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चेहरे पर निकले सफेद दाने या मिलिया को दूर भगाने के लिएअपनाएं ये 4 घरेलू उपाय 

अल्ट्रावॉयलेट रेज़, स्टेरॉयड वाली क्रीम और त्वचा में जमा होने वाले केराटिन की वजह से आपके चेहरे पर सफ़ेद पिम्पल्स या फुंसी हो सकती हैं। ये मिलिया कहलाती हैं और मम्मी के नुस्खों में इसका भी उपचार मौजूद है।
स्किन इशूज़ से परेशान होने पर फेशियल ऑयल से करें परहेज, चित्र: शटरस्टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 20 Oct 2023, 09:09 am IST
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सफेद दाने आपकी त्वचा की सतह पर आए छोटे-छोटे उभार हैं, जिन्हें मिलिया (Milia) भी कहा जाता है, जो अक्सर आपकी नाक, गाल और ठुड्डी पर एक साथ आते हैं। वे आपकी त्वचा की सतह में केराटिन के निर्माण के कारण होते हैं। बहुत से शिशुओं में जन्म के शुरुआती महीनों में ही  मिलिया (Milia in babies) देखने मिल जाता है, लेकिन स्किन को बिना कोई नुकसान पहुंचाए कुछ ही समय में यह ठीक भी हो जाता है। दूसरी ओर किशोरों और वयस्कों में, मिलिया ज्यादा समय तक परेशान कर सकते हैं। पर हमारे घर में ही कुछ ऐसे उपाय हैं जो आपको इनसे छुटकारा दिला सकते हैं। आइए जानते हैं मिलिया (Milia home remedies) से बचाव के कुछ घरेलू उपचार। 

क्यों हो जाते हैं चेहरे पर सफेद दाने या मिलिया (Milia causes)

शिशुओं को होने वाले मिलिया के कारणों के बारे में नहीं कहा जा सकता। कभी-कभी ये बच्चों को मां के माध्यम से भी हो जाते हैं। लेकिन, इस बारे में चिंता करने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि कुछ ही समय में मिलिया खुद ही ठीक हो जाते हैं।

किशोरों और वयस्कों को सूरज की डैमेजिंग (UV rays) किरणों, स्टेरॉयड क्रीम के अत्यधिक उपयोग, स्किन रेजुवनेशन ट्रीटमेंट्स जैसे डर्माब्रेशन या लेजर रिसर्फेसिंग, ब्लिस्टरिंग (Blistering), चोटों या त्वचा की स्थिति जैसे एपिडर्मोलिसिस बुलोसा, सिकाट्रिकियल पेम्फिगॉइड या पोर्फिरिया कटानिया टार्डा (पीसीटी) जैसा कुछ भी होने पर सफ़ेद मुंहासा यानी मिलिया हो सकता है।

जानें मिलिया के प्रकार के बारे में

प्राथमिक तौर पर सफेद फुंसी आमतौर पर पलकों, माथे, गालों और जननांगों पर उभर आते हैं, लेकिन बिना किसी खास उपचार के ये कुछ हफ्तों या महीनों में अपने आप ही दूर हो जाते हैं।

सेकेंडरी व्हाइट पिंपल्स (Secondary white pimples)

सेकेंडरी व्हाइट पिंपल्स तब पैदा होते हैं जब आपकी त्वचा को किसी तरह की क्षति हुई हो – जैसे कि सूरज के अत्यधिक संपर्क में होना, स्टेरॉयड क्रीम का अति प्रयोग, फफोले, जलन आदि। इन्हें अधिक देखभाल और ध्यान देने की आवश्यकता होती है और इलाज में अधिक समय लगता है।

अल्ट्रावॉयलेट रेज़ के कारण भी हो सकते हैं सफ़ेद मुंहासे या मिलिया। चित्र : शटरस्टॉक


