क्या आपको भी खाना खाने के बाद घबराहट (Nausea) महसूस होने लगती है? पेट फूलना (Bloating) मन घबराना, उल्टी (Vomiting) जैसा महसूस होना? यदि आपके साथ भी आजकल यही सब हो रहा है, तो बता दें कि यह सब गर्मी के मौसम की वजह से हो सकता है। अब आप कहेंगे कि मुझे कैसे पता? इसलिए, क्योंकि कुछ दिनों पहले तक मैं भी इसी समस्या से जूझ रही थी। तब मेरी मम्मी नें मुझे इससे जुड़ी कुछ ज़रूरी सलाह दी, जो में आज आपके साथ साझा करने जा रही हूं।
पेट की समस्याओं के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका एक कारण वातावरण में बढ़ती गर्मी (Heat) भी हो सकती है। मम्मी कहती हैं कि इस मौसम में खानपान का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। जब इस समस्या के बारे में मैंने ऑनलाइन जानकारी हासिल करने की कोशिश की, तो मुझे गर्मियों और खानपान से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें जानने को मिली। तो बिना किसी देरी के चलिये जानते हैं क्या हैं वे?
जैसे जैसे गर्मी और ह्यूमिडिटी (Humidity) बढ़ती है, रक्त वाहिकाएं और केशिकाएं फैलती हैं। इस वजह से अंगों और ऊतकों के बीच रिक्त स्थान में अधिक तरल पदार्थ भर जाता है, जिससे ब्लोटेड महसूस होता है। गर्मी में शरीर में तरल पदार्थ की कमी से कब्ज हो सकता है और आपका मन खाना खाने के बाद घबरा सकता है – खासकर गर्मियों में भारी खाना खाने के बाद। यहां तक कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) भी गर्मियों के दौरान बढ़ सकता है।
गर्मियों में पाचन संबंधित समस्याओं के बारे में और जानने के लिए हमने,वॉकहार्ट अस्पताल, मीरा रोड, मुंबई के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, डॉ मृदुल धरोड से बात की।
डॉ मृदुल का कहना है कि – ”बढ़ती गर्मी के कारण गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकार (Gastrointestinal Disorder) जैसे पेट में ऐंठन (Cramps) , दस्त (Diarrhea), उल्टी, कब्ज और पेट में सूजन बहुत आम हैं। इसलिए गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए खान-पान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।”
भारी और तैलीय स्नैक्स से बचें क्योंकि वे पचने में अधिक समय लेते हैं। साथ ही इससे पेट भी खराब हो सकता है और पेट फूल जाता है। डॉ मृदुल के अनुसार – ”आहार में हरी सब्जियां और ताजे फल जैसे सेब, नाशपाती, तरबूज, खीरा शामिल करें।” छोटे हिस्से में भोजन करें और पूरे दिन भोजन को अलग रखें क्योंकि यह आसान पाचन और हाईड्रेशान में मदद करता है। टमाटर, गाजर और प्याज के साथ सलाद खाएं जो फाइबर से भरपूर होते हैं।
गर्मियों में पर्याप्त पानी पीना बहुत ज़रूरी है। इसके अलावा, आप ताजा जूस और नारियल पानी का सेवन भी कर सकती हैं। रोजाना 8-10 गिलास पानी पीना आवश्यक है। दही और नमकीन छाछ जैसे पेय शरीर को ठंडक देते हैं और गर्मी से शरीर की रक्षा करते हैं।
डॉ धरोड, का मानना है कि प्रोबायोटिक्स (Probiotics) में गट के अनुकूल बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं। बेहतर पाचन तंत्र के लिए फाइबर के साथ-साथ प्रोबायोटिक्स भी महत्वपूर्ण हैं। तो, आहार में दही को शामिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि यह प्रोबायोटिक्स का सबसे अच्छा स्रोत है।
किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि पाचन में सहायता करती है और तनाव को कम करती है। इन सब से पेट की समस्याएं नहीं आती हैं। सुबह मॉर्निंग वॉक (Morning Walk) के लिए जाना या दौड़ना भी आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।
यदि आप पाचन संबंधी परेशानी या गंभीर लक्षणों का अनुभव कर रही हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें और डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।
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