारण खुजली होने लगती है।

वहीं दूसरी ओर एक स्थान पर अधिक देर तक पसीना जमा होने के कारण बैक्टीरिया ग्रो कर जाते हैं। ये स्किन सेल्स को अपना भोजन बनाने लगते हैं। इससे भी स्किन पर खुजली होने लगती है।

यहां हैं 5 आयुर्वेदिक हर्ब, जिनका उपयोग कर आप स्किन इचिंग से राहत पा  सकती हैं  

1 एलोवेरा (Aloevera)

एलोवेरा संपूर्ण शरीर के लिए स्वास्थ्यकर होता है। इसमें फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन ई मौजूद होता है। ये पोषक तत्व स्किन की सभी समस्याओं के लिए प्रभावी होते हैं।

कैसे करें प्रयोग

इचिंग वाले स्थान को अच्छी तरह साफ़ कर लें।

एलोवेरा की पत्ती के एक टुकड़े को अच्छी तरह धो लें।

इसे मसलकर जेल निकाल लें।

इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।

2 दालचीनी(Cinnamon) 

दालचीनी एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण वाला होता है। यह स्किन को खुजली की समस्या से राहत दिला सकता है।  

कैसे करें प्रयोग

दालचीनी का पाउडर बना लें।

इसमें नारियल तेल की उचित मात्रा मिलाकर खुजली वाले स्थान पर लगा लें।

यह माइक्रोबियल विकास को रोक देगा।

3 लहसुन(Garlic) 

लहसुन एंटी-बायोटिक, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल होता है। मैंगनीज, पोटैशियम, आयरन, कैल्शियम से यह भरपूर होता है।

कैसे करें प्रयोग

 ताजा लहसुन की कुछ कलियों को पीस लें।

इस पेस्ट को खुजली वाली जगह पर लगाएं।

दिन में दो या तीन बार इसे लगाया जा सकता है।

एलर्जी होने पर नहीं लगायें।  

 4 पुदीना की पत्तियां(Mint) 

एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लामेटरी गुणों वाले पुदीने में विटामिन ए, विटामिन सी, सोडियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन भी होता है।

कैसे करें प्रयोग

पुदीने की पत्तियों को पीसकर प्रभावित स्थान पर लगा लें।

पुदीने की पत्तियों को मसलकर रस निचोड़ लें। खुजली वाले स्थान पर लगातार लगाने से राहत मिलती है।

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पुदीने की पत्तियों को मसलकर रस निचोड़ लें। खुजली वाले स्थान पर लगातार लगाने से राहत मिलती है। चित्र: शटरस्टॉक

 5  नीम का पेस्ट (Neem) 

नीम में एंटीसेप्टिक गुण होता है। यह एंटीबैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुणों वाला भी होता है।

कैसे करें प्रयोग

नीम की ताज़ी पत्तियों को पीसकर लगाया जा सकता है।

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नीम की ताज़ी पत्तियों को पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाया जा सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

नीम की पत्ती और कच्ची हल्दी का एक छोटा टुकड़ा पीसकर भी लगाया जा सकता है।

नीम की पत्तियों के पेस्ट में कपूर मिलाकर प्रयोग कर सकती हैं।

नीम की पत्तियों को उबालकर खुजली वाले स्थान को धोया जा सकता है।

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लेखक के बारे में
स्मिता सिंह
स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।

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