मिलिया को तब तक ठीक नहीं किया जा सकता, जब तक आप उन्हें चिकित्सकीय रूप से हटा नहीं देते। यदि आपके चेहरे पर सफेद पिंपल्स की उपस्थिति स्किन को प्रभावित कर रही है, तो त्वचा चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए, जो आपकी त्वचा की जांच करने पर, एडैपेलीन जेल या ट्रेटीनोइन क्रीम लगाने के लिए दे सकते हैं।

कुछ लोग सर्जिकल विकल्पों का भी सुझाव देते हैं, जिसमें मिलिया को पंचर कर की जाने वाली क्रायोथेरेपी, जिसमें मिलिया में मौजूद कील निकाला जा सकता है। कुछ प्रकार के मिलिया का इलाज मिनोसाइक्लिन नामक एंटीबायोटिक से भी किया जा सकता है।

यहां कुछ प्राकृतिक हैं, जो मिलिया से बचाव और उपचार में मददगार हो सकते हैं 

1 क्लींजिंग

त्वचा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए दिन में दो बार अपने चेहरे को साफ करना जरूरी है। क्लींजिंग आपकी त्वचा के छिद्रों में जमा धूल, प्रदूषण और जमी हुई गंदगी को हटाने में मदद करती है। यह न केवल एपिडर्मिस को साफ करता है, बल्कि डर्मिस – आपके एपिडर्मिस के नीचे की परत को भी साफ करता है।

इस स्टेप को करने के बाद ही आपको अपनी स्किन केयर रूटीन के साथ आगे बढ़ना चाहिए। अन्यथा, आप बंद त्वचा पर उत्पादों को लागू करेंगे, जिससे आपकी त्वचा के टूटने और संक्रमण का खतरा हो जाएगा। क्लींजिंग त्वचा में केराटिन को इकट्ठा नहीं होने देता मिलिया को हों से रोकता है। क्लीन्ज़र ऐसा चुनें जिसमें केमिकल न हों।

2 भाप लें

यदि आपके रोम छिद्र बंद हैं, तो भाप लेना आपके रोम छिद्रों के बड़ा होने से और उनमें जमा धूल और जमी हुई गंदगी को क्लीन्ज़र की मदद से बाहर निकालने का एक प्रभावी तरीका है। ध्यान रहे कि आपको हर दिन अपने चेहरे को भाप नहीं देना चाहिए। सप्ताह में एक या दो सप्ताह में एक बार पर्याप्त से अधिक है।

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भाप लेना आपकी मिलिया हटाने के लिए भी फायदेमंद है। चित्र: शटरस्‍टॉक

3 एक्स्फ़ोलिएशन 

एक्सफोलिएटिंग स्किनकेयर का एक अनिवार्य हिस्सा है, क्योंकि यह आपकी त्वचा की सतह से चिपकी हुई मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है। जो लोग बहुत अधिक धूल और प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं, उन्हें इसे अधिक बार करना चाहिए। अगर आपका चेहरा सुस्त और थका हुआ दिखता है, तो यह इस बात का संकेत है कि इसे गंभीरता से एक्सफोलिएशन की जरूरत है।

4 सनस्क्रीन

अल्ट्रावॉयलेट रेज़ की वजह से स्किन को हुई की क्षति मिलिया के मुख्य कारणों में से एक है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, आपकी त्वचा भी बूढ़ी होने लगती है। यह सूरज की हानिकारक यूवी किरणों के लिए कम प्रतिरोधी (les resistant) हो जाती है, जिससे काले धब्बे, महीन रेखाएं, झुर्रियां और झाइयां हो जाती हैं। इसलिए, दिन में हर समय सनस्क्रीन लगाया जाना चाहिए।

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टीम हेल्‍थ शॉट्स

ये हेल्‍थ शॉट्स के विविध लेखकों का समूह हैं, जो आपकी सेहत, सौंदर्य और तंदुरुस्ती के लिए हर बार कुछ खास लेकर आते हैं। ...और पढ़ें

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