खाने के बाद अक्सर हमें कुछ ऐसा चाहिए होता है जो मुंह फ्रेश करने में मदद करे। सांस की बदबू हटाए, ऐसे में पहला नाम जो दिमाग में आता है, वो है सौंफ। अक्सर लोग खाने के बाद यही खाना पसंद करते हैं और अपनी ज़रुरत के अनुसार इसमें मिश्री या इलाइची का इस्तेमाल करते हैं। मगर क्या आप जानती हैं कि सौंफ एक माउथ फ्रेशनर से बढ़कर है।
सौंफ किसी जड़ी बूटी से कम नहीं है और इसके ढ़ेरों फायदे हैं, जो आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, कई शारीरिक समस्याओं और बीमारियों से आपको राहत प्रदान कर सकते हैं। ब्लड शुगर कंट्रोल (blood sugar control) करने से लेकर वॉटर रिटेंशन (water retention) को दूर करने तक, सौंफ (fennel seeds) पोषक तत्वों से भरपूर होती है और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है।
सौंफ दिखने में बिल्कुल जीरे जैसी होती है, लेकिन इसका रंग हल्का हरा पन लिए होता है। इसका स्वाद हल्का मीठा होता है और इसमें खुशबु भी होती है। सौंफ के पौधे से यह बीज निकाले जाते हैं और इनका इस्तेमाल विभिन्न तरह से किया जाता है। इसमें विटामिन K, विटामिन E, मैंगनीज, कॉपर, जिंक और फास्फोरस जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसके साथ ही यह विटामिन C का एक अच्छा स्रोत है। हम सभी जानते हैं कि इसका उपयोग माउथ फ्रेशनर के रूप में भी व्यापक रूप से किया जाता है।
कैलोरी: 19.8
फाइबर: 2.3 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट: 3 ग्राम
प्रोटीन: 0.9 ग्राम
वसा: 0.6 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल: 0 ग्राम
विटामिन C
कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम
विटामिन E
सेलेनियम और आयरन
विटामिन K
एंटीऑक्सिडेंट जैसे पॉलीफेनोल
एनेथोल जैसे कार्बनिक यौगिक
क्या आप जानती हैं कि सौंफ वज़न घटाने के लिए फायदेमंद है? जी हां… सौंफ में डायटरी फाइबर होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं। जिसकी वजह से आपको जल्दी भूख नहीं लगती है। इस वजह से आप ओवरईटिंग से भी बच जाएंगी।
सौफ सेलेनियम में समृद्ध होती है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। सौंफ के बीज चबाने या इसकी चाय लिवर को अच्छे एंजाइम का उत्पादन करने में मदद मिलती है जो इसे प्राकृतिक रूप से डिटॉक्सिफाई करते हैं।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन के अनुसार सौंफ के बीज कब्ज, सूजन और अपच को ठीक करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह एनेथोल, फेनचोन और एस्ट्रैगोल जैसे एसेंशियल ऑयल के कारण होता है, जो सौंफ में मौजूद होते हैं।
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ द्वारा किये गए अध्ययनों से पता चलता है कि सौंफ के बीज में विटामिन A की उच्च मात्रा होती है, जो कि आंखों की रौशनी में सुधार कर सकती है। इसके अलावा, प्राचीन काल में लोग ग्लूकोमा से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए सौंफ के बीज के अर्क का इस्तेमाल करते थे – यह एक आयुर्वेदिक तरीका है। सौंफ एंटीऑक्सिडेंट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो मोतियाबिंद के जोखिम से भी बचाती है।
जर्नल ऑफ फूड साइंस के एक अध्ययन में सामने आया कि सौंफ चबाने से लार में नाइट्राइट के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। बता दें कि नाइट्राइट एक प्राकृतिक तत्व है जो रक्तचाप को नियंत्रित रख सकता है। इसके अलावा सौंफ में पोटैशियम भी भरपूर मात्रा में होता है, जो ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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